लखनऊ, । मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने आलू उत्पादन, भण्डारण व बाजार मूल्य के संबंध में सोमवार को सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य दिलाना शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। किसानों को आलू के भण्डारण और विक्रय में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिये। आलू के सीजन से पहले सभी मंडियों को क्रियाशील करा दिया जाये।
उन्होंने कहा कि आलू के रेट तथा कोल्ड स्टोरेज की क्षमता और उपलब्धता को सम्बन्धित पोर्टल पर प्रतिदिन अपडेट कराया जाये। मुख्यालय स्तर पर भी जनपद स्तर से इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट ली जाये। उन्होंने कहा कि पुराने कोल्ड स्टोरेज को पूरी तरह से मार्डनाइजेशन कराया जाये।
बैठक में बताया गया कि देश में कुल आलू उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। प्रदेश में छह लाख से अधिक किसानों द्वारा आलू की खेती की जाती है। प्रदेश में गत वर्ष 6.94 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में 243 लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ था। वर्तमान में औसत बाजार मूल्य 1039 रुपये प्रति कुन्तल (दिनांक 07 मार्च, 2024), जो गत वर्ष की तुलना में लगभग 63 प्रतिशत अधिक है।
वर्तमान वर्ष में गत वर्ष की अपेक्षा शीतगृहों की संख्या एवं भण्डारण क्षमता में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रदेश में कुल 17092355.37 मीट्रिक टन के 2048 शीतगृह उपलब्ध है, जिसमें 11964648.76 भण्डार हेतु स्थान रिक्त है। जनपदों में आलू भण्डारण व्यवस्था सुचारु करने के लिए प्रतिदिन अनुश्रवण एवं मुख्यालय स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव उद्यान बी0एल0मीना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।