फिरोजाबाद। न्यायालय ने बुधवार को नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष तथा किशोरी को भगाने के दो दोषियों को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उन पर अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड न देने अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
थाना टूंडला क्षेत्र निवासी एक किशोरी 30 मार्च 2016 को सब्जी लेने गई थी। उसके बाद वह वापस घर नहीं आई। काफी तलाश के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं लगा। पिता ने एक अपचारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। विवेचना के बाद लड़की भगाने के मामले में रामकिशन व दीपक के नाम प्रकाश में आए। पुलिस ने सभी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।
मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो विजय कुमार आजाद की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक संजीव शर्मा ने बताया मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय के सामने पेश किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने बाल अपचारी को नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी माना। न्यायालय ने उसे 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने उस पर 10,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने रामकिशन व दीपक को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर नौ-नौ हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है। अर्थदंड न देने कर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। कोर्ट ने अर्थदंड की राशि पीड़ित को देने के आदेश दिए हैं।