नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने श्वेत पत्र जारी कर अपनी विफलताओं को छुपाने की कोशिश की है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दिनों मोदी सरकार एक फर्जी श्वेत पत्र लेकर आई थी। विडंबना ये है कि मोदी सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड नहीं दिखा रही बल्कि 10 साल पहले की सरकार का लेखा-जोखा लेकर आई है। सुप्रिया ने कहा कि वह मोदी सरकार को खुली चुनौती देती हैं कि वे अपने बनाए मानक पर कांग्रेस और भाजपा सरकार के 10 साल के आंकड़े रखकर देख लें। इससे सच सामने आ जाएगा।
श्रीनेत ने कहा कि मोदी सरकार के श्वेत पत्र पर वित्त मंत्रालय से साजिशन वैधता ली गई, जिसमें वित्त मंत्रालय के अफसरों को खुद के किए गए कामों को नकारना पड़ा। हालांकि इन साजिशों के बावजूद यूपीए के 10 वर्षों की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर, भाजपा सरकार के 10 वर्षों से कहीं अधिक थी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में जीडीपी ग्रोथ रेट 06 फीसदी से नीचे आ गई। लोगों की आय घटी, उपभोग घटा, बेरोजगारी बढ़ी, निवेश घटा, महंगाई बढ़ी और बचत खत्म हो गई।
सुप्रिया ने कहा कि देश पर कर्ज बढ़ा है। रुपया की वैल्यू कम हुई है। पेट्रोल और डीजल महंगा हुआ। बेरोजगारी सबसे बड़ी त्रासदी बनी, उत्पादन और सर्विसेज में रोजगार घटे, मनरेगा पर ज्यादा खर्च करना पड़ा, शिक्षा और स्वास्थ्य में कम पैसा खर्च हुआ, प्राइवेट निवेश गिरा है। उन्होंने कहा कि कोरोना आने से पहले हमारे देश की जीडीपी ग्रोथ आधी हो गई थी, जिसका कारण नोटबंदी और गलत जीएसटी था। वर्ष 2016 के बाद 2019 में जीडीपी ग्रोथ 3.9 फीसदी पर आकर गिर गई थी और देश में 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी थी। यह सरकार की विफल नीतियों का प्रमाण है, जिसका ठीकरा कोरोना पर नहीं फोड़ा जा सकता।