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मेरठ से घोषित सपा उम्मीदवार का इंटरनेट मीडिया पर विरोध शुरू

मेरठ। समाजवादी पार्टी द्वारा मेरठ से भानु प्रताप सिंह को उम्मीदवार घोषित करते ही विरोध तेज हो गया है। मेरठ में भानु प्रताप सिंह को बाहरी उम्मीदवार बताते हुए पार्टी के कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। जबकि मुस्लिम समाज के लोग इसे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएआईएम को लाभ पहुंचाने वाला कदम बता रहे हैं।

मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से सपा ने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। बुलंदशहर जिले से ताल्लुक रखने वाले भानु प्रताप सिंह अनुसूचित जाति से आते हैं और गाजियाबाद जनपद में रहते हैं। सामान्य सीट पर अनुसूचित जाति का उम्मीदवार घोषित करना सपा कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रहा है। इंटरनेट मीडिया पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस कदम का खुलकर विरोध किया जा रहा है। इंटरनेट मीडिया पर भानु प्रताप को बाहरी चेहरा बताया जा रहा है और ईवीएम के खिलाफ उनकी लड़ाई पर भी कमेंट किए जा रहे हैं। भानु प्रताप राष्ट्रीय जनहित संघर्ष पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं और ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर के जरिए चुनाव के लिए अभियान चला रहे हैं।

सपा कार्यकर्ता इंटरनेट मीडिया पर ईवीएम के खिलाफ उनकी लड़ाई के बारे में कह रहे हैं कि अब किस मुंह से ईवीएम पर देने के लिए वोट मांगेंगे। इंटरनेट मीडिया पर सपा के सक्रिय कार्यकर्ता शैंकी वर्मा ने तो पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। एक्स पर अरशद अंसारी आजमी ने लिखा है कि भानु प्रताप को गली का बच्चा भी नहीं जानता है। मुस्लिम समाज को नजरंदाज किए जाने से यहां के लोगों का झुकाव एआईएआईएम की ओर देखा जा रहा है।

एमएस चौधरी ने लिखा है कि सुबह दस बजे तक घर आ जाएंगे। रिहान ताबिश ने एक्स पर पोस्ट किया है कि अखिलेश यादव ने मेरठ में भानु प्रताप जैसे डमी उम्मीदवार को उतार कर ओवैसी को मौका दे दिया है। भानु प्रताप को कोई जानता ही नहीं है। मेरठ में इस बार ओवैसी का झंडा फहराएगा और वकील साहब की जमानत जब्त होगी।

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