लखनऊ। लोकसभा चुनाव के तिथि की घोषणा हो चुकी है। पिछले चुनाव की तरह ही इस बार भी सात चरणों में और पश्चिमी उप्र से ही शुरू होगा। इस चुनाव में जहां एक ओर भाजपा 51 सीटों पर, सपा ने 36 सीटों तथा बसपा ने नौ सीटों पर उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार चुकी है तो वहीं कांग्रेस ने अब-तक अपने एक भी उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर पायी है।
उल्लेखनीय है कि उप्र में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बनने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा था। धरना-प्रदर्शन और प्रदेश सरकार के खिलाफ आवाजा बुलंद करने का सिलसिला भी बढ़ गया। पिछले दिनों सपा से गठबंधन के पूर्व कांग्रेस यह कहती रही कि गठबंधन होते ही उम्मीदवार तय हो जाएंगे, लेकिन प्रदेश में गठबंधन के बाद कांग्रेस के खाते में 17 लोकसभा क्षेत्र आये और उस पर भी आज तक उम्मीदवार तय नहीं हो सके। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में निराशा बढ़ती जा रही है।
वहीं बसपा ने अपने नौ उम्मीदवार उतारे हैं। इसमें से पांच उम्मीदवार अल्पसंख्यक वर्ग से हैं। अभी बसपा भी कांग्रेस और सपा के उम्मीदवारों का इंतजार कर रही है। उनके उम्मीदवारों की लिस्ट पूरी होते ही बसपा भी अपने पत्ते खोलना शुरू कर देगी। उधर भाजपा अपने फुल फार्म में आकर मैदान में खेल रही है। जहां उसके उम्मीदवार अभी मैदान में नहीं हैं, वहां भी प्रचार की गति तेज हो गयी है।
बीजेपी ने अभी तक की 51 सीटों पर ज्यादातर उन्हीं प्रत्याशियों को मौका दिया जो 2019 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर चुके हैं। लखनऊ से केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह चुनाव मैदान में हैं। सपा ने उनके सामने पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा को उतारा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार वाराणसी सीट से लड़ेंगे। डिंपल यादव मैनपुरी और शिवपाल सिंह यादव बदायूं सीट से सपा उम्मीदवार हैं।
गोरखपुर संसदीय सीट से भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रहे रवि किशन को दोबारा बीजेपी ने मौका दिया है। उनके सामने सपा ने भी भोजपुरी अभिनेत्री काजल निषाद को उतारा है। पश्चिमी यूपी की महत्वपूर्ण सीट मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान को टिकट मिला है। सपा ने उनके सामने हरेंद्र मलिक को उतारा है। गौतमबुद्ध नगर सीट से डॉ महेश शर्मा को बीजेपी ने लगातार चौथी बार मौका दिया है। इसी तरह मथुरा सीट से भी ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी को लगातार तीसरी बार उतारा गया है।
भाजपा सूत्रों की मानें तो उप्र के शेष बची सीटों पर भाजपा ज्यादा उलटफेर करेगी। इसमें कई सासंदों के टिकट कट सकते हैं तो कई के लोकसभा क्षेत्रों में बदलाव भी किया जा सकता है। इस कारण भाजपा के संभावित उम्मीदवारों की धड़कने भी बढ़ी हुई है।