(ब्रह्मा नंद पाण्डेय- अधिवक्ता, उच्च न्यायालय)
मऊ। जिला पंचायत राज विभाग के अधिकारियो की मिलीभगत से नियम विरुद्ध विना टेंडर कराये ५ ब्लाको के कुल १८ ग्राम पंचायतो से ५० लाख रुपये से अधिक की धनराशि का भुगतान किये जाने की खबर है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय की मिली भगत से जिले पांच विकास खंडो मे शामिल कोपागंज, रानीपुर, रतनपुरा, फतेहपुर मंदाव और घोसी मे क्रमशः २५ लख २५ हजार से अधिक रानीपुर मे ४ लाख ९८ हजार से अधिक, ५ लाख ३२ हजार से अधिक , ८ लाख ३८ हजार से अधिक और घोसी मे १२ लख ९२ हजार से अधिक की राशि का भुगतान विना टेंडर प्रकाशन के ही कर दिया गया है। कोपागंज के बसारतपुर, चिरयाखुर्द, गरजहुल्ली, मुहम्मदपुर, सहरोज बिकास खंड रानीपुर का भिखम पुर, सोनिशा, उतरेजपुर, रतनपुरा का बड़ागांव, छिछोड़करोंदी, गहना, विकास खंड फतेहपुर मंडव का गागौपुर, रसूलपुर आदमपुर, और विकास खंड घोसी का मौरबोझ, मानिकपुर असना, मूरनपुर, तराडीह और जामदीह शामिल है। इब गांवो के ग्राम प्रधान और सेक्रेटरीयो ने मिलकर विना तेंदर हुए निर्माण कार्यो पर ५६ लाख से अधिक का भुगतान कर दिया है। खरी दुनिया की अभी पड़ताल जारी है, इस संख्या को खरी दुनिया बढ़ने से इंकार नही है।
ग्राम पंचायत देवदह के बाद खैराबाद और मीरपुर रहीमाबाद के ग्राम प्रधान ने उतरी है मजदूरी की लाखो की रकम
मऊ। ग्राम प्रधानों मे ग्राम पंचायत के सरकारी खाते से मजदूरी के नाम पर धन निकालने की होड़ लग गई है। विकास खंड रतनपुरा के ग्राम पंचायत देवदह के बाद खरी दुनिया ने मुहम्मदाबाद गोहना विकास खंड के ग्राम पंचायत खैराबाद और रहिमाबाद मे मजदूरी के नाम पर गवह के ग्राम प्रधानों के द्वारा सचिव से मिलकर लाखो रुपये हड़प लिए गये है।
मीरपुर रहिमाबाद मे केवल १० वाउचर के माध्यम से ३ लाख ४७ हजार से अधिक की निकासी के साक्ष्य है तो खैराबाद मे भी कुल १० वाउचर के माध्यम से ३ लाख ९९ हजार से अधिक की रकम को वाहा के ग्राम प्रधानों के द्वारा सचिवों से मिलकर धन हड़पने के साक्ष्य है। ग्राम प्रधानों ने सरकारी खाते से अपने ब्यक्तिगत खाते मे यह धन उतारा है।
बताते चले की विकास खंड रतनपुर के देवदाह ग्राम पंचायत मे भी व्हा की ग्राम प्रधान ने मजदूरिंकी रकम को अपने खाते मे उठतरने के बाद खरी दुनिया ने मा उच्च न्यायालय से जाँच के आदेश कराये है जिसमे जाँच आधुकत के. द्वारा जानबूझकर जाँच आंख्या देने मे आनाकानी की जा रही है। जाँच समिति के अध्यक्ष / मुख्य पशु चिकिताधिकारी मऊ के द्वारा जाँच आंख्या देने मे जानबूझकर देरी की जा रही है।