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सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में वोटिंग में जब टूट गए थे 67 सालों के रिकार्ड

संसदीय क्षेत्र के ही तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र में हुआ था सर्वाधिक मतदान

हमीरपुर। हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी संसदीय क्षेत्र में पिछले चुनाव में बंपर वोटिंग हुई थी। मतदान ने पिछले 67 सालों के रिकार्ड ही तोड़ दिए थे। भाजपा की लहर में बूथों पर वोट डालने वालों की लम्बी कतारें भी लगी रही। बूढ़े और जवानों के साथ ही आधी आबादी में भी मतदान को लेकर बड़ा उत्साह देखा गया था। इस बार लोकसभा के चुनाव में मतदान के पिछले आंकड़ा को पार करने की तैयारी में प्रशासन जुट गया है।

बुंदेलखंड में लोकसभा की हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी सीट के लिए पिछले चुनाव में मतदान ने 67 सालों के रिकार्ड तोड़ दिए थे। 44 डिग्री सेल्सियस के तापमान के बीच पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की लम्बी कतारें लगी थी। संसदीय सीट में आने वाले पांचों विधानसभा क्षेत्रों में बंपर वोटिंग होने पर इसका सीधा फायदा भाजपा को मिला था। सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में भाजपा और बसपा सपा गठबंधन समेत चौदह प्रत्याशी चुनाव मैदान में आए थे। पहली बार इस संसदीय क्षेत्र में 61.69 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था जिससे पिछले सोलह आम चुनावों के मतदान के रिकार्ड ही टूट गए थे।

भाजपा से पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल दोबारा सांसद चुने गए थे। जबकि बसपा और सपा गठबंधन के दिलीप सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे। ये बांदा जिले के रहने वाले थे जिन्होंने संसदीय सीट पर कब्जा करने के लिए चुनाव में पूरी ताकत झोकी थी। लेकिन भाजपा की आंधी में ये चुनावी महासमर में पराजित हो गए थे। कांग्रेस समेत 12 प्रत्याशियों की जमानतें भी जब्त हो गई थी। उल्लेखनीय है कि अबकी बार लोकसभा चुनाव के मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रशासन लगातार कार्यक्रम करा रहा है। आम मतदाताओं को जागरूक करने के लिए संस्थाओं को भी लगाया गया है।

गौरतलब है कि वर्ष 1952 के आम चुनाव में 38.3 फीसद मतदान हुआ था वहीं 1957 के आम चुनाव में 51.5, 1962 के आम चुनाव में 43.21, 1967 के लोकसभा चुनाव में 56.38, 1971 के आम चुनाव में 52.19, 1977 के आम चुनाव में 57.82, 1980 के आम चुनाव में 53.97, 1984 के आम चुनाव में 58.00, 1989 के आम चुनाव में 51.69, 1991 के आम चुनाव में 48.21, 1996 के आम चुनाव में 43.89, 1998 के आम चुनाव में 53.00, 1999 के लोकसभा चुनाव में 57.86, 2004 के आम चुनाव में 46.01, 2009 के आम चुनाव में 48.40 व 2014 के लोकसभा चुनाव में 55.56 प्रतिशत मतदान हुआ था। संसदीय क्षेत्र में अभी तक हुए आम चुनाव के मतदान पर नजर डालें तो सबसे कम 38.3 फीसद मतदान पहली लोकसभा चुनाव में हुआ था।

आधी आबादी के साथ ही बूढ़े और जवान वोटर भी वोट डालने को पहुंचे थे बूथ

हमीरपुर, महोबा, तिंदवारी संसदीय क्षेत्र में पिछले बार आम चुनाव के मतदान को लेकर बूढ़े और जवानों के अलावा आधी आबादी में गजब का उत्साह देखा गया था। पोलिंग बूथों पर सुबह से लेकर देर शाम तक मतदाताओं की लम्बी कतारें लगने से मतदान प्रक्रिया सम्पन्न होने में काफी समय लगा था। भीषण गर्मी और 44 डिग्री सेल्सियस के तापमान के बीच मतदान का पारा चढ़ता रहा। संसदीय क्षेत्र में हर बूथों पर वोटों की बारिश हुई। वोट डालने के लिए नब्बे साल के बुजुर्ग और दिव्यांग वोटर ने भी चारपाई के सहारे बूथ पहुंचे थे। जिन्हें देख निर्वाचन से जुड़े अधिकारी दंग रह गए थे।

संसदीय क्षेत्र के ही तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र में हुआ था सर्वाधिक मतदान

हमीरपुर- महोबा-तिंदवारी संसदीय क्षेत्र में पिछली बार 61 फीसदी से अधिक मतदान हुआ, जिसमें सर्वाधिक मतदान संसदीय सीट में आने वाले तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र में हुआ था। हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में 60.18 फीसदी मतदान हुआ जबकि राठ विधानसभा क्षेत्र में 62.19, महोबा विधानसभा क्षेत्र में 61.4, चरखारी विधानसभा क्षेत्र में 60.65 व तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 64.38 फीसदी तक मतदान हुआ था। बता दें कि लोकसभा की इस सीट के लिए चौदह प्रत्याशी चुनाव मैदान में आए थे। कुल 1738107 वोटरों में सर्वाधिक 947611 महिला मतदाताओं ने वोट किया था।

संसदीय क्षेत्र में वर्ष वार मतदान की स्थिति

वर्ष 1952 38.3 प्रतिशत

वर्ष 1957 51.5

वर्ष 1962 43.21

वर्ष 1967 56.38

वर्ष 1971 52.19

वर्ष 1977 57.82

वर्ष 1980 53.97

वर्ष 1984 58.00

वर्ष 1989 51.69

वर्ष 1991 48.21

वर्ष 1996 43.89

वर्ष 1998 53.00

वर्ष 1999 57.86

वर्ष 2004 46.100

वर्ष 2009 48.40

वर्ष 2014 55.56

वर्ष 2019 61.69

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