प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुनरीक्षित वेतनमान के बाद विभाग की गलती से अधिक वेतन भुगतान की वसूली मामले में हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर वसूली कार्रवाई करने पर स्पष्टीकरण के साथ वाराणसी केंद्रीय कारागार के अधिकारियों से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।
कोर्ट ने पूछा कि किस कारण से कोर्ट आदेश के खिलाफ निर्णय लिया है। कोर्ट ने विपक्षी अधिकारियों के जारी सभी आदेशों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है और याचिका को सुनवाई के लिए 5 फरवरी को पेश करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने हेड जेल वार्डर अशोक कुमार झा की याचिका पर दिया है।
याची का कहना था कि अधिक वेतन भुगतान की वसूली आदेश के खिलाफ याचिका स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कृष्ण पाल सिंह केस व रफीक मसीह केस के तहत नये सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया। इसके बावजूद जेल अधिकारियों ने वसूली आदेश फिर से जारी किया।जिस पर कोर्ट ने अधिकारियों से स्पष्टीकरण के साथ व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।