सुलतानपुर। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी को मानहानि के मामले में मंगलवार को सुलतानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से जमानत मिल गई। राहुल गांधी कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश हुए थे। जमानत के बाद उन्होंने 25-25 हजार के दो बांड भी भरे। राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला पांच साल पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी से जुड़ा है।
एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर और जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ल ने आरोपों को निराधार बताते हुए जमानत की मांग की। वहीं अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध जताया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के जज योगेश यादव ने राहुल गांधी को सशर्त जमानत दे दी। कोर्ट ने जमानत व मुचलका दाखिल करने का आदेश दिया। राहुल ने जमानत के बाद 25-25 हजार रुपये के दो बांड भरे। अग्रिम कार्यवाही के लिए कोर्ट ने दो मार्च, 2024 की तारीख तय की है।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने 05 साल पहले गुजरात में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। राहुल ने 2018 में कर्नाटक चुनाव के दौरान कहा था कि जो पार्टी ईमानदारी की बात करती है, उसका अध्यक्ष हत्या का आरोपित है। इसके बाद सुलतानपुर के भाजपा नेता विजय मिश्र ने 04 अगस्त, 2018 को राहुल के खिलाफ मनहानि का केस दायर किया था। विजय मिश्रा का दावा है कि राहुल के बयान से चार साल पहले अमित शाह को 2005 के फर्जी मुठभेड़ मामले में मुंबई के स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने आरोपमुक्त कर दिया था। इसी मामले में सुलतानपुर की अदालत में पेश होने के लिए राहुल को समन जारी किया गया था। कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा मंगलवार को होल्ड कर राहुल गांधी कोर्ट में पेश हुए।
दोषी साबित होने पर दो साल की हो सकती है सजा-
भाजपा नेता विजय मिश्रा ने कहा था कि राहुल गांधी ने बेंगलुरु में अमित शाह पर आरोप लगाया था कि वह हत्यारे हैं। जब मैंने ये आरोप सुने तो मुझे बहुत दुःख हुआ, क्योंकि मैं 33 सालों से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। मैंने अपने वकील के माध्यम से इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई। यह मामला 04 अगस्त, 2018 को सुलतानपुर की अदालत के समक्ष दायर किया गया था। अगर राहुल इस मामले में दोषी साबित होते हैं तो उन्हें अधिकतम दो साल की सजा हो सकती है।