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केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण रुपये की कीमत 25 रुपये घटी : कांग्रेस

रुपये की कीमत गिरने से महंगाई बढ़ गयी है

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि 2014 में जब भाजपा सत्ता में आई थी तब एक डॉलर का मूल्य 59 रुपये था। आज भाजपा ने इसे 59 रुपये से बढ़ाकर 84 रुपये पहुंचा दिया है। रुपये के कमज़ोर होने का सीधा असर आम आदमी का जेब पर पड़ता है। रुपये की क़ीमत से तय होता है कि हमें विदेश से आयात होने वाले सामान किस क़ीमत पर मिलेंगे। 2014 में अगर कोई सामान विदेश से एक डॉलर का आता था तो 59 रुपये चुकाने पड़ते थे। आज हमें उसी एक डॉलर मूल्य की वस्तु के लिए 84 रुपये चुकाने होंगे। हमें जो अतिरिक्त 25 रुपये देना पड़ा रहा है, वह रुपये की गिरती क़ीमत के कारण है।

दीपक बैज ने कहा कि भारत अपने कच्चे तेल का 80 डाॅलर प्रति बेरल आयात करता है। इसमें से अधिकांश का भुगतान डॉलर में करना होता है। रुपये के कमज़ोर होने के कारण भारत अब अधिक कीमत पर ईंधन ख़रीद रहा है। जब भी आप पेट्रोल पंप पर जाते हैं तो रुपये के कमज़ोर होने का असर आम आदमी को उठाना पड़ता है। जब ईंधन महंगा हो जाता है तो हर तरह के समान की ढुलाई लागत बढ़ जाती है। इसलिए खाने-पीने समेत सभी प्रकार की वस्तुएं महंगी होती जा रही हैं। जब आप किराने का सामान खरीदने बाज़ार जाते हैं तो रुपये के कमज़ोर होने के कारण आपको ज़्यादा क़ीमत चुकानी पड़ती है।

दीपक बैज ने कहा कि जब महंगाई बढ़ेगी, तो आरबीआई ऊंची कीमतों पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दरें भी बढ़ाएगा। इससे लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी। यदि कोई होम लोन, कार लोन या एजुकेशन लोन लिया है तो उसको बैंक को अधिक ब्याज देने को मजबूरी होंगी, यह सब रुपये के कमज़ोर होने के कारण है।

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