प्रयागराज/मऊ। बिना निर्धारित योग्यता रखते हुए किसी सार्वजनिक पद पर आसीन ब्यक्ति के इलाज के लिए संविधान मे वर्णित याचिकाओं मे “qua warranto” एक पूर्ण इलाज है। जिसके माध्यम से तथ्यगोपन, जालसाजी कर हथियाई गई सरकारी सेवा करने वालो को उनके किये की सजा दिलाई जा सकती है।
संविधान के अनुच्छेद २२६ और ३२ मे वर्णित याचिकाओं मे मौजूद “अधिकार प्रीच्छा” “qua warranto” बिना निर्धारित योग्यता के सरकारी पद पर आसीन किसी ब्यक्ति को सजा के लिए एक पूर्ण इलाज है। इस याचिका के माध्यम से हर उस सरकारी सेवक को उसके किये की सजा दिलाने के लिए उच्च न्यायालय मे यह याचिका प्रस्तुत करनी पड़ती है।
“खरी दुनिया” जनहित मे इस जानकारी को सार्वजानिक कर रही है जिससे आप के पास किसी ऐसे सेवक के बारे मे तथ्यगत जानकारी हो, और , आप चाहते हों कि उसको उसके किये की सजा मिले तो इसके लिए “खरी दुनिया” आप के साथ है।
सीधे शब्दों मे पद के अनुरूप शासनादेश के मुताविक प्रक्रियाओ के खिलाफ तथगोपन और जालसाजी कर हथियाई गई सरकारी सेवा करने वालों के प्रति संविधान मे वर्णित यह याचिका ऐसा इलाज है जिसके माध्यम से उच्च न्यायालय मे उस जालसाज की या तथ्यगोपन कर सरकारी सेवा हथियाने वाले के काले कारनामो के साक्ष्यों को एक याचिका के माध्यम से अदालत मे प्रस्तुत कर उसको उसके किये की सजा दिलाई जा सकती है।