हमीरपुर। हमीरपुर-महोबा संसदीय क्षेत्र में जातीय समीकरणों के उलटफेर में देश के पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के बेटे को चुनावी महासमर में तगड़ा झटका लगा था। उनकी जमानत भी जब्त हो गई थी। इतने बड़े राजनैतिक घराने को यहां की लोकसभा की सीट पर पराजय का मुंह देखना पड़ा। उन्हें सिर्फ 7.12 फीसदी ही वोट मिल सके थे। पूर्व पीएम के बेटे को चुनाव मैदान में उन्हीं की पार्टी के भितरघातियों के कारण मात खानी पड़ी थी।
बुंदेलखंड की हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट पर किसी जमाने में कांग्रेस का ही दबदबा रहा है। पहले आम चुनाव में यहां की सीट पर कांग्रेस ने कब्जा किया था। कांग्रेस के प्रत्याशी एमएल द्विवेदी पहली बार यहां की सीट से भारी मतों से जीते थे। उन्हें 32.7 फीसदी मत मिले थे जबकि निर्दलीय राम पीवी सिंह 29.5 फीसदी मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। एमएल द्विवेदी 1952 से लेकर 1862 तक लगातार तीन बार सांसद रहे। चौथी लोकसभा के चुनाव में यहां की सीट से पहली बार भारतीय जनसंघ पार्टी से एक संत निर्वाचित हुआ था। लेकिन 1871 के आम चुनाव में कांग्रेस ने फिर यहां की सीट पर कब्जा कर लिया था।
छठवें आम चुनाव में बीएलडी प्रत्याशी तेज प्रताप सिंह ने कांग्रेस से सीट छीन ली थी। सातवें आम चुनाव में फिर कांग्रेस की इस सीट पर धमाकेदार इन्ट्री हुई। पार्टी के खाते में 44.2 फीसदी मत आए थे। वहीं ं1984 के आम चुनाव में यहां की सीट पर कांग्रेस ने दोबारा कब्जा किया लेकिन 1989 के आम चुनाव में कांग्रेस की यहां से विदाई हो गई। जातीय समीकरणों का ऐसा उलट फेर हुआ कि समूचे संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस हाशिए पर आ गई।
चुनावी महासमर में पूर्व पीएम के बेटे और बहू समेत पूरे परिवार ने घर-घर दी थी दस्तक
हमीरपुर-महोबा संसदीय क्षेत्र में ग्यारहवें आम चुनाव में कांग्रेस ने बड़ा फैसला लिया। 1996 में लोकसभा के चुनाव में देश के तीसरे पीएम रहे लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र सुनील शास्त्री को यहां की सीट के लिए प्रत्याशी घोषित किया गया था। सुनील शास्त्री अपनी पत्नी समेत पूरे परिवार के साथ घर-घर दस्तक देकर वोट मांगे थे। उनके चुनाव में दिल्ली से तमाम दिग्गज आए थे। लेकिन यहां पार्टी की गुटबाजी ने पूर्व पीएम के बेटे को हार का स्वाद चखना पड़ा था।
तपती धूप और लू में संसदीय क्षेत्र में पसीना बहाने के बाद भी मिले थे 7.12 फीसदी वोट
तपती धूप और लू में पूर्व पीएम के पुत्र सुनील शास्त्री अपने परिवार के साथ संसदीय क्षेत्र में खूब पसीना बहाया लेकिन भितरघातियों के कारण 7.12 फीसदी मत ही उन्हें मिल सके। समूचे संसदीय क्षेत्र में सुनील शास्त्री को 31035 वोट ही मिल सके। संसदीय क्षेत्र के हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में 9800 वोट मिले थे जबकि मौदहा विधानसभा क्षेत्र में 6336, राठ विधानसभा क्षेत्र से 2524, चरखारी विधानसभा क्षेत्र से 6504 व महोबा विधानसभा क्षेत्र से 6770 वोट मिले थे।
पार्टी में गुटबाजी और चुनाव प्रचार में भितरघात से राजनीति के बड़े घराने को मिली थी मात
1996 के आम चुनाव में पूर्व पीएम के पुत्र सुनील शास्त्री ने यहां हमीरपुर महोबा संसदीय सीट के लिए नामांकन किया था। उन्होंने कहा था कि यदि जनादेश मिला तो इस क्षेत्र की तस्वीर ही बदल जाएगी। चुनाव प्रचार में वह अपने परिवार समेत संसदीय क्षेत्र के घर-घर लोगों से मिले थे। लेकिन कांग्रेस में गुटबाजी और चुनाव प्रचार के दौरान भितरघात होने सेे सुनील शास्त्री को बड़ी शिकस्त मिली थी। बाहरी प्रत्याशी होने पर जनता ने उन पर भरोसा नहीं किया।