प्लॉट नामांतरण के लिए मांग रही थी 4 हजार रुपये की रिश्वत
झांसी। योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को सरकारी विभागों में जमकर पलीता लगाया जा रहा है। हाल ही में कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाबू के रिश्वत लेने के वीडियो वायरल होने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि आज एन्टी करप्शन टीम ने नगर निगम विभाग में छापेमार कार्यवाही कर महिला क्लर्क को रंगेहाथ दबोच लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। महिला लिपिक नामांतरण के लिए 4 हजार रुपये की रिश्वत मांग रही थी।
जानकारी के मुताबिक झांसी नगर निगम में प्लॉट नामांतरण कराने के लिए रवींद्र वर्मा ने कई दिनों पहले आवेदन किया था। उसने फीस जमा करते हुए पर्ची भी कटवाई थी। रविन्द्र को कुछ दिनों के लिए बोलकर चलता कर दिया गया। जब कुछ दिनों बाद वह नामांतरण पत्र लेने पहुंचा तो कमियां निकालकर उसको फिर से वापस खाली हाथ लौटाया गया। इस पर परेशान होकर जब उसने महिला लिपिक जागृति रैकवार से पूछा तो उसने 4 हजार रुपये की मांग कर दी। महिला लिपिक लगातार रिश्वत की मांग कर रही थी। इसकी जानकारी उसने एन्टी करप्शन टीम को दी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए भ्रष्टाचार निवारण संगठन टीम ने प्रभारी राजेश शर्मा के नेतृत्व में मंगलवार को 4000 रुपये की रिश्वत लेते हुए महिला लिपिक जागृति को गिरफ्तार कर लिया। एंटी करप्शन टीम की इस कार्यवाही से नगर निगम परिसर में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि कर विभाग में वार्ड लिपिक के पद पर तैनात जागृति रायकवार के पिता के स्थान पर भाई को नौकरी मिली थी और फिर भाई के स्थान पर जागृति को तैनाती मिली थी।