मऊ, । अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 4 दिनेश कुमार चौरसिया ने 11 वर्ष पूर्व महिला की गोली मारकर की गई हत्या के मामले में पांच आरोपियों को सुनवाई के बाद तीन सगे भाइयों सहित चार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 12-12 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
कोर्ट ने एक आरोपी की मौत हो जाने के चलते उसके विरुद्ध मुकदमे की कार्रवाई समाप्त कर दी गई थी। मामला दोहरीघाट थाना क्षेत्र के महुआबारी रसूलपुर गांव का है।
दोहरीघाट थाना क्षेत्र के महुआबारी रसूलपुर गांव निवासी योगेंद्र यादव की तहरीर पर एफआईआर दर्ज हुई। इसमें गांव के ही रामअधार यादव, लालजी यादव, सभाजीत उर्फ सरताज और श्रीराम उर्फ सिरी यादव पुत्रगण चंद्रभान यादव तथा उदयभान यादव पुत्र मुन्नी यादव को आरोपी बनाया।
वादी का कथन था कि 12 अक्टूबर 2003 की शाम 7:30 बजे उसकी मांं देवंती देवी दरवाजे पर बैठी थी। इसी दौरान आरोपी पुरानी रंजिश को लेकर गाली और धमकी देने लगे। आरोपी राम अधार यादव ने तमंचे से देवंती देवी को गोली मार दिया,जिससे उसकी मौत हो गई।
तहरीर के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर बाद विवेचना आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया। कोर्ट में अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए एडीजीसी फौजदारी अनिल कुमार पांडेय ने कुल 6 गवाहों को पेश कर अभियोजन का पक्ष रखा। बचाव पक्ष से कहा गया कि उन्हें झूंठा फंसाया गया है। एडीजे ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद आरोपीगण लालजी यादव, सभाजीत उर्फ सरताज यादव, श्रीराम उर्फ सिरी यादव तथा उदयभान यादव को बलवा, हत्या, गाली तथा धमकी देने के मामले में दोषी पाया। दोषी पाए जाने के बाद सभी को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा के साथ ही 10-10 हजार रुपया अर्थदंड लगाया।
वहीं बलवा और गाली देने के मामले में क्रमशः एक-एक वर्ष का सश्रम कारावास की सजा के साथ ही 5-5 सौ रूपये अर्थदंड तथा धमकी देने के मामले में 2-2 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा के साथ ही एक-एक हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। आरोपी रामअधार यादव की मौत हो जाने के चलते उसके विरुद्ध मुकदमे की कार्रवाई समाप्त कर दी गई थी।