लखनऊ। भारत सरकार की योजना प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत उत्तर प्रदेश को देश में सर्वाधिक अनुदान स्वीकृति किया गया है। प्रदेश को विभिन्न मदों में लगभग 740 करोड़ का अनुदान जारी किया गया है। स्वीकृति अनुदान का उपयोग विश्वविद्यालयों में शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने तथा जर्जर हो चुके पुराने भवनों के रेनोवेशन करने पर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप सरकार का लक्ष्य प्रदेश में अनुसंधान और नवाचार के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना है, जिससे विश्वविद्यालयों और उसके संबद्ध महाविद्यालयों को लाभ होगा। अनुदान का उपयोग उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों हेतु निर्धारित मापदंडों और मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करके उनकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किया जाएगा
डिजिटल शिक्षा के बुनयादी ढांचे को किया जाएगा विकसित
प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान योजना के अन्तर्गत चिन्हित न्यूनतम सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) के क्रम में असेवित क्षेत्रों में नए राजकीय मॉडल महाविद्यालयों के लिए अनुदान प्रदान किया गया है। केंद्र प्रायोजित योजना का उद्देश्य राज्य में उच्च शिक्षण संस्थानों को वित्त पोषण तथा सभी उच्च संस्थानों को समान विकास प्रदान कर उच्च शिक्षा प्रणाली को ठीक करना है। योजना के अन्तर्गत 2026 के अंत तक सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 35 फीसद तक बढ़ाना है। उत्तर प्रदेश में इस अनुदान का उपयोग डिजिटल शिक्षा के तरीकों के लिए बुनयादी ढांचे को विकसित करने के लिए किया जाएगा। जिससे राज्य के सामाजिक रूप से वंचित समुदायों के लिए उच्च शिक्षा के विभिन्न अवसर सुनिश्चत हो सकें। प्रदेश में उच्च शिक्षा में महिलाओं, अल्पसंख्यकों, एससी-एसटी-ओबीसी और विशेष योगजन व्यक्तियों को शामिल करने के लिए अनुदान का उपयोग किया जाएगा।
यूपी के कुल 14 विश्वविद्यालयों को मिला अनुदान
बहु-अनुशासनात्मक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) के अन्तर्गत चिन्हित देश भर के 26 विश्वविद्यालयों में से उत्तर प्रदेश के 06 विश्वविद्यालयों को अनुदान दिया गया है। इनमें डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या, महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर, बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी, लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ को 100-100 करोड़ की धनराशि दी गई है। इसी तरह विश्वविद्यालयों के सुदृढीकरण के अंतर्गत चिन्हित पूरे देश में 52 विश्वविद्यालयों में से उत्तर प्रदेश के 8 विश्वविद्यालयों को अनुदान दिया गया। इनमें डॉ. भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर, मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय सहारनपुर और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी को 20-20 करोड़, जबकि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर को 19,99,99,000, प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय प्रयागराज को 19,99,97,000, जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया को 13,38,90,000 और सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु को 6,53,11,262 रुपये प्रदान किए गए।