वाराणसी। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की वाराणसी इकाई ने जिले के सिंधोरा क्षेत्र में छापेमारी कर दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से 2500 ग्राम नशीला सिन्थेटिक ड्रग्स मेफेड्रोन (म्याऊं म्याऊं) बरामद किया। इसकी अन्तरराष्ट्रीय बाजार में 30 करोड़ रूपये कीमत आंकी गई है।
गिरफ्तार तस्करों में तिवारीपुर बड़ागांव निवासी संतोष गुप्ता उर्फ बल्ली पुत्र हड़बड़ी गुप्ता, पुवारी खुर्द थाना बड़ागांव निवासी अतुल सिंह है। एसटीएफ के स्थानीय अफसरों के अनुसार पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों में मेफेड्रोन तस्करों के सक्रिय होने की जानकारी मिल रही थी। इसी दौरान ठाणे मुम्बई की पुलिस ने यूपी एसटीएफ के अफसरों से सूचना साझा किया कि मुम्बई में विनायक नगर नाला सोपारा निवासी पंजीकृत वांछित मेफेड्रोन तस्कर ओम गुप्ता उर्फ मोनू वाराणसी और आसपास के जनपदों में छिपकर रहने के साथ नशीले पदार्थो की तस्करी भी कर रहा है। एसटीएफ के अफसरों के निर्देश पर एसटीएफ वाराणसी इकाई के निरीक्षण अनिल कुमार सिंह और उनकी टीम तस्करों के बारे में सूचना जुटाने के साथ उनके लोकेशन को ट्रैस करने में जुट गई। सूचना संकलन के दौरान निरीक्षक को पता चला कि भगवतीपुर मझवा थाना क्षेत्र सिंधोरा में स्थित प्रदीप प्रजापति के घर में सिंथेटिक ड्रग तैयार किया जा रहा है। इसके बाद वाराणसी टीम के साथ मुम्बई थाणे की पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर मकान से दो तस्करों को पकड़ लिया।
पूछताछ में दोनों ने बताया कि ओम गुप्ता उनके गिरोह का सरगना है। वह मुम्बई और थाणे के आसपास से म्याऊं म्याऊं ड्रग्स की आपूर्ति करता है। हमारे गिरोह के तीन सदस्यों को मुम्बई पुलिस ने गिरफ्तार कर लगभग 32 लाख का ड्रग पकड़ लिया था। तीनों ने पुलिस को पूछताछ में गिरोह के बारे में पूरी जानकारी दी थी। उसके बाद मुम्बई पुलिस गिरोह के सरगना और अन्य सदस्यों के गिरफ्तारी में जुट गई थी। मुम्बई पुलिस से बचने के लिए हम लोग वाराणसी सिंधोरा में नशीला पदार्थ बनाने लगे। दोनों ने बताया कि सरगना ओम गुप्ता ने सिंधोरा मझवा में ओम गुप्ता ने अतुल सिंह के नाम पर प्रदीप प्रजापति को साढ़े 06 लाख रूपए मकान खरीदने के लिए दिया था। इसके बाद ओमगुप्ता के साथ मिलकर दोनों मेफेड्रोन ड्रग्स बनाने लगे। तैयार मादक पदार्थ को ओमगुप्ता मुम्बई में बेचता था। हम दोनों को प्रति किलोग्राम दो लाख रूपए मिलता है।