-अपर आयुक्त ने सदर तहसील का किया वार्षिक मुआयना
गोरखपुर। अपर आयुक्त ने मंगलवार को सदर तहसील का वार्षिक मुआयना किया। मंडलायुक्त अनिल ढींगरा के निर्देश पर सदर तहसील पहुंचे अपर आयुक्त हरिओम शर्मा लगभग चार घंटे तक रिकार्ड्स की छानबीन की और तहसील प्रशासन को उसकी जिम्मेदारी भी बताई। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यहां की हर जिम्मेदारी तहसील प्रशासन की है, इसलिए रख रखाव में कोई कोताही न बरतें।
अपर आयुक्त हरिओम शर्मा लगभग लगभग 11 बजे सदर तहसील पहुंचे। यहां उन्होंने लगभग साढ़े चार घंटे का समय बिताया और शाम लगभग साढ़े तीन बजे तक रिकॉर्ड खंगालते रहे। इस दौरान उन्होंने रिकार्ड रूम, न्यायालय सहित अन्य संभागों में पहुंचकर फाइलों का मुवाअना किया। पात्र व्यक्तियों के प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने नायब तहसीलदार द्वारा अग्रसारित पत्र का अपने कर्मचारियों की मौजूदगी में मुवाइना कराने के भी निर्देश दिये। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि रिकॉर्ड रूम में रखें पुराने दस्तावेजों को किसी द्वारा क्षति नहीं पहुंचाई जानी चाहिए। इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित तहसील प्रशासन और उसके जिम्मेदार की है। अपर आयुक्त ने रिकॉर्ड रूम में फसली 1378, आर 6 सहित अन्य फाइलों की गहनता से मुआयना किया और सदर तहसील में कार्यरत कर्मचारियों के जीपीएफ सेवा पुस्तिका का भी निरीक्षण किया। उन्होंने सेवा प्रारंभ के दिनांक से जीपीएफ से लिए गए लोन व अन्य बिंदुओं को भी देखा। इस दौरान उन्होंने सदर तहसील वसूली प्रक्रिया सुचारू रूप से करने और बड़े बकायादारों पर कार्यवाही के निर्देश दिये।
अपर आयुक्त ने ग्राम सभावार आवास, कृषि, मत्स्य पालन, कुम्हारी कला, वृक्षारोपण, आवंटन, अभिलेखागार में रजिस्टर का रखरखाव, दैवी आपदा, मुख्यमंत्री किसान व सर्वहित बीमा योजना सत्यापन, वृद्धा-विधवा पेंशन, विकास योजना, कन्या सुमंगला योजना, डिजिटल क्रॉप सर्वे, संपूर्ण समाधान दिवस, आईजीआरएस, नजारत द्वारा नोटिस जारी हुए को समय से तामिला करने आदि को भी जाना। इस दौरान उन्होंने एसडीएम सदर, तहसीलदार सदर, तहसीलदार न्यायिक, नायब तहसीलदार, नगर नायब तहसीलदार, सिटी नायब तहसीलदार, पिपराइच नायब तहसीलदार, खोराबार नायब तहसीलदार और जंगल कौड़िया के कोर्ट में चल रहे मुकदमा के फाइलों का अवलोकन भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आदेशित फाइलों को रिकॉर्ड रूम में सुरक्षित भेजें, जिससे समय आने पर फाइलों को देखा जा सके। विभिन्न पटलों के अंतर्गत सम्पादित किये जाने वाले सभी कार्यों का अच्छे ढंग से अभिलेखीकरण किया जाय। उनका रखरखाव बेहतर ढंग से रखे। अपर आयुक्त न्यायिक ने तहसील के कार्यों, व्यवस्थाओं का सूक्ष्मत से अवलोकन किया।
न्यायालय प्रकारणों के संबंध मे प्रकरणों में पेंडेंसी ना रखने के निर्देश दिये। शिथिलता कार्टने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। आईजीआरएस की शिकायतों का मौके पर जाकर गुणवत्ता पूर्ण ढंग से निस्तारण करने, न्यायालय में चल रहे मुकदमा के हर फाइलों पर बार कोड अवश्य पढ़ाने, कोर्ट की पुराने फाइलों का निरीक्षण करने, भूमि संबंधी वादों के निस्तारण में तेजी लाने, अधिक पुराने वादों को प्राथमिकता के साथ निस्तारित करने और कोई भी वाद 5 वर्ष से अधिक पुराने नहीं होने की बात भी कही।