कानपुर। पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता से उत्तर प्रदेश में एक बार फिर मौसम में बदलाव होगा। मौसम विभाग का कहना है कि आसमान में बादल छाए रहेंगे । चार से लेकर सात फरवरी तक स्थानीय स्तर पर गरज चमक के साथ बारिश की संभावना है। इससे तापमान में गिरावट होगी और पछुआ हवाओं के चलने से सर्दी भी बरकरार रहेगी।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने शुक्रवार को बताया कि अगले पांच दिनों के दौरान एक के बाद एक दो पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ को मध्य क्षोभ मंडल में एक निम्न दवा की रेखा के रूप में देखा जा सकता है जो औसत स्तर से 5.8 किलोमीटर ऊपर है और लगभग 30 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर में 70 डिग्री पूर्व देशांतर के साथ चल रही है। उत्तर भारत में 12.6 किलोमीटर ऊपर यानी स्तर पर 140 नॉट तक की जेट स्ट्रीम हवाएँ निरंतर चलती रह हैं। पूर्वी असम और आसपास के इलाकों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण मध्य पाकिस्तान पर है और राजस्थान के कुछ हिस्सों से जुड़ रहा है। एक ट्रफ रेखा बांग्लादेश से गंगीय पश्चिम बंगाल होते हुए उत्तरी ओडिशा तक फैली हुई है।
ताजा पश्चिमी विक्षोभ तीन फरवरी से उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करने की संभावना है। मौसम की इन गतिविधियों को देखते हुए उत्तर प्रदेश में अगले पांच दिनों में हल्के से मध्यम बादल छाए रहेंगे। इसके साथ ही 4-7 फरवरी को स्थानीय स्तर पर गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 25.2 और न्यूनतम तापमान 8.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 95 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 56 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पश्चिम रहीं जिनकी औसत गति 4.8 किमी प्रति घंटा रही।