बांदा। उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। जेल की बैरक में मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब होने पर जेल प्रशासन रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले आया जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही थी। सूचना मिली कि मुख्तार को आईसीयू से सीसीयू में भर्ती करना पड़ा। यहां मुख्तार के इलाज में 9 डॉक्टरों की टीम लगी थी। मुख्तार अंसारी की मौत से जुड़ी खबर आने के बाद मऊ और गाजीपुर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है जबकि राज्य भर में धारा 144 लागू कर दी गई।
मुख्तार की मौत के बाद जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया कि आज शाम 8:25 बजे बंदी मुख्तार अंसारी को उल्टी की शिकायत के बाद बेहोशी की हालत में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया। नौ डॉक्टरों की टीम उनके इलाज में लगी थी लेकिन भरसक प्रयास के बावजूद हार्ट अटैक आने से मुख्तार की मौत हो गई।
दूसरी ओर, लखनऊ में 5 केडी मुख्यमंत्री आवास पर चल रही बड़ी बैठक चल रही है जिसमें डीजीपी प्रशांत कुमार, एडीजी एलओ अमिताभ यश भी मौजूद हैं। मुख्यमंत्री आवास से घटनाक्रम पर पैनी नजर रखी जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसी भी हाल में अप्रिय घटना न हो, इसके लिए निर्देश दिये हैं।
इससे पहले गुरुवार शाम जेल में मुख्तार अंसारी की तबीयत फिर से खराब होने की जानकारी मिलने पर जिला अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल, पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल कई थानों की पुलिस के साथ मंडल कारागार पहुंचे। करीब 40 मिनट तक जेल के अंदर सभी अधिकारी रहे। अंदर क्या हो रहा है किसी को कोई जानकारी नहीं मिली। 40 मिनट बाद एम्बुलेंस आई जिसमें मुख्तार अंसारी को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। हार्ट अटैक की खबर सामने आने पर मेडिकल कॉलेज के बाहर मीडिया का हुजूम लग गया। हर कोई मुख्तार अंसारी की स्वास्थ्य के बारे में जानकारी चाह रहा था लेकिन इस बारे में कोई कुछ बताने को तैयार नहीं था। प्रिंसिपल डॉक्टर एसके कौशल भी फोन नहीं उठा रहे थे। बाद में उनकी मौत होने की खबर सामने आई लेकिन तब भी घटना की पुष्टि नहीं हुई।
सोमवार की रात मुख्तार मुख्तार को पेट दर्द की शिकायत पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। जहां डॉक्टर ने उसे कब्जियत बताकर एनिमा लगाया था। उसे 14 घंटे तक मेडिकल कॉलेज में रखकर देर शाम उसी दिन जेल में शिफ्ट कर दिया गया। बुधवार को जिला अस्पताल के डॉक्टर के पैनल ने उसकी पुनः जांच की थी। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया था कि उसकी हालत में सुधार हो रहा है, उसे कुछ दवा भी दी गई। इस बीच एमपी एमएलए कोर्ट ने भी मुख्तार के स्वास्थ्य के बारे में संज्ञान लेते हुए जेल अधीक्षक से मेडिकल रिपोर्ट तलब की थी। जिस दिन मुख्तार की हालत बिगड़ी थी उस दिन परिवार के लोग भी उसे देखने आए थे। यहां मीडिया के समक्ष मुख्तार के बेटे उमर अंसारी एवं भाई अफजाल अंसारी ने खाने में मुख्तार को जहर देने का आरोप लगाया था। इसके पहले मुख्तार के वकील ने बाराबंकी कोर्ट में भी मुख्तार के हवाले से खाने में जहर देने का आरोप लगाया था लेकिन जेल प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। अब उनकी मौत से तमाम तरह के सवाल फिर उठ रहे हैं।