फिरोजाबाद। थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने रविवार को फर्जी सरकारी नौकरी में लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी कर रुपये हड़पने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को फर्जी कागजात के साथ गिरफ्तार किया है।
थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने थाना पर पंजीकृत अभियोग में प्रकाश में आये अभियुक्तों शोएब आलम पुत्र अब्दुल लतीफ निवासी मोहल्ला दिलाजाक थाना सदर बाजार जनपद शाहजहांपुर,आदित्य पुत्र आसाराम निवासी इब्राहिम गंज थाना काकोरी जनपद लखनऊ व अकील अहमद पुत्र अली मोहम्मद निवासी ज्ञानदीप पब्लिक स्कूल के पास थाना रसूलपुर को गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों के कब्जे से तीन मोबाइल फोन,फर्जी रेलवे व अन्य विभागों की स्टाम्प मोहरें,फर्जी आईडी कार्ड आरपीएफ,सचिवालय में फर्जी नौकरी से सम्बंधित कागजात बरामद किये हैं। जबकि गिरोह के एक सदस्य रवि शुक्ला को पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
पुलिस के अनुसार सनी पुत्र प्रेमपाल सिंह निवासी प्रताप नगर थाना रामगढ़ द्वारा थाना साइबर क्राइम पर तहरीर दी गयी थी कि उसके व उसके मामा के लड़के प्रशांत के साथ आरपीएफ में फर्जी सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी करते हुये 10,50,000/- रुपये का फ्रॉड कर लिया गया है। तहरीर के आधार पर थाना साइबर क्राइम मुकदमा दर्ज कर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।
पूछताछ के दौरान अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि हम लोग आदित्य उर्फ घनश्याम, अनूप, कौशल, अमित श्रीवास्तव व अन्य लोगों का गिरोह है जो विभिन्न सरकारी विभागों जैसे आरपीएफ, सचिवालय इत्यादि में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं से मोटी रकम ऐंठ लेते है व उनको फर्जी वेबसाइट पर रिजल्ट दिखा कर आश्वस्त कर लेते हैं। उसके पश्चात पीड़ितों से रुपये लेकर अपने खातों मे डलवाकर पीड़ितो को दुकानों से वर्दी खरीदवाकर फर्जी आईडी बनाकर देते हैं। नौकरी के नाम पर झारखण्ड के धनबाद व आसनोसल आदि रेलवे स्टेशनों के आउटर पर ट्रेनिंग करवाते है और छुट्टी देने का बहाना बनाकर उनको घर भेज देते हैं।
गिरफ्तारी व बरामदगी करने वाली पुलिस टीम में आलोक कुमार मिश्रा प्रभारी निरीक्षक, थाना साइबर अपराध, मुकेश कुमार मलिक निरीक्षक,थाना साइबर आदि है।