नैनीताल। हाई कोर्ट के लिए जगह का चयन कर उसका प्रस्ताव मुख्य न्यायाधीश को देने के संबंध में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन में गुरुवार को अधिवक्ताओं की आम बैठक हुई जिसमें अधिवक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखते हुए एकमत होकर कहा कि हाई कोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट नहीं किया जाए। अगर कोर्ट के लिए जगह की कमी है तो सरकार से मेट्रोपोल, टेलीफोन एक्सचेंज, कुमाऊं विश्वविद्यालय और एटीआई को लिया जा सकता है। इस मामले मे शुक्रवार को भी बैठक जारी रहेगी। उसके बाद ही मुख्य न्यायाधीश को रेज्युलेशन दिया जाएगा।
कोर्ट की एक बैंच को आईडीपीएल में बनाए जाने का प्रपोजल अव्यहारिक है। इसका हाई कोर्ट बार एसोसिएशन पुरजोर विरोध करती है। उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट को हरहाल में नैनीताल से शिफ्ट नहीं किया जाए। हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एमसी कांडपाल ने कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट शिफट करने की मांग की थी लेकिन उन्होंने कभी भी हाई कोर्ट की एक बैंच कहीं और स्थापित करने की मांग कभी नहीं की थी। उन्होंने कहा हाई कोर्ट जहां भी जाए पूरी जाए वरना इसे जहां स्थापित है वहीं रहने दिया जाए।
सभा का संचालन सचिव सौरभ अधिकारी ने किया। सभा में डॉक्टर महेंद्र सिंह पाल, पुष्पा जोशी, डीएस मेहता, विजय भट्ट, विनोद तिवारी, सैयद मून सहित भारी संख्या में अधिवक्तागणों ने अपने अपने विचार रखकर कहा कि हाइकोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट नही होने दिया जाएगा।
बता दें कि 8 मई को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हाईकोर्ट की एक बैंच आईडीपीएल ऋषिकेश में खोलने के लिए शासन से इस मामले में रिपोर्ट देने के मौखिक आदेश दिए थे। जिससे हाईकोर्ट बाद एसोसिएशन के अधिवक्ताओं को भारी आक्रोश दिखा। जिसमें अधिवक्ताओं ने सभा में कहा कि यदि इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पडता तो वे जाते। मुख्य न्यायाधीश ने बार एसोसिएशन के समस्त अधिवक्तागणों से हाईकोर्ट के लिए जगह का नाम प्रस्तावित करने को कहा था। इसलिए इस मुद्दे पर शुक्रवार को भी सभा में विचार विमर्श जारी रहेगा।