प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाम बदल प्रेम जाल में फंसाकर शारीरिक शोषण करने व धर्म परिवर्तन का दबाव बनाकर खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपी शाहरूख को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा आरोप गम्भीर है, इसलिए आरोपी जमानत पाने का अधिकारी नहीं है।
यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने कानपुर नगर के शाहरुख की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है। मालूम हो कि शिकायतकर्ता की बहन रेनू ने 24 अप्रैल 23 को खुदकुशी कर ली। छोटी बहन रेशू ने बताया कि वह सौरभ से प्रेम करती थी, जो बाद में शाहरुख निकला। उसने धर्म बदलने व निकाह करने का दबाव बनाया और कहा कि धर्म बदल लो या इज्जत बचाने को खुदकुशी कर लो।
याची का कहना था कि वह पड़ोसी हैं। दोनों एक-दूसरे को जानते हैं। आरोप झूठे लगाये गये हैं। कोर्ट ने कहा हिन्दू बनकर प्रेम जाल में फंसाकर कर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाना गम्भीर अपराध है। कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी।