मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में चल रही एंडोकाइनोलॉजी पर चल रही छह दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में अमेरिकी डॉ. क्रिस्टीन आर लैटिन पहुंची है। मंगलवार को पेटा इंडिया के कार्यकर्ताओं ने उन पर पक्षियों के साथ क्रूरता का आरोप लगाकर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर जमकर प्रदर्शन किया।
पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को विशाल गौरैया के मुखौटे पहन कर और हाथों में प्रोटेक्शन पोस्टर लेकर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में आई अमेरिका की लंइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी की वैज्ञानिक डॉ. क्रिस्टीन आर लैटिन पर क्रूरता का आरोप लगाते हुए जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि क्रूर क्रिस्टीन लैटिन ने अपने परीक्षणों में गौरैया को मार डाला है। गौरैया के दिमाग को नुकसान पहुंचाना और डराना कोई विज्ञान नहीं है। उन्होंने विश्वविद्यालय में डॉ. क्रिस्टीन आर लैटिन के व्याख्यान का विरोध किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि चिड़ियों पर क्रूर और निराधार परीक्षण करना क्रूरता है। वे अपने बेतुके प्रयोगों से चिड़ियों को यातनाएं देती हैं। जैसी उन्हें ट्रांसमीटर लगाना, इंजेक्ट करना, अनजानी वस्तुएं दिखाना, उनके सिर काट देना। इन भीषण व क्रूर प्रयोगों में ही उन्हें मार देना शामिल है।
पेटा इंडिया की विज्ञान नीति सलाहकार डॉ. अंजना अग्रवाल ने कहा कि क्रिस्टीन लैटिन के निरर्थक प्रयोगों के लंबे इतिहास ने उन्हें केवल एक चीज का विशेषज्ञ बनाया है, चिड़ियों को पकड़ना, उन्हें आतंकित करना और फिर मार डालना। पेटा इंडिया लैटिन के अत्याचारों का विरोध करता है, और उम्मीद करता है कि पक्षियों पर होने वाले अत्याचार को रोका जाएगा। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अमेरिका के एक लाख 34 हजार से अधिक लोगों ने लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी से अनुरोध किया है कि क्रूर परीक्षणों के नाम पर वह क्रिस्टीन लैटिन को अनुदान देना बंद कर दे।