वाराणसी,। दशाश्वमेध थाने में तैनात दरोगा आनंद प्रकाश के साथ मारपीट, वर्दी फाड़ने और बिल्ला नोचने के मामले में आरोपित तीन हमलावरों ने शुक्रवार को न्यायालय में आत्म समर्पण कर दिया। अदालत ने रिमांड बनाने को लेकर दोनों पक्षों की बहस के बाद तीनों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सप्तम) वर्तिका शुभानंद की कोर्ट में आरोपित नीतीश सिंह, सनी गुप्ता और संतोष सिंह उर्फ़ गप्पू सिंह के अधिवक्ताओं ने तीनों का न्यायिक रिमांड बनाए जाने का कोर्ट से अनुरोध किया। जिस पर अभियोजन अधिकारी राघवेंद्र सिंह, बृजेश पटेल और विजय पाण्डेय ने आत्मसमर्पण प्रार्थना पत्र पर पहले वांछित आख्या मंगवाने की बात कही। इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने आपत्ति की और उच्च न्यायालय की नजीरें दाखिल की। दशाश्वमेध थाने पर तैनात उपनिरीक्षक आनंद प्रकाश ने दशाश्वमेध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
आरोप था कि 7/8 अप्रैल 2024 की रात्रि को वह क्षेत्र में गस्त करते हुए गोदौलिया चौराहे पर पहुंचे, जहां पर दर्शनार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर संदिग्ध व्यक्ति और वाहन की चेकिंग की जा रही थी। उसी दौरान एक नारंगी रंग की बिना नम्बर प्लेट की बाइक पर एक व्यक्ति बांसफाटक से दशाश्वमेध की तरफ जा रहा था। जब उसे रोककर नम्बर प्लेट न होने, हेलमेट न लगाने, गाड़ी का कागजात मांगा गया, तब वह वाहन सवार अपशब्दों का प्रयोग करने लगा। उसी दौरान दो मोटर साइकिल से कुछ युवक आए जो इनके साथी थे। फिर वहां 10-15 अन्य अज्ञात युवक बुलाने पर पहुंचे। सभी मिलकर मुझे, हमराही पुलिस वालों को गालीगलौज देते हुये धक्का मारकर नीचे गिरा दिया। इसके बाद सभी अफरा-तफरी में इधर-उधर भागने लगे। इसके बाद हमलावरों ने मेरे वर्दी के बटन बिल्ला स्टार नोच दिया तथा सरकारी वाहन में तोड़फोड़ की। वीडियो फुटेज को देखने के बाद पता चला कि नितिश सिंह, नितेश नरसिंघानियां, राहुल सिंह, सन्नी गुप्ता, संतोष सिंह उर्फ़ गप्पू सिंह तथा अन्य अज्ञात लोग हैं। दरोगा आंनद प्रकाश की तहरीर पर नीतीश सिंह, नितेश नरसिंघानी, राहुल सिंह, सन्नी गुप्ता, गप्पू सिंह सहित 15 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज है।