— पंचायत के खाता संख्या १५९ की पोखरी प्रथम मे कार्यक्रम अधिकारी ने पकड़ी खामिया, अब तक नही हुई एफ आई आर
मऊ। विकास खंड रत्नपुरा के ग्राम पंचायत देवदह की ग्राम प्रधान और सचिव व तकनीकी सहायक के द्वारा ग्राम प्रधान के भाई भतीजो के नाम भी मजदूरी निकाले जाने की खबर है। मनरेगा से ग्राम प्रधान और सचिव द्वारा पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए जिओ टैगिंग के बिपरीत जा कर सरकारी धनों की बंदर बांट की गई है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार विकास खंड रतनपुरा के ग्राम पंचायत देवदह के ग्राम प्रधान और सचिव व तकनीकी सहायक ने मिलकर मनरेगा से कार्य कराने के नाम पर ऐसे लोगो भी मजदूरी दी है जिनका जिओ टैगिंग से दूर दूर तक वास्ता सरोकार तक नही है।
ग्राम प्रधान और सचिव ने ऐसे लोगो को भी भुगतान किया है जिन्होंने काम तक नही किया है, लेकिन उनके खाते मे कार्य कराये गये दिवस मे कार्यस्थल से कोई लेना देना नही है, ये मजदूर कार्य स्थल पर भी जिओ टैगिंग मे नही है। पंचायत के गाटा संख्या १५९ पर मनरेगा के तहत खुदवाई गई पोखरी प्रथम मे ग्राम प्रधान ने १८८ मजदूरों को मजदूरी दे दी है।
इसमे ऐसे लोग भी शामिल है जो कार्य स्थल पर कभी गये तक नही है। कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा ने केशर चौहान को पत्र जारी कर जबाव तलब किया है, लेकिन ग्राम प्रधान के ऊँचे राजनितिक रसुख के कारण मामले मे न तो विधिक कार्यवाही हों रही है और न ही विभागीय कार्यवाही।
ग्राम प्रधान और सचिव मनरेगा मे कार्य को लेकर पदीय अधिकारों कि आड़ मे मनमानी करते हुए ग्राम प्रधान तक के रिस्तेदारो के नाम तक मजदूरी निकालने मे लगे है।