जयपुर,। जिले के सत्र न्यायालय ने नाबालिग से छेडछाड की घटना की सूचना पर मौके पर कार्रवाई के लिए पुलिसकर्मी की हत्या करने के आशय से उसके सिर पर चोट मारने वाले अभियुक्त सिकंदर उर्फ जीवाणु को दस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अभियुक्त जीवाणु को पूर्व में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है।
अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक राघवेन्द्र पारीक ने अदालत को बताया की 13 नवंबर, 2017 को कांस्टेबल सूरत सिंह ने भट्टा बस्ती थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि दोपहर के वक्त पुलिस नियंत्रण कक्ष से थाने पर सूचना मिली कि बिहारी का टीला पर झगडा हो रहा है। सूचना पर वह अपने साथी जगदीश कांस्टेबल के साथ मौके पर पहुंचा। जहां लोगों ने बताया कि अभियुक्त छोटी उम्र की लडकियों से छेडछाड कर रहा है। इस पर उसने अभियुक्त को पकडना चाहा तो अभियुक्त ने लोहे के पाइप से बनाए गए हथियार से जगदीश कांस्टेबल के सिर पर वार किया और वहां से भाग गया। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। वहीं अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह लंबे समय से जेल में बंद है। ऐसे में उसे भुगती हुई सजा पर रिहा किया जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को दस साल की सजा और जुर्माने से दंडित किया है। गौरतलब है कि अभियुक्त जीवाणु पूर्व में कई बार छोटे नाबालिगों से दुष्कर्म कर चुका है। इसके चलते उसे पूर्व में दो बार आजीवन कारावास की सजा भी मिल चुकी है।