मऊः अस्थमा फेफड़ों से संबंधित एक पुरानी बीमारी है जो सभी उम्र के लोगों में पाई जाती है। यह सूजन व मांशपेशियों की जकड़क के कारण होता है जिससे सांस लेने मे परेशानी होती है। इसमें खांसी, घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ तथा सीने में जकड़न हो जाता है। अस्थमा रोगियों को समय से इनहेलर लेने के साथ ही एलर्जी से बचना चाहिए। धूल व तेज धूप से बचाव के साथ ही अस्थमा के मरीज को ज्यादा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। यह सुझाव शारदा नारायण हास्पिटल के चेस्ट फिजीशियन डॉ शमसाद अहमद ने दिया। विश्व अस्थमा दिवस पर मंगलवार को हास्पिटल में आयोजित जनजागरुकता कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने अस्थमा से बचाव एवं उपचार पर विस्तार से जानकारी प्रदान किया।
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