नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ग्रीस के उनके समकक्ष किरियाकोस मित्सोताकिस के बीच बुधवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय एवं प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। दोनों देशों ने कृषि, फार्मा, मेडिकल, स्पेस और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमति जताई। वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त पत्रकार वार्ता को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और ग्रीस के संबंध बहुत पुराने हैं। भारत और ग्रीस के बीच लगभग ढाई हजार वर्षों से व्यापारिक, सांस्कृतिक और विचारों का आदान प्रदान चल रहा है। हमने इन संबंधों को एक आधुनिक स्वरूप देने के लिए कई नए आयामों की पहचान की है। हमने माइग्रेशन और मोबिलिटी पार्टनरशिप एग्रीमेंट को जल्द जल्द अमल में लाने पर चर्चा की है। इससे दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संबंध और सुदृढ़ होंगे। दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर भी बल दिया है। अगले साल भारत और ग्रीस के बीच कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ होगी, इसे मनाने के लिए भी दोनों देश एक एक्शन प्लान पर काम करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की बैठक में हमने कई क्षेत्रीय क्षेत्रीय और अन्तरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। हम दोनों इस बात पर सहमत हैं कि किसी भी तरह के विवाद का समाधान आपसी बातचीत और कूटनीतिक तौर तरीकों से किया जाना चाहिए। हम इंडो पैसेफिक रीजन में ग्रीस की सक्रिय भागीदारी और सकारात्मक भूमिका का स्वागत करते हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि ग्रीस ने इंडो पैसेफिक ओशन इनेशिएटिव से जुड़ने का निर्णय लिया है। जी-20 बैठक के दौरान भारत की पहल पर आईपैक कॉरिडोर की जिस योजना पर सहमति बनी, वह लंबे समय तक मानवता के विकास में योगदान देगा। इस पहल में ग्रीस भी एक अहम भागीदार बन सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश 2030 तक आपसी व्यापार को दोगुना करने पर सहमत हुए हैं। आतंकवाद जैसी साझा चुनौतियों पर दोनों देश समन्वय बनाकर चल रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के अलावा दोनों देशों ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि शिपिंग और कनेक्टिविटी हम दोनों देशों की उच्च प्राथमिकता के विषय हैं। इसके साथ ही रक्षा और सुरक्षा के मामलों में हमारा सहयोग हमारे गहरे तालमेल और विश्वास को दर्शाता है। इस क्षेत्र में वर्किंग ग्रुप के गठन से हम रक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवादी गतिविधियों की रोकथाम के लिए आपसी सहयोग को बढ़ा सकेंगे।