रांची। जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति मामले में सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
ईडी कोर्ट की ओर से बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं दिए जाने को हेमंत सोरेन की ओर से हाई कोर्ट में चुनौती दी गयी है। इससे पहले सोमवार को मामले में ईडी की ओर से जवाब दायर किया गया। हेमंत सोरेन की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वर्चुअल मोड में पक्ष रखते हुए कहा कि हेमंत सोरेन चार्जशीटेड नहीं हैं। वे चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं और झारखंड के पूर्व सीएम रह चुके हैं।
सिब्बल ने कहा कि विधानसभा सत्र में भाग लेना उनका संवैधानिक अधिकार है। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में प्रतिदिन हरेक विभाग का मनी बिल पास होता है। इसलिए हेमंत सोरेन का सदन में रहना जरूरी है। यह बजट सत्र काफी छोटा है। वर्चुअल मोड में सुनवाई में भाग लेते हुए ईडी की ओर से एएसजीआई एसवी राजू ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत के खिलाफ गंभीर आरोप हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले ईडी की विशेष अदालत ने 22 फरवरी को हेमंत सोरेन को बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं दी थी और हेमंत सोरेन की याचिका खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ हेमंत सोरेन की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति मांगी गई है। हेमंत सोरेन अभी ईडी की न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद है। इससे पहले हेमंत सोरेन को विश्वास मत के दौरान सदन की कार्यवाही में शामिल होने की एक दिन अनुमति ईडी की विशेष अदालत से मिली थी।