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मऊ में CFO की अबैध NOC बनी हॉस्पिटल्स के पंजीकरण का कारण : नोडल अधिकारी

राहुल हॉस्पिटल्स में मरीजों से फिस ले नही दिया जाता रसीद

मऊ। जिले की गलियों में क्यो न चले अबैध निजी अस्पताल जब अग्नि समन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दे रहा सच्चाई के खिलाफ अनापत्ति प्रमाण पत्र? यह सवाल खरी दुनिया से मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में बतौर नोडल आर एन सिंह का है। आर एन सिंह खरी दुनिया को उसके द्वारा वंदना नर्सिंग होम पर मा उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका में पारित आदेश और उसको लेकर विभागीय कार्यवाही की जानकारी देते हुए यह सवाल किया है।


विभागीय सूत्रों के अनुसार मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय जिले की गलियों में अबैध हॉस्पिटल को होने यहां पंजीकृत करने के लिए बाध्य है। पंजीकरण के लिए मुख्य अग्नि समन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा जिले की गलियों में संचालित अस्पतालो के नाम जारी किये जा रहें अनापत्ति प्रमाण पत्र आधार बनते है। यदि अग्नि समन विभाग नियमानुसार अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने लगे तो जिले की गलियों में संचालित अबैध हॉस्पिटल्स अपने आप बंद हो जाएंगे। यह मानना है सीएमओ दफ्तर में बतौर नोडल अधिकारी आर एन सिंह का है।

राहुल हॉस्पिटल मरीजों से नही लेता ऑनलाइन पेमेंट

राहुल हॉस्पिटल मरीजों को पंजीकृत कर नही देता रसीद
मऊ। राहुल हॉस्पिटल में इलाज को गये मरीजों को पंजीकरण के समय कोई रसीद नही दी जाती है। पंजिलरण के नाम पर फिस ले कर एक कागज पर सीरियल नंबर लिखा टोकन दिया जाता है। जिसकी कानूनन को बैधता नही होती है।


एक मरीज ने नाम नही छपाने कि शर्त पर बताया कि राहुल हॉस्पिटल में मरीजों को दिखाने के लिए डॉक्टर का नम्बर लेना पड़ता है। इस नंबर को लेते समय हॉस्पिटल प्रबंधन फिस लेकर एक नंबर लिखा टोकन देता है। इसी टोकन नंबर से ही मरीजों को डॉक्टर देखते है। दवा हो या फिर कोई अन्य जाँच हॉस्पिटल में सभी नकद भुगतान ही लिया जाता है। ऑनलाइन लेने से सीधे मना है।

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