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ग्राम प्रधान इटौरा डोरीपुर को डीएम मऊ की नोटिस, 7 लाख 95 हजार से अधिक का गबन

—-15 दिन में स्पष्ट जवाब देने का दिया निर्देश
स्थलीय जांच में 795 961 रुपए के गबन का हुआ खुलासा

( ब्रह्मा नन्द पाण्डेय )

मऊ(खरी दुनिया)। जिलाधिकारी प्रवीण मिश्रा ने घोसी ब्लॉक के इटोरा डोरी प्रोग्राम पंचायत के प्रधान और पंचायत सेक्रेटरी को 795961 रुपए की सरकारी धन के गबन का दोषी पाया है। तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान को कारण बताओं नोटिस जारी किया है।

जारी आदेश में जिलाधिकारी ने कहा है कि इटौरा डोरीपुर गांव के शिकायत कर्ता रीतेश राजभर कि शिकायत पर तत्कालीन जिलाधिकारी अरुण कुमार ने नवंबर 2023 को जांच समिति का गठन कर जांच क्या 15 दिन के अंदर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था जांच समिति में जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी तथा अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग को जांच की जिम्मेदारी दी गई थी।

जिलाधिकारी द्वारा दी गई समयावधि बीत जाने के बाद जांच रिपोर्ट 17 नवंबर को जांच टीम गांव में पहुंची तो प्रधान और सेक्रेटरी गांव में मौजूद ही नहीं थे। प्रधान को फोन करके जांच समिति ने मौके पर बुलाया तो वह 2 घंटे बाद पहुंचे लेकिन शिकायत संबंधी कोई भी अभिलेख जांच समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया। शिकायतकर्ता द्वारा बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी जांच समिति के समक्ष प्रधान न तो उपस्थित हुए और नहीं अभिलेख प्रस्तुत किया।

इस पर शिकायतकर्ता सहित गांव के अन्य लोगों ने जांच अधिकारियों पर ही ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी को गांव में विकास कार्यों की निवेश बदलने का समय देने का आरोप लगाने लगे बाद में जाट समिति में नौ बिंदुओं से संबंधित विकास कार्यों की अभिलेखीय और स्थलीय जांच की। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट मैं लिखा है कि ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी में गांव में कई विकास कार्यों के नाम पर बिना कोटेशन और गांव में खुली बैठक के ही साधना ट्रेडर्स मूंग मास और भावनपुर की एक संस्था को डेस्क बेंच और ह्यूम पाइप आदि का भुगतान किया गया दर्शाया गया है।

स्थलीय जांच में परिषदीय विद्यालय में डेस्क बेंच लगे नहीं मिले। नव बिंदु पर जांच रिपोर्ट में समिति ने 7 लाख 95 हजार 961 रुपए का गबन का आरोप ग्राम प्रधान अनुपमा देवी और सेक्रेटरी पर लगाते हुए जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित कर दिया।

जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए नोटिस का जवाब 15 दिनों के अंदर देने का निर्देश दिया है जिलाधिकारी ने वीडियो घोषित खंड विकास अधिकारी घोसी को आदेश दिया है कि नोटिस ग्राम प्रधान को तामील करा कर उसकी पावती अधोहस्ताक्षरी को तुरंत भेजें।

उधर ग्राम पंचायत में विकास कार्य में हुई अनियमितता की शिकायत करने वाले रितेश राजभर और उसके परिजनों को ग्राम प्रधान की ओर से लगातार धमकियां दी जा रही थी और शिकायत को वापस लेने का दबाव डाला जा रहा था जिसकी शिकायत उसने पुलिस अधीक्षक से की है।

लेखक – इलाहाबाद हाई कोर्ट मे अधिवक्ता है

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