हॉस्पिटल की बिल्डिंग है पोखरे में तो हॉस्पिटल का भवन भी है एनबीसी २००५ और महायोजना के खिलाफ
हॉस्पिटल के सामने रोज खड़े होते है बे- तरतीब वाहन, सड़क तक रहता है अबैध कब्जा फिर भी जिम्मेदार नही करते कार्यवाही
नियमानुसार हॉस्पिटल में नही है पार्किंग की व्यवस्था और न है हॉस्पिटल भवन के चारो ओर एनबीसी में प्रस्तावित ६ मीटर प्रसवित सेट बैक
मऊ । लिफाफे के जोर पर कैसे कोई अबैध हॉस्पिटल इलाज के नाम पर कुलांचे मारता है ? यह जानना हो तो जिला प्रसाशन की नाक के नीचे पोखरे की जमीन में स्थित राहुल हॉस्पिटल को देखिये।
इसके स्वामी ने पर्यावरण को प्रभावित करती जमीन पर हॉस्पिटल का भवन ही नही बनाया है, यह हॉस्पिटल का भवन पुरी तरह से नेशनल बिल्डिंग कोड और जिले की महायोजना को मुह भी चिढ़ा रहा है, बावजूद इसके इस हॉस्पिटल के अबैध संचालन को लेकर जिला प्रसाशन मुह खोलने को तैयार नही है।
सड़क पर बे- तरतीब खड़े वाहनो का कारण है राहुल हॉस्पिटल
अबैध होकर अधिकारियो में लिफाफा बांट कर राहुल ने जिस घमड़ में आधी सड़क को भी कब्जा कर रखा है। यह उसके लिफाफे का जोर कहे या फिर राजनितिक ऊंची रसुख ! इस अबैध हॉस्पिटल का कोई पुरसाहाल नही है। बेरोक टोक चल रहा है यह हॉस्पिटल।