दीवानी परिसर मे असलहे के साथ जबरद्स्ती घुसे बदमाशों को अधिवक्ता द्वारा पुलिस हिरासत से छुड़ाने का मामला
— असलहाधारी बदमाशों को पुलिस की हिरासत से भगाने वाले अधिवक्ता को मुड़कमा वादी नही पहचानते, घटना स्थल पर मौजूद सीसी टीवी की फुटेज ही है अधिवक्ता की संलिप्त्ता का साक्ष्य
मऊ। दीवानी कचहरी मे असलहाधारियों को घुसाकर पुलिस की हिरासत से उनको छुड़ाने वाले अधिवक्ता को मुकदमा दर्ज कराने वाले पुलिस कर्मचारी द्वारा नही पहचाने जाने की खबर है। अब मामले के विवेचक को घटना स्थल के पास मौजूद सीसीटीवी के फुटेज को खंगालना विधिक मजबूरी बन गई है।
मामले के मुकदमा वादी रामाश्रय गुप्ता ने खरी दुनिया से बातचीत मे इस बात का खुलासा किया है। जिस ब्यक्ति ने दीवानी परिसर का मुख्य गेट को बिना सुरक्षा मे लगे सिपाहियों की सहमति के खोलने का काम किया है, उसको पुलिस ने मंगलवार को ही गिरफ्तार कर लिया था।
घटना के २४ घंटे बीतने को है पुलिस की हिरासत से असलहेधारियों को छुड़ाने वाले अधिवक्ता को समाचार लिखे जाने तक पुलिस गिरफ्तार नही कर सकी है। मामला शासकीय कार्य मे लगे पुलिस कर्मचारियों के कार्यो मे बाधा डालने वाला अति गंभीर है।
उधर सूत्रों पर यदि यकीन करे तो असलहेधारी एक ऐसे अधिवक्ता के बुलावे पर आये थे जो अपने क्लाइंट के हित से अधिक बिपक्षियों के हित को सर्वोपरि रखता है और बिपक्षियों से मिलकर क्लाइंट की सहमति के बगैर मुकदमा वापस करा देता है।
पुलिस इस अधिवक्ता को जानती और पहचानती है लेकिन जानबूझकर उसको सरकारी कार्य मे बाधा डालने के आरोप मे गिरफ्तार नही कर रही है।