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अवैध सामग्री व असामाजिक तत्वों की आवाजाही पर रखें निगरानीः जिला निर्वाचन अधिकारी

जबलपुर,। जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सोमवार को लोकसभा निर्वाचन को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिये स्थैतिक निगरानी दल की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि स्थैतिक निगरानी दल का महत्वपूर्ण दल है, जिसमें एक मजिस्ट्रेट, चार पुलिस कर्मी और एक वीडियोग्राफर होंगे। जो अवैध सामग्री, असामाजिक तत्वों की आवाजाही पर निगरानी रखेंगे। उन्होंने जांच के दौरान संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में करने के निर्देश दिये।

उन्होंने प्रतिदिन वीडियो रिकॉर्डिंग की सूची आरओ को सौंपने को कहा। कोई भी व्यक्ति 300 रुपये जमा कर वीडियो सीडी की प्रति प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि 50 हजार या अधिक राशि किसी अभ्यर्थी या उसके ऐजेंट, पार्टी कार्यकर्ता को ले जाने वाले वाहन में या पोस्टर, निर्वाचन सामग्री, ड्रग्स, शराब, हथियार अथवा 10 हजार रुपये से अधिक ऐसी उपहार सामग्री ले जायी जा रही है जिसका इस्तेमाल निर्वाचकों को प्रलोभन में इस्तेमाल की संभावना है, को जप्त किये जाने की शर्त के अधीन होगी।

उन्होंने स्थैतिक निगरानी दल के सदस्यों को सामान या वाहन की जांच करते समय मर्यादित आचरण करने के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि यदि कोई स्टार प्रचारक अनन्य रूप से अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिये एक लाख रूपये तक की नगदी ले जा रहा है या कोई दलीय पदाधिकारी दल के कोषाध्यक्ष के उस प्रमाणपत्र जिसमें धनराशि और उसके अभिप्रेत उपयोग का उल्लेख किया हो के साथ नगदी ले जा रहा है तो एसएसटी टीम में प्राधिकारीगण प्रमाण पत्र की एक प्रति रख लेंगे और नगदी जप्त नहीं करेंगे। यदि वाहन में 10 लाख से अधिक नगदी पायी जाती है तो किसी अपराध से जुड़े होने या किसी अभ्यर्थी या अभिकर्ता या दलीय पदाधिकारी सहलग्नता का कोई संदेश नहीं होता है तो एसएसटी टीम नगदी जप्त नहीं करेगी और आयकर कानूनों के अंतर्गत आवश्यक कार्यवाही करने के लिये आयकर प्राधिकारी को सूचना देगी।

उन्होंने कहा कि जांच के दौरान अपराध के होने की आशंका होने पर एसएसटी के प्रभारी पुलिस अधिकारी द्वारा सीआरपीसी के प्रावधान अनुसार जप्ती की जायेगी और मजिस्ट्रेट या पुलिस प्रभारी द्वारा 24 घंटे के भीतर क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय में एफआईआर दर्ज की जायेगी। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि जप्ती की डबल एंट्री न हो इसपर ध्यान दें, संबंधित क्षेत्र के अधिकारी एसएसटी दल के लिये टेंट व पानी की व्यवस्था करेंगे। साथ ही वीडियोग्राफर के लिये चार्जिंग की सुविधा सुनिश्चित करेंगे। इस दौरान बताया गया कि टीम के सभी सदस्य इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम ईएसएमएस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर उसे लॉगइन कर लें। बैठक में ईएसएमएस की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से बताया गया।

मतदाता के स्वाभिमान को जगाएं

लोक सभा चुनाव के निर्विघ्न और सुचारू संचालन के लिये नियुक्त सेक्टर अधिकारियों एवं सेक्टर पुलिस अधिकारियों की सोमवार को चार सत्रों में बैठकें हुईं। प्रत्येक सत्र में दो-दो विधानसभा क्षेत्रों के सेक्टर अधिकारी एवं सेक्टर पुलिस अधिकारी शामिल हुये। सेक्टर अधिकारी एवं सेक्टर पुलिस अधिकारियों की ये बैठकें जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर दीपक सक्सेना और पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने ली।

बैठक में बताया गया कि सेक्टर अधिकारी एवं सेक्टर पुलिस अधिकारी अपने सेक्टर के सभी मतदान केन्द्रों के लिये निर्वाचन की प्रक्रिया पूर्ण होने तक के लिये जिम्मेदार होते हैं। सेक्टर अधिकारियों को यथा समय उसी क्षेत्र के लिये विशेष कार्यपालक शक्तियां भी दी जाती हैं। कलेक्टर सक्सेना ने कहा कि सेक्टर ऑफिसर चुनाव प्रक्रिया में रिटर्निंग अधिकारी और मतदान दलों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करेंगे। सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्र के क्रिटिकल व वल्नरेबिलिटी मैंपिंग, मतदाता जागरूकता, चुनाव प्रबंधन व ईव्हीएम की कार्यप्रणाली, कानून व्यवस्था, मतदान प्रक्रिया, आदर्श आचरण संहिता व आयोग के दिशा निर्देशों की सही जानकारी रखें।

उन्होंने सेक्टर मजिस्ट्रेट को निर्देश दिये कि वे अग्रिम रूट चार्ट, मतदान केन्द्र की बुनियादी सुविधायें जैसे विद्युत, फर्नीचर, छाया, पानी, रैंप, टॉयलेट, मतदान केन्द्र पर पहुंचने के रास्ते, मतदान केन्द्र की वास्तविक दूरी, मतदान केन्द्रों पर पहुंचने का समय आदि की तैयारी व जानकारी रखें। साथ ही कहा कि सेक्टर अधिकारी प्रत्येक मतदाता को स्वतंत्र, निष्पक्ष, निर्भिक होकर मतदान कराने के लिये आवश्यक वातावरण का निर्माण करें ताकि कोई भी मतदान को प्रभावित न कर सके। मतदान को प्रभावित करने वाले, रोकने वाले, प्रलोभन देने व डराने,धमकाने वालों की पहचान सुनिश्चित करें। क्रिटिकल वल्नरेबल क्षेत्र की पहचान कर वहां निगरानी करें।

सक्सेना ने कहा कि मतदाता का बताएं कि ऑफर देने वालों के नाम वे सेक्टर मजिस्ट्रेट को दें, उनके नाम गोपनीय रखे जायेंगे। पिछले चुनाव के मतदान प्रतिशत के ऑकलन पर क्षेत्र का पहचान करें। स्वतंत्र, निष्पक्ष व पारदर्शी मतदान के लिये लोगों को जागरूक करें उनके स्वाभिमान को जगाएं कि वे प्रलोभन में न आएं। चुनाव के 72 घंटे पूर्व सेक्टर मजिस्ट्रेट की बहुत भूमिका होती है, सेक्टर ऑफिसर को मतदान दल को मार्गदर्शन करने की दक्षता हो, पीठासीन अधिकारी के कार्यों का ज्ञान हो, पीठासीन की डायरी, मतदान सामग्री, सीलिंग, दस्तावेज की तैयारी आदि निर्वाचन संबंधी सभी कार्य आना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि इस बात को ध्यान रखना है कि मतदान केन्द्र के अंदर कोई भी मोबाईल फोन न ले जाये। उन्होंने कहा कि कुछ मतदान केन्द्रों में वेबकास्टिंग की जायेगी। अत: पोलिंग बूथ और वेबकास्टिंग कैमरा के लिये सोच समझकर उचित जगह का चयन किया जाये।

जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक सक्सेना ने लोकसभा चुनाव के दौरान निषिद्ध वस्तुओं, बड़ी मात्रा में नकदी एवं बहुमूल्य धातुओं के परिवहन पर सख्ती से रोक लगाने सभी एनफोर्समेंट ऐजेंसियों के अधिकारियों को आपस में बेहतर समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये।

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