इस्लामाबाद,। पाकिस्तान में चुनाव के 12 दिन बीत जाने के बाद भी नई सरकार बनाने को लेकर असमंजस कायम है, फिलहाल कोई भी राजनीतिक दल किसी भी तरह से सरकार बनाती हुई नहीं दिख रही है। पाकिस्तान में नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल एन और बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पीपीपी के बीच सत्ता में साझेदारी पर बात नहीं बन पा रही है। दोनों दलों के बीच पांच चरणों की वार्ता के बाद भी कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दोनों दल सहमत नहीं बन सकी है।
इस बीच धांधली का आरोप लगाकर इमरान खान की पार्टी पीटीआइ और कुछ अन्य दलों के विरोध प्रदर्शन भी जारी है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में चुनाव धांधली से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई भी शुरू हो चुकी है। सोमवार रात तीन घंटे चली दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की वार्ता में कुछ बिंदुओं पर असहमति बनी रही।
देर रात पीएमएल एन ने बैठक को खत्म करने की घोषणा करते हुए कहा कि पीपीपी के साथ वार्ता के लिए अगली बैठक बुधवार को होगी। सूत्रों के अनुसार पीपीपी नेता बिलावल ने बहुत चतुराई से वार्ता के बिंदुओं को तय किया है। उनकी कोशिश है कि दोनों दलों के गठबंधन वाली सरकार न बन पाए और उसके लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की फजीहत हो और अंतत: वह सरकार बनाने से इन्कार कर दे।
इसके बाद बिलावल सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए इमरान खान समर्थक सांसदों और अन्य दलों का समर्थन प्राप्त करने की कोशिश करेंगे। लेकिन बिलावल की योजना का क्रियान्वयन इतना आसान नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान में सत्ता की राह तय करने वाली सेना इमरान को सत्ता में नहीं देखना चाहती है। 29 फरवरी से शुरू होने वाले नेशनल असेंबली के सत्र में 133 सदस्यों के समर्थन वाला गठबंधन ही सरकार बना पाएगा।
फिलहाल सबसे बड़े दल के रूप में पीएमएल एन सरकार बनाने के दावे के साथ सबसे आगे है और उसने शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। जबकि निर्दलीय सांसदों के बल पर इमरान की पार्टी पीटीआइ नेशनल असेंबली में सदस्यों का सबसे बड़ा समूह है। फिलहाल उसने विपक्ष में बैठने का एलान किया है।