वाराणसी। वाराणसी जिला न्यायालय ने बुधवार को ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में पूजा करने की इजाजत दे दी है। व्यास जी के तहखाने में वर्ष 1993 से पूजा-पाठ बंद था। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि काशी-विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट बोर्ड पुजारी का नाम तय करेगा। न्यायालय ने वाराणसी जिलाधिकारी को 7 दिन के अंदर पूजा-पाठ के लिए जरूरी इंतजाम करने का भी निर्देश दिया।
जिला अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि प्रशासन ने मूल काशी विश्वनाथ की परिक्रमा को रोक दिया, लेकिन भगवान् विश्वनाथ ने हमारी परिक्रमा को स्वीकार कर लिया। आज न्यायालय में विश्वनाथ मन्दिर के पक्ष में आया फैसला समस्त सनातनधर्मियों की जीत है। हम समस्त सनातनधर्मियों को इसके निमित्त बधाई देते हैं। शंकराचार्य ने कहा कि अब मूल विश्वनाथ को लोहे के अवरोध से मुक्त किया जाएगा। व्यास जी का कमरा भी खुलेगा जिसमे ज्योतिर्मठ की ज्योति प्रज्ज्वलित रहती थी। अब पुनः ज्योतिर्मठ की ज्योति प्रज्ज्वलित होगी।