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सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया का अग्रदूत बना जेम : प्रशांत कुमार सिंह

नई दिल्ली। इलेक्ट्रानिक माध्यम से सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया की शुरुआत करने वाले गवर्नमेंट ईमार्केटप्लेस (जेम) ने नया रिकार्ड बनाया है। वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही अभी जारी है। फिलहाल इस 11 महीनों के भीतर ही जेम ने 3 लाख करोड़ रुपये सकल मर्चेंडाइज वैल्यू (जीएमवी) के रिकार्ड स्तर को हासिल कर लिया है। इसने पिछले वित्त वर्ष के 2 लाख करोड़ जीएमवी के आंकडे़ को काफी पीछे छोड़ दिया है।

गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जीईएम) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) प्रशांत कुमार सिंह ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि जेम पर खरीद का चलन बढ़ रहा है। इस माध्यम पर सहकारी संस्थाओं सहित ग्राम पंचायतों को अधिक से अधिक जोड़ने की दिशा में काम चल रहा है। जेम पर लोगों का भरोसा बढ़ रहा है। यही कारण है कि वित्त वर्ष 2022-23 में 504 करोड़ रुपये के मुकाबले 12 फरवरी 2024 तक ये 914 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में अग्रदूत की भूमिका रखने वाले इस प्लेटफॉर्म का गठन प्रधानमंत्री की परिकल्पना से किया गया, जिसका लक्ष्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेनंस’ को बढ़ावा देना है। वर्ष 2016 में अपनी शुरुआत के बाद से ही जेम ने सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में नई क्रांति ला दी है। इसने केन्द्र/राज्य सरकार के मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, पंचायतों व सहकारी समितियों द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीदारी के लिए पारदर्शी एवं सशक्त ऑनलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान किया है।

प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि 12 फरवरी, 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक जेम ने देश भर के लाखों विक्रेताओं एवं सेवा प्रदाताओं को 3 लाख से भी ज्यादा सरकारी क्रेताओं (प्राइमरी एवं सेकेंडरी बायर) के साथ प्रत्यक्ष रूप से जोड़ा है। सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में सभी हितधारकों को डिजिटल माध्यम से जोड़ते हुए जेम ने सरकारी खरीद में आपसी सांठ-गांठ, भ्रष्टाचार एवं घूसखोरी जैसी अनैतिकता को खत्म किया है। नतीजतन, सार्वजनिक वित्तीय मामलों में पारदर्शिता बढ़ी है। इस प्लेटफॉर्म पर वर्तमान में लगभग 12,200 से भी अधिक उत्पाद एवं सेवा कैटेगरी को प्रदर्शित किया गया है, जो देश भर के सरकारी क्रेताओं की जटिल एवं आधुनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है।

उन्होंने कहा कि जेम पर सेवाओं की खरीद के मामले में तेजी से वृद्धि देखी गई है। पिछले तीन वर्षों में जेम ने अपने प्लेटफार्म पर सेवाओं के दायरे को रणनीतिक रूप से बढ़ाया है। इसके नतीजे में सरकारी विभागों, मंत्रालयों की तरफ से सेवाओं की खरीद मामले में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 के लगभग 66,000 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 2023-24 (12 फरवरी, 2024) में 1,30,984 करोड़ रुपये हो गया है। जारी वित्त वर्ष के अंत तक सेवाओं के खरीद का आंकड़ा 1.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।

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