नई दिल्ली। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में बुधवार को 2018 के अंकित सक्सेना मर्डर केस में दोषियों को सजा देने के मामले में दोषियों की ओर से जुर्माना और मुआवजे के लिए उनकी संपत्ति और आय के बारे में जानकारी देते हुए हलफनामा दाखिल किया गया। एडिशनल सेशंस जज सुनील कुमार शर्मा ने मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकार को अंकित सक्सेना के परिजनों को दिए जाने वाले मुआवजे का आकलन करते हुए पीड़ित के प्रभाव की रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया। इससे पहले 15 जनवरी को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस, दिल्ली विधिक सहायता प्राधिकार और दोषियों के वकीलों को हलफनामा दाखिल करके दोषियों की आमदनी, उनकी जिम्मेदारी और पूर्व के आपराधिक इतिहास का विस्तृत विवरण देने का निर्देश दिया था।
सुनवाई के दौरान दोषियों के वकील ने मीडिया रिपोर्टिंग पर सवाल उठाते हुए उस पर रोक लगाने की मांग की। दोषियों की ओर से पेश इस दलील का दिल्ली पुलिस की ओर से विरोध करते हुए कहा गया कि दोषी करार देने का आदेश मीडिया में चलाया गया है, जो सार्वजनिक दस्तावेज के आधार पर चलाया जा रहा है।
पश्चिमी दिल्ली के ख्याला में 1 फरवरी, 2018 को अंकित सक्सेना की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। अंकित सक्सेना के दूसरे धर्म की लड़की से प्रेम संबंध थे। कोर्ट ने 23 दिसंबर, 2023 को इस हत्याकांड के तीन आरोपितों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 34 के तहत दोषी करार दिया था। धारा 302 के तहत उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा का प्रावधान है।
कोर्ट ने अंकित सक्सेना की हत्या के मामले में लड़की के माता-पिता और उसके मामा को भी दोषी करार दिया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से 28 गवाहों के बयान और उनकी ओर से पेश साक्ष्य दर्ज किये गए थे। 28 गवाहों में अंकित सक्सेना के पिता और शिकायतकर्ता यशपाल सक्सेना, मां कमलेश और अंकित के दो दोस्त नितिन और अनमोल सिंह बयान प्रमुख थे।