(ब्रह्मा नंद पाण्डेय)
पीलीभीत। पीलीभीत मे उच्चाधिकारी की डांट से परेशान एक दारोगा द्वारा रविवार को आत्महत्या की कोशिश किये जाने की खबर है। हालत बिगड़ने पर दरोगा को मेडिकल कॉलेज मे इलाज के लिए भर्ती कराया गया है जहाँ उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। बहरहाल एसपी अविनाश पाण्डेय की पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पीलीभीत के दरोगा देवेंद्र राणा की किसी बात को लेकर एक उच्चधिकारी ने उन्हे गाली गुप्ता देते हुए डांट दिया था। उच्चाधिकारी से हुई इस घटना से आहत दारोगा ने रविवार को आत्महत्या के प्रयास मे तथाकथित दवाओ की कई गोलिया गटक ली थी। गोलिया क्यो खाई इस पर पीड़ित दरोग ने इलाज मे लगी चिकित्सक सुरभी सिंह को कोई बयन् नही दिया है। लेकिन आठ दस गोलिया खाने वाला, वह भी पढ़ा लिखा ब्यक्ति, क्यो खायेगा ? समझने वाला है।
हालत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज मे भर्ती कराया गया जहा उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। इस मामले को लेकर कोई भी उच्चाधिकारी मुह खोलने को तैयार नही है। उल्लेखनीय है कि बतौर एसपी अविनाश पाण्डेय के कार्यकाल मे कई दरोगाओ के साथ एसपी दफ्तर मे गाली गुप्ता के साथ लोटा वार की घटनाये हुई लेकिन किसी पीड़ित ने जुबान नही खोली।
इस मामले मे भी कोई अफसर मुह खोलने को तैयार नही रहा। कई दारोगा तो इंचार्जेशीप छोड़कर नौकरी करने को बाध्य रहे तो कई स्थानातरण करवा कर खुद बाहर हो लिए। बहरहाल एसपी अविनाश पाण्डेय के इस अपराधिक कृत्य का खरी दुनिया के पास कोई साक्ष्य नही है लेकिन वे गलत को सही और सही को गलत करने के लिए अफसरों पर दबाव डलवाने का काम करते है।
बतौर एसपी के ही दबाव मे उनके पूर्व के तैनाती जनपद मऊ मे कई बदमाशों के खिलाफ मुकदमे दर्ज नही किये गये तो कइयो को निर्दोष होते हुए जेल तक भेजा गया है। एसपी के इस अपराधिक कृत्य मे उनके सहित दो लोगो पर अवमान अधिनियम की कार्यवाही मा० उच्च न्यायालय मे पेंडिंग है तो एक के दाखिले की तैयारी है।
रही बात जाँच कि तो जांच मे दारोगा के द्वारा आत्महत्या के प्रयास के मामले मे भी वाही हाल होने से खरी दुनिया का इंकार नही है, जो मऊ मे पुलिस द्वारा किये गये अपराधिक कृत्यो की जाँच मे हुआ है। इस मामले मे भी किसी अधिकारी की डांट के आने की बात झूठ साबित होने से इंकार नही है।
एसपी अविनाश पाण्डेय के अपराधिक कृत्यो का साक्ष्यों को कई जांच मे मिल चुकी है क्लीन चीट
मऊ मे भाजपा नेता राकेश गुप्ता को फर्जी मामले मे फंसाने को लेकर शासन स्तर से जाँच मे जांच अधिकारियो ने उनके बचाव मे कार्य किया है।
तटस्ट जाँच मे एसपी अविनाश पाण्डेय के अपराधिक कृत्यो के कई प्रमाण “खरी दुनिया” के पास है। बस जांच पुलिस महकमे को छोड़ किसी अन्य ऐसी एजेंसी से हो, जो तथ्यों की जांच कर कार्यवाही करने वाली हो अन्यथा एसपी अविनाश पाण्डेय हमेशा अपने अपराधिक कृत्यो मे बचते रहेंगे।
ब्तौर् एसपी अविनाश अपने अधीनस्थो से गलत को सही और सही को गलत करवाने का कम करते है। तैनाती जनपद मऊ के दौरान एसपी अविनाश ने जिले मे अबैध संचालित निजी नर्सिंग होमो की पैरवी मे खरी दुनिया को अपने अधीनस्थ से फोन करवा कर धमकी दिलवाई थी। एसपी खरी दुनिया मे छप रही खबरों पर धमकी के माध्यम से बिच मे लिफाफा लेकर विराम लगवाना चाहते थे।