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  • कोचिंग सेंटरों के भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल की तैयारी, मसौदा दिशानिर्देश जारी

    कोचिंग सेंटरों के भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल की तैयारी, मसौदा दिशानिर्देश जारी

    नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन पर लोग अपने सुझाव एवं प्रतिक्रिया 30 दिनों के भीतर 16 मार्च तक केंद्रीय प्राधिकरण को दे सकते हैं।

    उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए दिशानिर्देशों का मसौदा कोचिंग संस्थानों, कानून फर्मों, सरकार और स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों (वीसीओ) सहित सभी हितधारकों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है।

    गाइडलाइंस के तहत विज्ञापन से जुड़ी शर्तें रखी गई हैं, जिनका अनुपालन न होने की स्थिति में कोचिंग से जुड़े व्यक्ति को भ्रामक विज्ञापन से जोड़ा जाएगा।

    विज्ञापन को भ्रामक माना जाएगा अगर सफल उम्मीदवार के पाठ्यक्रम और अवधि की जानकारी छिपाए जाए, मनमाने ढंग से सफलता की दर निर्धारित की जाए, चयन और रैंकिंग से जुड़े झूठे दावे किए जायें, छात्र के व्यक्तिगत प्रयासों को नकारते हुए सारा श्रेय कोचिंग सेंटर को दिया जाए।

    कोचिंग सेंटर को बताना होगा कि सफलता में कोचिंग की भूमिका क्या रही। अत्यावश्यकता की झूठी भावना या छूट जाने का डर पैदा करने वालों और पाठ्यक्रम की अवधि से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी या कोई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने वाले कोचिंग सेंटर को भ्रामक विज्ञापन के दायरे में लाया जाएगा।

    मंत्रालय का कहना है कि कोचिंग से जुड़े हर व्यक्ति पर दिशानिर्देश लागू होंगे। दिशानिर्देशों का उद्देश्य उपभोक्ताओं को कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों से बचाना है।

  • शिक्षा प्रणाली में भारतीय भाषाओं को शामिल कर उनकी अनिवार्यता बढ़ायी जाय : चामू कृष्ण शास्त्री

    शिक्षा प्रणाली में भारतीय भाषाओं को शामिल कर उनकी अनिवार्यता बढ़ायी जाय : चामू कृष्ण शास्त्री

    नेतृत्व समागम : फाइबर आप्टिक कनेक्टिविटी से खुली शिक्षा के बढ़े अवसर : प्रो. डी. सहस्रबुद्धे

    लखनऊ। देश की शिक्षा प्रणाली में भारतीय भाषाओं को शामिल कर उनकी अनिवार्यता को बढ़ायी जाय। साथ ही भर्ती के दौरान भारतीय भाषाओं को वांछनीय योग्यता के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।

    यह बातें भारतीय भाषाओं के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष चामू कृष्ण शास्त्री ने अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम में शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में अपने उद्बोधन के दौरान कही।

    उन्होंने कहा कि इस कदम से इन भाषाओं के अध्ययन में अधिक रुचि पैदा होगी। खासकर यह देखते हुए कि भारत की 90 प्रतिशत आबादी अंग्रेजी में पारंगत नहीं है। उन्होंने 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को भारतीय भाषाओं पर आधारित करने की वकालत की।

    उन्होंने भारतीय भाषाओं को महत्वाकांक्षी भाषाओं में बदलने पर काम करने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने पर जोर दिया। इसने केंद्र सरकार को पाठ्यपुस्तकों,स्वयं पोर्टल और विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों और उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा कार्यान्वयन में तीन साल के भीतर इस समावेशन को पूरा करने की नीति शुरू करने के लिए प्रेरित किया। शास्त्री ने सुझाव दिया कि शिक्षकों को बहुभाषी होना चाहिए और इन भाषाओं को पढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए ग्रीष्मकालीन शिविरों की शुरुआत की जानी चाहिए।

    राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (एनईटीएफ) के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने कहा कि आज साढ़े छह लाख गांवों में से साढ़े तीन लाख को अब फाइबर ऑप्टिक कनेक्टिविटी प्राप्त हुई है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत ऑनलाइन डिजिटल और खुली शिक्षा के अवसर पैदा हो रहे हैं।

    उन्होंने एआईसीटीई द्वारा ‘अनुवादिनी’ की शुरूआत पर चर्चा की, जो एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित उपकरण है। यह अध्ययन सामग्री और पुस्तकों के राष्ट्रीय, स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद की सुविधा प्रदान करता है।

    उन्होंने बताया कि 35 करोड़ छात्रों में से 25.9 करोड़ छात्रों ने ‘अपार’ आईडी के साथ पंजीकरण कराया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। प्रोफेसर सहस्रबुद्धे ने दक्षता और एकरूपता बढ़ाने के लिए संस्थानों के लिए एकीकृत डेटा सबमिशन पोर्टल का प्रस्ताव करते हुए ‘एक राष्ट्र, एक डेटा’ की अवधारणा पर भी जोर दिया।

    शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों के विदेश जाने की प्रवृत्ति में बदलाव पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने विदेशी छात्रों को आकर्षित करने और देश की खोई हुई विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए वन-स्टॉप समाधान लागू करने का सुझाव दिया। अंत में उन्होंने स्थानीय स्तर पर छात्रों की शिकायतों के त्वरित समाधान पर जोर दिया।

  • विश्व पुस्तक मेले में ‘बॉलीवुड के अनकहे किस्से’ का लोकार्पण

    विश्व पुस्तक मेले में ‘बॉलीवुड के अनकहे किस्से’ का लोकार्पण

    नई दिल्ली। वरिष्ठ फिल्म समीक्षक एवं अध्येता प्रहलाद अग्रवाल ने साहित्यकार अजय कुमार शर्मा की पुस्तक ‘बॉलीवुड के अनकहे किस्से’ का शुक्रवार को दिल्ली के विश्व पुस्तक मेले में लोकार्पण किया। पुस्तक का प्रकाशन संधीश पब्लिकेशन ने किया है।

    यह पुस्तक हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी के लिए पिछले दो वर्षों में सिनेमा पर उनके साप्ताहिक कॉलम “बॉलीवुड के अनकहे किस्से” के चुनिंदा लेखों का संकलन है। इस पुस्तक का नाम भी लेखक ने कॉलम के नाम पर ही रखा है।

    पत्रकारिता और साहित्य सृजन में लंबा अनुभव रखने वाले अजय कुमार शर्मा चार दशकों से देश की प्रमुख पत्र पत्रिकाओं में साहित्य, संस्कृति, नाटक, इतिहास, सिनेमा और सामाजिक विषयों पर निरंतर लेखन करते रहे हैं। वर्तमान में वो साहित्य अकादमी के सहायक संपादक हैं।

    इन लेखों की खास बात ये है कि इनके ज़रिए वे हिंदी सिनेमा के इतिहास को लेकर नई-नई शोध आधारित सामग्री सामने लाते रहे हैं। ये किस्से महज़ गॉसिप न होकर उस दौर में सिनेमा से जुड़े तौर-तरीके, सोच-संस्कृति और कार्यशैली की दिलचस्प जानकारी देते हैं।

    फिल्म समीक्षक प्रहलाद अग्रवाल ने लेखक को बधाई देते हुए कहा कि सिनेमा आधुनिक नाट्य शास्त्र है और इस पर इसी प्रकार के गंभीर लेखन की आवश्यकता है। साहित्यकार प्रताप सिंह ने किताब की रोचकता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसी भाषा ही फिल्मों पर गंभीर लेखन को लोकप्रिय बनाने में सफल होगी।

    प्रकाशक हरिकृष्ण यादव ने आशा व्यक्त की कि अजय कुमार शर्मा की यह नई पुस्तक सिनेमा के ऐसे तमाम अनजान और दिलचस्प पहलुओं को सामने लाएगी, जो सिनेमा के स्याह और उजले पक्षों के पीछे छिपे हुए हैं।

  • झारखंड में चम्पाई सोरेन कैबिनेट का विस्तार, आठ मंत्रियों ने ली शपथ

    झारखंड में चम्पाई सोरेन कैबिनेट का विस्तार, आठ मंत्रियों ने ली शपथ

    दो नये और छह पुराने चेहरे हुए शामिल

    रांची । झारखंड में चम्पाई सोरेन सरकार ने शुक्रवार को मंत्रिमंडल का विस्तार किया। कुल आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इनमें दो नए चेहरे हैं। बाकी छह पुराने विधायकों को ही मंत्री बनाया गया है। कैबिनेट में बसंत सोरेन, बैद्यनाथ राम और दीपक बिरुआ को जगह दी गई। इनके नाम भी राजभवन भेज दिए गए लेकिन बाद में कांग्रेस विधायकों के हंगामे को देखते हुए बैद्यनाथ राम के नाम को सूची से हटा दिया गया।

    राजभवन शपथ ग्रहण समारोह में रामेश्वर उरांव, दीपक बिरुआ, बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख, मिथिलेश ठाकुर, बसंत सोरेन, हफीजुल अंसारी और बेबी देवी ने मंत्री पद की शपथ ली। झामुमो से पांच तथा कांग्रेस से तीन मंत्रियों ने शपथ ली। हफीजुल ने उर्दू में मंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल ने बारी-बारी से मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान मुख्य सचिव ने मंत्रियों की नियुक्ति संबंधित आदेश को पढ़ा।

    उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व दो फरवरी को राज्यपाल राधाकृष्णन ने चम्पाई सोरेन को राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में राजभवन के दरबार हॉल में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। इनके साथ आलमगीर आलम तथा सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी।

    झामुमो से मंत्री

    सरायकेला विधायक- चम्पाई सोरेन (मुख्यमंत्री)

    दुमका विधायक-बसंत सोरेन (पहली बार मंत्री)

    मधुपुर विधायक- हफीजुल हसन

    डुमरी विधायक-बेबी देवी

    गढ़वा विधायक-मिथिलेश कुमार ठाकुर

    चाईबासा विधायक- दीपक बिरुआ (पहली बार मंत्री )

    कांग्रेस से मंत्री

    लोहरदगा विधायक-डॉ रामेश्वर उरांव

    पश्चिमी सिंहभूम विधायक-बन्ना गुप्ता

    जरमुंडी विधायक- बादल पत्रलेख

    पाकुड़ विधायक-आलमगीर आलम

    राजद से मंत्री

    चतरा विधायक -सत्यानंद भोक्ता

  • विमान में महिला यात्री की मौत मामला : डीजीसीए ने एयर इंडिया को जारी किया कारण बताओ नोटिस

    विमान में महिला यात्री की मौत मामला : डीजीसीए ने एयर इंडिया को जारी किया कारण बताओ नोटिस

    नई दिल्ली, । एयर इंडिया की फ्लाइट से न्यूयार्क से मुंबई आई एक महिला यात्री की मौत के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। शुक्रवार को नोटिस जारी करने के साथ ही सात दिनों के भीतर डीजीसीए ने एयर इंडिया को जवाब दाखिल करने काे कहा है।

    एयर इंडिया के प्रवक्ता के मुताबिक 12 फरवरी को न्यूयॉर्क से मुंबई के लिए उड़ान भरने वाले एक मेहमान जिनकी पत्नी व्हीलचेयर पर थी उन्होंने व्हील चेयर की मांग की थी। भारी मांग के कारण हमने यात्री से व्हीलचेयर सहायता उपलब्ध होने तक इंतजार करने का अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने अपने जीवनसाथी के साथ पैदल चलने का विकल्प चुना। बीमार होने के कारण हवाईअड्डे पर यात्री की इलाज कर रहे डॉक्टर की सलाह पर यात्री को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

    डीजीसीए के प्रवक्ता ने शुक्रवार को जारी एक बयान में ने कहा है कि डीजीसीए ने प्रावधानों का पालन न करने और विमान नियम 1937 के उल्लंघन के मामले में एयर इंडिया से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही सभी एयरलाइनों को यह सुनिश्चित करने के लिए एक सलाह भी जारी की गई है कि उन यात्रियों के लिए पर्याप्त संख्या में व्हीलचेयर उपलब्ध हों जिन्हें यात्रा के दौरान विमान से चढ़ने या उतरने के दौरान सहायता की आवश्यकता होती है।

  • हमारी शिक्षा का उद्देश्य सबकी भलाई होना चाहिए : डॉ डीवाई चंद्रचूड़

    हमारी शिक्षा का उद्देश्य सबकी भलाई होना चाहिए : डॉ डीवाई चंद्रचूड़

    – अब तक 36 हजार निर्णयों का कराया हिन्दी अनुवाद : मुख्य न्यायाधीश

    -प्रयागराज संगम के साथ धर्म न्याय और शिक्षा की त्रिवेणी : योगी आदित्यनाथ

    प्रयागराज,। उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारी शिक्षा का उद्देश्य सबकी भलाई होना चाहिए। जब हम शिक्षा में बराबरी की बात करते हैं तो समाज में बराबरी की बात लागू होगी। इससे वे अपने अधिकार की बात कर सकेंगे।

    वह उक्त बातें शुक्रवार शाम इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन सभागार में डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के शुभारम्भ मौके पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उन्होंने कही। मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश के 27वें विधि विश्वविद्यालय के रूप में डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का लोकार्पण करते हुए प्रसन्नता हो रही है। क्योंकि डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने स्वतंत्र और आधुनिक भारत की नींव रखी।

    उन्होंने कहा कि डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने संविधान सभा में सबको अपनी बात रखने की छूट दी थी जो वास्तव में लोकतंत्र था। डॉ राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष के साथ बड़े वकील थे। उन्होंने कहा कि यह सुखद संयोग है कि मैंने इलाहाबाद में चीफ जस्टिस के रूप में पौने तीन साल बीताया।

    मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में इस शहर का अहम योगदान है। अल्फेड पार्क आज भी चंद्रशेखर आजाद की गाथा कह रहा है। यह शहर विरासत का धनी है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने न्यायिक क्षेत्र में हुई कुछ उल्लेखनीय पहल का उल्लेख करते हुए बताया कि हमने अब तक 36 हजार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हिन्दी अनुवाद कराया है। इसका मकसद यह है कि जो अंग्रेजी नहीं जानते उनके घर तक कानून पहुंचे। इसे हर प्रदेश में लागू किया जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी की उपस्थिति में उन्होंने उम्मीद जताई कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय उच्च स्तरीय कानूनी पढ़ाई का केंद्र बनेगा। न्यायमूर्ति डॉ चंद्रचूड़ ने कहा इलाहाबाद में आप सबने मुझे अपनाया था।

    प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज गंगा यमुना और सरस्वती का संगम होने के साथ यह धर्म न्याय और शिक्षा की त्रिवेणी है। डॉ. चंद्रचूड़ का इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल अत्यंत प्रेरक रहा है। उन्हें आज मुख्य अतिथि बनाना अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी 1950 में भारत ने अपना संविधान लागू किया था। जब भारत के संविधान की प्रस्तावना को लेकर बहस चल रही थी तब बाबा साहेब ने कहा था कि हम इति की चिंता करते हैं कि जबकि हम शुरुआत अच्छी कर रहे हैं तो सब अच्छा होगा। ठीक वैसे भी आज अच्छी शुरुआत हो रही है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यूपी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। हम प्रधानमंत्री के निर्देश में प्रदेश में सुशासन लाने का काम कर रहे हैं जिसकी शर्त रूल ऑफ लॉ है। यह बार और बेंच के बिना सम्भव नहीं है। मैं आभार ज्ञापित करता हूं कि न्यायिक क्षेत्र से हमें सहयोग मिला। अधिकारियों से कहता हूं कि लोकतंत्र में जनता का विश्वास नहीं टूटना चाहिए अन्यथा उन्हें सड़कों पर उतरने में देर नहीं लगेगी। सरकार के पास कोई भी समस्या आए तो वह समाधान बनकर निकले।

    इसके पूर्व बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्र ने कहा कि संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षकों का विशेष योगदान होता है। उम्मीद है कि बेंगलुरु की तरह यह विश्विद्यालय भी काम करेगा।

    इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति अरुण भंसाली ने उम्मीद जताई कि डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय से कानून की बेहतर पढ़ाई होगी। किताबी ज्ञान के साथ तकनीक का उपयोग करके बेहतर पढ़ाई होगी। यह भविष्य का बड़ा संस्थान साबित होता।

    सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने कहा कि इलाहाबाद की पहचान शिक्षा के साथ राजनीति में रही है। यहां राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की मांग काफी समय से चल रही थी। मुख्यमंत्री योगी ने पूरा करवाया। संसाधन उपलब्ध करवाकर इसका काम शुरू हुआ है। विश्वविद्यालय की कुलपति ऊषा टंडन ने भविष्य की कार्ययोजना पर प्रकाश डाला।

  • प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना ने रेहड़ी-पटरी वालों की गरिमा बहाल की: हरदीप सिंह पुरी

    प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना ने रेहड़ी-पटरी वालों की गरिमा बहाल की: हरदीप सिंह पुरी

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना कोविड-19 महामारी के दौरान उस समय शुरू की गई थी, जब इससे भारत के स्ट्रीट वेंडर सबसे अधिक प्रभावित हुए थे। प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना ने रेहड़ी-पटरी वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) के स्वरोजगार, स्वावलंबन, स्वाभिमान को बहाल किया है। शुक्रवार को यहां आयोजित प्रधानमंत्री स्व-निधि मेगा शिविर के दौरान केंद्रीय आवास और शहरी कार्य व पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह बात कही।

    केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि आज मेगा शिविर में 10,000 ऋण वितरण के साथ दिल्ली में 2 लाख ऋण वितरित करने की उपलब्धि प्राप्त हो जाएगी। इस आयोजन के तहत 10,000 रेहड़ी-पटरी वालों को ऋण वितरित किया गया। इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, वित्त राज्य मंत्री डॉ. भगवत किशनराव कराड, विदेश व संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और दिल्ली के सांसद डॉ. हर्षवर्धन उपस्थित थे।

    पुरी ने प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि इस योजना के तहत 60.94 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को 10,678 करोड़ रुपये की 80.42 लाख से अधिक ऋण दिया गया। इसके तहत पहली किश्त के रूप में 10,000 रुपये तक के बिना किसी गिरवी पहली कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा दी जाती है। इसके बाद दूसरी और तीसरी किस्त के रूप में क्रमश: 20,000 और 50,000 रुपये दिए जाते हैं।

    पुरी ने कहा कि इस योजना से न केवल रेहड़ी-पटरी वालों का वित्तीय समावेशन हुआ है, बल्कि उनका मान-सम्मान भी बढ़ा है। पुरी ने कहा, “अब रेहड़ी-पटरी वाले केवल अनौपचारिक क्रेडिट चैनलों पर निर्भर नहीं हैं, जहां उन्हें अत्यधिक ब्याज दरों का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाता था। सरकार ने उन्हें एक विकल्प प्रदान किया है।”

    पुरी ने कहा कि इस योजना ने दिल्ली में रेहड़ी-पटरी वाले समुदाय के हमारे भाइयों और बहनों को काफी जरूरी सहायता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि 14 फरवरी, 2024 तक हमने दिल्ली के रेहड़ी-पटरी वालों की ओर से 3.05 लाख लोन आवेदनों को प्राप्त किया है। इनमें से 2.2 लाख आवेदनों को बैंकों से मंजूरी मिल चुकी है और 221 करोड़ रुपये के 1.9 लाख ऋण वितरित किए जा चुके हैं।

  • शिक्षकों के आचरण व व्यवहार में दिखना चाहिए आध्यात्म : डॉ. कृष्ण गोपाल

    शिक्षकों के आचरण व व्यवहार में दिखना चाहिए आध्यात्म : डॉ. कृष्ण गोपाल

    भारत की अंतरात्मा अध्यात्म को समृद्ध करें शिक्षक : सह सरकार्यवाह

    लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि शिक्षकों व विद्यार्थियों के आचरण व व्यवहार में आध्यात्म दिखना चाहिए। आध्यात्म भारत की आत्मा है। इसलिए शिक्षकों का कर्तव्य है कि वह भारत की अंतरात्मा आध्यात्म को समृद्ध करें।

    सह सरकार्यवाह शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम को संबोधित कर रहे थे।

    डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि राष्ट्र का अर्थ नेशन नहीं होता है। इसलिए राष्ट्र का समझे बिना हम भारत की शिक्षा को नहीं समझ सकते। नेशन की आधारभूमि घृणा पर खड़ी होती है। भारत अपनी आध्यात्मिक भावनाओं और अनंत विविधताओं की भावभूमि पर खड़ा है। अध्यात्म ने ही भारत की विविधताओं को एकत्व का रूप दिया। उन्होंने कहा कि आध्यात्म को समझने की आवश्यकता है। आध्यात्म भारत को प्रतिष्ठा देता है। धर्म के प्रति धरती माता के प्रति श्रद्धा का भाव कैसे आयेगा।

    सह सरकार्यवाह ने कहा कि हमारी शिक्षा पद्धति ऐसी हो जो बैरभाव न बढ़ाये। जो इस देश के मौलिक तत्वों का संरक्षण व संवर्धन करे। उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा मनुष्य को सहनशील नहीं बना रही है। समाज में जब तक एक दूसरे के प्रति दया करूणा व सम्मान का भाव नहीं होगा तो वह शिक्षा किस काम की। विश्व आज अनेक समस्याओं से ग्रस्त है। क्योंकि वह मानते हैं कि सारी धरती हमारे भोग के लिए है। जबकि आध्यात्म कहता है सारा परमात्मा का है। हम धरती के सेवक हैं। इसलिए जितना आवश्यक है उतना ही लेना।

    डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि आज हमारे देश में कुछ शिक्षण संस्थान विश्व स्तर के हैं। इसके अलावा दुनिया का कोई भी ऐसा संस्थान नहीं है जहां भारत के विद्यार्थी न हों। हमारे देश में एससी,एसटी व ओबीसी की भागीदारी धीरे-धीरे बढ़ रही है। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वर्तमान में साढे़ आठ लाख बच्चे भारत के बाहर शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं। इसमें भारत का ढाई लाख करोड़ रूपया बाहर चला जाता है। इसलिए इस पर विचार करने की आवश्यकता है कि ऐसी कौन सी शिक्षा है जो हम भारत में नहीं दे सकते।

    सह सरकार्यवाह ने कहा कि भारत दुनिया के बच्चों के लिए शिक्षा का आकर्षण बनना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि भारत में विशेष क्या है। विश्व क्या जानना चाहता है। योग,आयुर्वेद व संगीत जैसी कई विधाएं हैं जिनको जानने के लिए विश्व उत्सुक है। पहले नालंदा,तक्षशिला व काशी के विश्वविद्यालयों में पूरे विश्व के विद्यार्थी अध्ययन करने लिए आते थे। वह भारत में अनेक वर्षों तक रहकर अनेक विषयों का अध्ययन करते थे।

    उत्तर प्रदेश सरकार के शिक्षा सलाहकार प्रो.डी.पी.सिंह ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि शिक्षा का ताना-बाना विद्यार्थी केन्द्रित होना चाहिए। भारतीय मनीषा राष्ट्र की संचेतना को लेकर हमेशा सजग रहा है। उन्होंने कहा कि आज भारत आर्थिक समृद्धि की ओर बढ़ रहा है लेकिन सामाजिक दृष्टि से हम कहां हैं, यह भी देखने की आवश्यकता है। सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल का स्वागत लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आलोक राय ने किया।

  • मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ मंत्रियों, शीर्ष अधिकारियों और डीसी के साथ बैठक की

    मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ मंत्रियों, शीर्ष अधिकारियों और डीसी के साथ बैठक की

    गुवाहाटी। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को दिसपुर के लोक सेवा भवन में एक बैठक की अध्यक्षता की जिसमें राज्य के कई कैबिनेट मंत्रियों, विभिन्न विभागों के वरिष्ठतम अधिकारियों और सभी जिला आयुक्तों (डीसी) ने भाग लिया। इनमें 6वीं अनुसूची क्षेत्र के जिले भी वीडियो कांफ्रेंसिंग मोड के माध्यम से शामिल हुए। बैठक में बताया गया कि मिशन बसुंधरा 2.0 के पात्र लाभार्थियों को 23 से 29 फरवरी के बीच पट्टा प्रमाण पत्र के आगामी औपचारिक वितरण की तैयारी और 1 से 10 मार्च के बीच राज्य भर में विकास यात्रा का शुभारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री के आत्मनिर्भर असम अभियान और मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान के कार्यान्वयन के संबंध में अपडेट पर भी चर्चा हुई। उपरोक्त दो कार्यक्रमों के लिए मुख्यमंत्री का राज्य भर के कई जिलों का दौरा करने का कार्यक्रम है। विकास यात्रा के लिए, असम सरकार ने कुल 25,311 करोड़ रुपये की परियोजनाएं तैयार की हैं। उन परियोजनाओं का या तो उद्घाटन होगा या शिलान्यास होगा।

    उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि दो निर्धारित कार्यक्रमों से आम जनता को राज्य की विकास प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर मिलेगा। उन्होंने यह देखने की आवश्यकता पर बल दिया कि आम जनता को यह महसूस कराया जाए कि वे राज्य की विकास गाथा का हिस्सा हैं।

    मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मिशन बसुंधरा 2.0 के लाभार्थी अपने संबंधित विधान सभा क्षेत्रों में औपचारिक पट्टा वितरण के दिन ही अपने संबंधित पट्टा प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि विकासयात्रा के लिए तैयार की गई परियोजनाओं में राज्य के सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के परिदृश्य को मौलिक रूप से बदलने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि जिला आयुक्तों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके संबंधित जिलों में विकासयात्राएं सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार आयोजित की जाएं। उन्होंने जिला आयुक्तों को विकास यात्राओं के खर्च को पूरा करने के लिए राज्य सरकार से वित्तीय मदद का आश्वासन दिया।

    मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री आत्मनिर्भर असम अभियान और मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान का भी जायजा लिया और जमीनी स्तर पर उनके कार्यान्वयन के कदमों के बारे में जानकारी ली।

    इस मौके पर असम कैबिनेट के मंत्री रनजीत कुमार दास, डॉ. रनोज पेगु, चंद्रमोहन पटवारी, अजंता नेओग, जयंत मल्लाबारुवा, केशब महंत, जोगेन महन, यूजी ब्रह्म, संजय किशन और नंदिता गार्लोसा के साथ मुख्य सचिव पबन कुमार बोरठाकुर भी उपस्थित थे।

  • मोदी के स्मार्ट पुलिसिंग विजन को बढ़ावा देगा उत्तराखंड : गृह सचिव

    मोदी के स्मार्ट पुलिसिंग विजन को बढ़ावा देगा उत्तराखंड : गृह सचिव

    – इंफ्रास्ट्रक्चर और ह्यूमन रिसोर्सेज की कमी को पूरा करने का प्रयास

    – चुनौतियों से प्रभावी रूप से निपटेगी उत्तराखंड पुलिस : अभिनव कुमार

    देहरादून। उत्तराखंड शासन के गृह सचिव शैलेश बगौली ने पुलिस मुख्यालय देहरादून में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर पुलिस विभाग द्वारा किए जा रहे कार्य एवं विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। पुलिस महानिरीक्षक मुख्यालय विम्मी सचदेवा ने पुलिस विभाग के शासन स्तर के मुद्दों से गृह सचिव को अवगत कराया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्मार्ट पुलिसिंग विजन को और अधिक बढ़ावा देने पर बल दिया गया।

    पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अभिनव कुमार ने कहा कि उत्तराखंड शासन और पुलिस विभाग एक टीम के रूप में कार्य करने लिए संकल्पित है। केंद्र और राज्य सरकार के विजन व प्राथमिकताओं को धरातल पर लाने के लिए उत्तराखंड पुलिस प्रयासरत है। आगामी लोकसभा चुनाव, चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा, राष्ट्रीय खेलों को सकुशल संपन्न कराने की चुनौती रहेगी। ऐसे में उत्तराखंड पुलिस इस चुनौती से प्रभावी रूप से निपटेगी।

    गृह सचिव बोले- तीन नए आपराधिक कानूनों को कार्यान्वित करना हमारी प्राथमिकता

    गृह सचिव शैलेश बगौली ने कहा कि पुलिस विभाग में इंफ्रास्ट्रक्चर और ह्यूमन रिसोर्सेज की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। तीन नए आपराधिक कानूनों को कार्यान्वित करना हमारी प्राथमिकता है। पुलिस विभाग के शासन स्तर पर लंबित प्रकरणों का परस्पर संवाद से निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा।

    ये भी थे मौजूद

    बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस दूरसंचार वी मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था एपी अंशुमान समेत विशेष सचिव गृह रिधिम अग्रवाल, अपर सचिव गृह अतर सिंह, निवेदिता कुकरेती आदि थे।

    इन बिन्दुओं पर हुआ मंथन

    – कार्मिक, प्रोवजिनिंग, आधुनिकीकरण, पुलिस कल्याण, कानून व्यवस्था, ड्रग्स, साइबर क्राइम आदि मुद्दों पर गहराई से मंथन किया गया।

    – आईटीडीए के इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर में प्राप्त होने वाली ट्रैफिक व्यवस्थाओं एवं पुलिसिंग से संबंधित अन्य फीड के एनालिसिस के लिए वरिष्ठ अधिकारी को तैनात करने पर चर्चा की गई।

    – प्राइवेट नशा मुक्ति केंद्रों को सरकारी नशा मुक्ति केंद्रों के रूप में अधिसूचित किए जाने का प्रयास किया जाएगा।

    – नए आपराधिक कानूनों को लागू किए जाने के संबंध में प्रशिक्षण, पाठयक्रम, इंफ्रास्ट्रक्चर, जनजागरुकता आदि का शेड्यूल तैयार कर शासन को उपलब्ध कराने पर चर्चा की गई।

    – स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत नए वाहनों के क्रय करने के लिए शासन स्तर से बजट स्वीकृत करने पर चर्चा की गई।

    – कुमाऊं परिक्षेत्र में एसडीआरएफ की नई बटालियन खोले जाने पर चर्चा की गई।