नई दिल्ली। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में जेल में बंद कैदियों को कट्टरपंथी बनाने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार की सुबह 7 राज्यों में एक साथ छापेमारी की। यह छापेमारी बेंगलुरु और तमिलनाडु के अलावा देश के अन्य पांच राज्यों में भी की गई।
एनआईए प्रवक्ता के मुताबिक जांच एजेंसी की टीम ने मंगलवार को 17 स्थानों पर तलाशी ली। टीम ने मोहम्मद उमर, मोहम्मद फैसल रब्बानी, तनवीर अहमद और मोहम्मद फारूक के साथ-साथ भगोड़े जुनैद के ठिकानों पर की गई छापेमारी में 7.3 लाख रुपये नकद जब्त किए। एजेंसी ने कई डिजिटल डिवाइस और आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
इस दौरान जांच से पता चला है कि बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी टी नजीर हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कैदियों को कट्टरपंथी बना रहा था। उमर, रब्बानी, अहमद, फारूक और जुनैद सेंट्रल जेल, परप्पाना अग्रहारा, बेंगलुरु में कैद के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य और उम्रकैद की सजा काट रहे टी नजीर के पहले भी संपर्क में आए थे।
यह मामला मूल रूप से अक्टूबर में बेंगलुरु सिटी पुलिस द्वारा सात पिस्तौल, चार हथगोले, एक मैगजीन, 45 लाइव राउंड और चार वॉकी-टॉकी की जब्ती के बाद दर्ज किया गया था। बेंगलुरु सिटी पुलिस ने 18 जुलाई, 2023 को सात आरोपितों के कब्जे से बरामदगी तब की, जब सातों लोग एक आरोपित के घर में एकत्र हुए थे।
इस साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बेंगलुरु लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) जेल कट्टरपंथ और ‘फिदायीन’ (आत्मघाती) हमले की साजिश रचने के मामले में एक आजीवन कारावास की सजा पाने वाले और दो भगोड़ों सहित आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
आरोपपत्र में शामिल लोगों में केरल के कन्नूर जिले का टी नसीर भी है, जो 2013 से बेंगलुरु की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। जुनैद अहमद उर्फ जेडी और सलमान खान के विदेश भाग जाने का संदेह है। अन्य की पहचान सैयद सुहैल खान उर्फ सुहैल, मोहम्मद उमर उर्फ उमर, जाहिद तबरेज उर्फ जाहिद, सैयद मुदस्सिर पाशा और मोहम्मद फैसल रब्बानी उर्फ सदाथ के रूप में हुई है। सभी आठ आरोपितों पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।