नई दिल्ली । भारतीय वायु सेना को गुरुवार को मीडियम रेंज सरफेस-टु-एयर मिसाइल सिस्टम मिल गया जो, दश्मनों के लड़ाकू विमान, मिसाइल, हेलीकॉप्टर या ड्रोन को 70 किलोमीटर दूर से ध्वस्त कर सकता है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी क्षमता के बारे में बताते हुए इसे एयर डिफेंस का गेम चेंजर बताया। भारत और इजराइल ने संयुक्त रूप से एमआरएसएएम या बराक 8 एयर डिफेंस सिस्टम को विकसित किया है।
इस सिस्टम में अडवांस रडार, कमांड और कंट्रोल सिस्टम, मोबाइल लॉन्चर शामिल है। मिसाइल को देश में निर्मित रॉकेट मोटर ताकत देता है और बेहद खास कंट्रोल सिस्टम है। जैसलमेर में इंडक्शन सेरेमनी में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, एमआरएसएएम को इंडियन एयर फोर्स को सौंपने के साथ हमने आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ी छलांग लगाई है। एमआरएसएएम एयर डिफेंस में गेमचेंजर होगा। इस सिस्टम को इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज और डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की ओर से संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
इस प्रॉजेक्ट में इजराइली कंपनी राफाइल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत डानामिक्स लिमिटेड एंड एलएण्डटी को भी शामिल किया गया था। डीआरडीओ के चीफ जी सतीश रेड्डी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिहं की मौजूदगी में वायु सेना अध्यक्ष आरकेएस भदौरिया को पहला फायरिंग यूनिट सौंपा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ”यह सिस्टम खराब मौसम में भी 70 किलोमीटर रेंज में एक साथ कई टारगेट को ध्वस्त करने की क्षमता रखता है। कड़े परीक्षणों की कड़ी में इसकी सफलता इसकी विश्वसनीयता का प्रमाण है।” इसका नेवल वर्जन पहले ही कुछ भारतीय युद्धक जहाजों की क्षमता बढ़ा चुका है। सेना ने भी एमआरएसएएम के लिए ऑर्डर दिया है।
भारत और इजराइल ने पिछले 4 सालों में अडवांस सरफेस टु एयर मिसाइल सिस्टम के लिए 3 अरब डॉलर के अलग-अलग समझौते किए हैं।