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दिल्ली पुलिस कालकाजी मंदिर में जागरण के दौरान महिला की मौत की जांच में तेजी लाए: हाई कोर्ट

नई दिल्ली,। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वो कालकाजी मंदिर में 27 जनवरी को जागरण के दौरान एक महिला की मौत की तेजी से जांच करे। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वो इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

आज सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि मंदिर का प्रशासन प्रशासक के अधीन है और 27 जनवरी को हुए आयोजन की अनुमति प्रशासक से नहीं ली गई थी। बतादें कि 20 फरवरी को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि दिल्ली के कालकाजी मंदिर में कोर्ट की ओर से नियुक्ति प्रशासक की अनुमति के कोई भी जागरण या धार्मिक आयोजन नहीं किए जा सकते हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि 27 जनवरी को सेवादार मित्र मंडल के दो सदस्यों ने कालकाजी मंदिर में जागरण का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में गीतकार बी. पारीक को बुलाया गया था। कोर्ट ने इस आयोजन के दौरान महिला की मौत पर नाखुशी जताते हुए कहा था कि मंदिर का पूरा प्रबंधन और नियंत्रण कोर्ट की ओर से नियुक्त प्रशासक के अधीन होना चाहिए न कि किसी दूसरे व्यक्ति या सोसायटी के अधीन। कोर्ट ने साफ किया था कि मंदिर का महंत प्रशासनिक फैसले नहीं ले सकता है और वो मंदिर परिसर में किसी कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दे सकता है। कोर्ट ने मंदिर के प्रशासक को निर्देश दिया कि वो मंदिर परिसर में भीड़ पर नियंत्रण को लेकर कदम उठाएं।

22 सितंबर 2021 को हाई कोर्ट ने कालकाजी मंदिर की व्यवस्था का काम देखने के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एआर मिधा को प्रशासक नियुक्त किया था। कोर्ट ने कहा था कि प्रशासक श्रद्धालुओं, बारीदारों की सुरक्षा और मंदिर की पवित्रता बनाये रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे। प्रशासक के सहयोग के लिए कोर्ट ने मनमीत अरोड़ा की लोकल कमिश्नर के रूप में नियुक्ति की थी। कोर्ट ने प्रशासक को एक सचिव सह कोषाध्यक्ष नियुक्त करने का निर्देश दिया था, जो प्रशासक के रोजाना के कामों में मदद करेंगे।

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