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हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन को लेकर अब तक संशय,ईओ और चेयरमैन आमने सामने

अररिया। पटना हाईकोर्ट की ओर से याचिका संख्या 7031/23 के 22 जनवरी 2024 में दिए गए आदेश के अनुपालन को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है।याचिका आदेश चंद्रनाथ चंदन के प्रोन्नति को लेकर है।मामले को लेकर नगर परिषद के मुख्य पार्षद वीणा देवी और कार्यपालक पदाधिकारी संदीप कुमार आमने सामने हैं।

मुख्य पार्षद के द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी से मांगे गए नाजिर बही से संबंधित पत्र के आलोक में ईओ ने चेयरमैन को पत्रांक 246 दिनांक 7 फरवरी 2024 को जबाब दिया है ।जिसमे ईओ ने कार्यालय पत्रांक 208 दिनांक 2 फरवरी 2024 के अनुपालन में सशक्त स्थायी समिति की कार्यवाही पुस्तिका के चेयरमैन के अभिरक्षा से 7 फरवरी को मिलने की बात कही गई है।कार्यवाही पंजी में 31 जनवरी 24 के विचारणीय विषय से हटकर अंकित निर्णय के परिशिलन से अधिनियम एवं नियम के किस प्रदत शक्तियों का प्रयोग कर निर्णय को अंकित किया गया है,अस्पष्ट होने की बात कही।

कार्यपालक पदाधिकारी ने सवालिया राज्य में जवाब देते हुए कहा है कि किस प्रकार राज्य सरकार की शक्तियां मुख्य पार्षद में निहित है जो उससे 72 घंटे या 24 घंटे से संबंधित पत्र प्रेषित की गई। जवाब में उन्होंने मुख्य पार्षद के द्वारा प्रतिशपथ पत्र में गठित जांच समिति एवं कथित समिति के मार्गदर्शन की भूमिका का उल्लेख नहीं करने जैसी चक के जिम्मेवार कार्यपालक पदाधिकारी के होने पर भी सवाल खड़ा किया। ईओ ने कार्यवाही पंजी में छह दिनों की तैयार लेखनी का जिक्र किया है और कहा है कि बैठक में याचिका करता के प्रोन्नति से संबंधित प्राप्त करायी गई सूची कार्यालय पत्रांक 196 दिनांक 31 जनवरी 24 अंकित नहीं है।ईओ ने विभिन्न पात्रों के हवाले से कहा है कि दिव्या विभाग और हाईकोर्ट को गुमला नहीं कर रहे हैं।वहीं हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में अब तक ठोस निर्णय नही लेने पर अग्रतर कार्रवाई की बात कही।

नगर परिषद में प्रधान सहायक के पद को लेकर कई माह से विवाद चल रहा है।प्रभारी प्रधान सहायक की जिम्मेवारी चंद्रनाथ चंदन को हटाकर सशक्त स्थायी समिति के द्वारा कामख्या नारायण सिंह उर्फ कुंदन सिंह को सौंपी गई।जिसको लेकर चंद्रनाथ चंदन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका संख्या 7031/2024 दायर की गई थी।जिसमे पटना हाईकोर्ट ने 22 जनवरी को आदेश देते हुए प्रोन्नति मामले में तीन सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया।मुख्य पार्षद वीणा देवी का आरोप है कि कार्यपालक पदाधिकारी चंद्रनाथ चंदन को बचा रहे हैं।जबकि वह गबन का आरोपी है और जो दस्तावेज की मांग की जा रही है,उससे ध्यान भटकाया जा रहा है।

मुख्य पार्षद का कहना है कि चंद्रनाथ चंदन के समय अवधि का नाजिर बही गायब है।हालांकि मामले में पूर्व में चंद्रनाथ चंदन ने छह पेज के जवाब में नाजिर बही को लेकर कार्यपालक पदाधिकारी को जवाब दे चुके हैं।बहरहाल नगर परिषद की सियासत गरमाई हुई है और नाजिर बही खाता को लेकर मुख्य पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी आमने सामने हैं।

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