Breaking News

सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने राजा भैया से मिलकर मांगा समर्थन

लखनऊ। राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी रूठों को मनाकर वोट पाने की जुगत में हर संभव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में मंगलवार को सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया से मिले।

उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर होने वाले मतदान तक सियासी रोमांच खत्म होता नहीं दिख रहा है। इस चुनाव में प्रमुख रूप से भाजपा और सपा के बीच सियासी दांव-पेंच और रणनीति की अग्निपरीक्षा का दौर जारी है। राज्यसभा के लिए भाजपा ने आठ उम्मीदवार उतारे हैं, तो वहीं सपा के तीन उम्मीदवार मैदान में है।

संख्या बल के लिहाज से भाजपा के सात उम्मीदवारों का तो राज्यसभा जाना लगभग तय था, लेकिन ऐंन वक्त में भाजपा ने समाजवादी पार्टी की गणित बिगाड़ दी। चुनाव में उतारे गए सपा के तीन उम्मीदवारों की जीत में रोड़ा अटकाते हुए भाजपा ने आठवां उम्मीदवार उतारकर सपा के एक उम्मीदवार की नैया डूबाने का पूरी जाल बिछा दिया है। अपनी सियासी रणनीति और तैयारी में बुरी तरह से फंसी सपा और उनके प्रमुख अखिलेश यादव ऐसे में विधानसभा में दूसरे दलों के नेताओं को मनाने में जुट गए हैं ताकि उनके उतारे गए तीनों उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे। इसके लिए उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को दूसरे दलों के प्रमुख और विधायकों से सम्पर्क साधा जा रहा है।

इसी क्रम में आज (मंगलवार) को सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के राजधानी में स्थित आवास पर पहुंचे। चर्चा है कि इस दौरान उन्होंने राज भैया से मिलकर राज्यसभा चुनाव में अपना और अपने दल के विधायकों का समर्थन दिए जाने का प्रस्ताव रखा। यह मुलाकात राजनीतिक गलियारों में तेजी से सुर्खियों में छा गई। हालांकि दोनों ही दलों के नेताओं ने इस मुलाकात को केवल शिष्टाचार का हिस्सा बताया है लेकिन सियासत में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।

वरिष्ठ पत्रकार अंजनी निगम ने बताया कि इन दिनों सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विपक्षी गठबंधन के बिखराव से जूझ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में उनकी तैयारियों के बीच पार्टी के सहयोगी दल रहे राष्ट्रीय लोकदल के बाद अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने तो अखिलेश यादव के पीडीए के दावे तक पर सवाल उठाते हुए राज्यसभा में वोट न करने की बात कही है। वहीं सपा के कई नेता जैसे स्वामी प्रसाद मौर्य ने तो पार्टी और विधान परिषद की सदस्यता तक से त्यागपत्र दे दिया है। वहीं एक अन्य नेता ने भी राज्यसभा चुनाव में खुलकर बगावती तेवर अपना लिए हैं। इसके साथ ही अंतर्कलह के चलते सपा के कई विधायकों के अखिलेश यादव के खिलाफ जाकर क्रास वोटिंग तक किए जाने के आसार हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पूर्व राज्यसभा के लिए हो रहे चुनाव भी सपा अध्यक्ष के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी। ऐसे में दूसरों दलों से समर्थन मांगना राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए कोई गलत नहीं है। सियासत में सब संभव है। हालांकि भाजपा के लिए अपने आठवें उम्मीदवार को जीतना आसान नहीं है लेकिन सत्ता पक्ष में होने के नाते कुछ भी संभव है।

Share and Enjoy !

Shares

Trending News

Copyright © 2024 खरी दुनिया | All Right Reserved.