गांधीनगर/अहमदाबाद,। गुजरात से राज्यसभा की चार सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन भाजपा के चार उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया। इनमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मयंक नायक, गोविंद ढोलकिया, जसवंत सिंह परमार शामिल हैं।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा गुजरात से राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए आज सुबह अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचे। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने उनका स्वागत किया।
फिलहाल गुजरात से राज्यसभा की 11 सीटों में से दो सीटें गैर-गुजराती के पास चली गई। इसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हैं। गुजरात से कांग्रेस के प्रतिनिधित्व की बात करें तो साल 2026 के बाद एक भी कांग्रेसी राज्यसभा में नहीं रहेगा। वर्तमान में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र सांसद शक्ति सिंह गोहिल भी जून 2026 में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
भाजपा ने राज्यसभा में सौराष्ट्र, उत्तर और मध्य गुजरात का संतुलन बनाने की कोशिश की है। एक लेउवा पटेल और उत्तर और मध्य गुजरात से दो ओबीसी को मौका दिया गया है। गुजरात की चारों राज्यसभा सीटें भाजपा के खाते में जा रही हैं। अब तक दो सीटें भाजपा और दो सीटें कांग्रेस के पास थीं। हालांकि संख्याबल की कमी के चलते कांग्रेस ने फॉर्म नहीं भरने का ऐलान किया है। अब विधायकों की संख्या 156 होने के कारण इन चारों सीटों पर भाजपा के दावेदार आसानी से जीत जाएंगे। नतीजतन ये चारों सीटें निर्विरोध रहेंगी।
जेपी नड्डा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। जेपी नड्डा ने छात्र जीवन के दौरान ही राजनीति में प्रवेश कर लिया था। उन्होंने जयप्रकाश नारायण के विभिन्न आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया। वर्ष 1993 में वह पहली बार हिमाचल प्रदेश की बिलासपुर सदर विधानसभा सीट से विधायक चुने गये और विधानसभा में विपक्ष के नेता भी चुने गये। 1998 में वह एक बार फिर विधायक बने। वर्ष 2010 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। जेपी नड्डा 2012 में राज्यसभा सांसद चुने गए। 2014 में जब देश में भाजपा की सरकार आई तो जेपी नड्डा को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया। 2019 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया और 2020 में उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया।
मयंक नायक मेहसाणा से भाजपा में प्रमुख ओबीसी चेहरा हैं और भाजपा ओबीसी सेल के अध्यक्ष भी हैं। वे मेरी मिट्टी मेरा देश अभियान के प्रभारी रहे हैं। वह मंडल स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उन्होंने एक बार परिवार की जीविका के लिए रिक्शा भी चलाया था।
गोविंद ढोलकिया प्रमुख पाटीदार उद्योगपति के रूप में जाने जाते हैं। वे सूरत के मशहूर हीरा व्यापारी हैं। वह मूल रूप से सौराष्ट्र के अमरेली जिले के दुधाला के रहने वाले हैं। उन्होंने सौराष्ट्र में जल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण काम किया है। ढोलकिया को नरेन्द्र मोदी का करीबी माना जाता है। उन्होंने राममंदिर निर्माण में 11 करोड़ का योगदान दिया, वह रामकृष्ण एक्सपोर्ट ग्रुप के मालिक हैं, जिसका सालाना राजस्व 15000 करोड़ है।
जशवंत सिंह परमार गोधरा शहर के जाने-माने डॉक्टर और पंचमहल के बख्शी पंच मोर्चा के कार्यकारी सदस्य हैं। वह बैरिया बख्शीपंच समाज से आते हैं। गोधरा में 60 हजार से ज्यादा बैरिया बख्शीपंच समाज के वोटर हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें टिकट नहीं मिला लेकिन उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा और जीतने वाले उम्मीदवार से तीसरे स्थान पर रहे थे।