लखनऊ,। उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग में एक ऐसा मामला सामने आया है कि प्रोन्नति की मांग कर रहे सहायक अभियंता ने विभागाध्यक्ष के विरुद्ध सहयोग ना करने की शिकायत की है और अब मुख्यमंत्री कार्यालय से शिकायत की जांच भी विभागाध्यक्ष को ही सौंप दी गयी है।
लखनऊ स्थित लोनिवि के मुख्यालय में तैनात सहायक अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि शासकीय नियमावली ना मानने तथा उसके अनुसार वरीयता का निर्धारण नहीं होने की शिकायत लेकर वह मुख्यमंत्री कार्यालय में गये थे। अपने शिकायती पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री के संज्ञान में डाला कि उनकी वरीयता को शासकीय नियमावली के अनुसार पोषक संवर्ग में सही निर्धारण नहीं किया किया गया है। उनके बाद में सहायक अभियंता के पद पर आये सहयोगी प्रोन्नत हो चुके है।
सहायक अभियंता ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष विनोद कुमार श्रीवास्तव पहले से शिकायती पत्रों के विरुद्ध अपनी बातों को रखा गया है। विभागाध्यक्ष शिकायत पत्रों को वापस लेने का दबाव बनाते रहे हैं। वह नियमावली को मानने से भी मौखिक इन्कार करते रहे हैं।
उन्होंने बताया कि उनकी प्रोन्नति के लिए वह लगातार प्रयासरत है। फिलहाल उन्होंने विभागीय राज्यमंत्री और उसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय तक अपनी शिकायत दी है। जिसमें मुख्यमंत्री कार्यालय में दिये शिकायती पत्र पर प्रमुख सचिव अजय चौहान ने नियमावली को मानते हुए मेरे पक्ष में उचित कार्यवाही करने को विभागाध्यक्ष ही लिखा था।
विभागाध्यक्ष की कार्यवाही पर उन्होंने बताया कि बीते पांच माह के बाद भी विभागाध्यक्ष इसे लम्बित किये हुए है। लोनिवि के विभागाध्यक्ष के विरुद्ध ही नियमावली ना मानने की मैंने शिकायत की है और अब वहीं जांच कर रहे है। फिर कैसे कोई निष्कर्ष निकल पायेगा।