लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र 2024-25 के आठवें दिन शनिवार को सदन में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार के पेश बजट पर प्रदेश की गरीब, किसान, नौजवान, बेराेजगार, उद्यमी और आम जन की बात रखी। उन्होंने भारी भरकम बजट पर सवाल खड़ा करते हुए 90 फीसदी जनता की अनदेखी का आरोप लगाते हुए सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों को ध्यान में रखने वाला बताया।
अखिलेश ने सदन में कहा कि बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि यूपी का बजट चाहे 7 करोड़ का हो या 8 लाख करोड़ का हो, सवाल यही रहेगा कि 90 पर्सेंट जनता के लिए उसमें क्या है? विश्व की 5वीं अर्थव्यवस्था में 80 करोड़ जनता 5 किलो राशन पर निर्भर है। विश्व की 5वीं अर्थव्यवस्था, लेकिन पुरानी पेंशन के लिए 5 पैसे भी नहीं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब प्रभु राम दिल में बसते हों तो नाम लेने की क्या जरूरत है। जब आप और हम नहीं थे तब भी राम थे, जब हम नहीं रहेंगे वो तब भी रहेंगे। ऐसा कहना कि आप प्रभु राम को लाए हैं, यह कहकर आप भगवान और धर्म का अपमान कर रहे हैं।
अपनी बात रखते हुए सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने दो पंक्तियां कहीं। उन्होंने कहा कि हुजूर-ए-आला आज तक खामोश बैठे इसी गम में, महफिल लूट ले गया कोई जबकि सजाई हमने।
अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी के लिए पहचान का संकट अगर कोई पैदा कर रहा है तो वह आपकी सरकार कर रही है। आपने कहा था झांसी से दिल्ली को जोड़ने के लिए एक्सप्रेसवे बनाएंगे, अब तक क्यों नहीं बना पाए? मेट्रो क्यों नहीं बना पाए? हम तो भगवान कृष्ण के वंश से आते हैं। भगवान विष्णु के सब अवतारों को मैं मानता हूं। हम तो पांडव वाले पक्ष के लोग हैं।
यूपी ही नहीं, देश के किसान की आवाज को उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि क्या किसान की आय दोगुनी हो गई? क्या एमएसपी मिलने लगा? हमने कई बार पूछा है इस सरकार से कि आखिरकार ये 46 में 56 वाली कहानी क्या है? यूपी में जो वाइस चांसलर अप्वाइंट हुए हैं, 34 में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) कितना है? और फिर ये वाइस चांसलर और किनको अपॉइंट कर रहे हैं?