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  • मुख्यमंत्री योगी के विजन से ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बिल्डर प्लॉट्स की नीलामी प्रक्रिया शुरू

    मुख्यमंत्री योगी के विजन से ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बिल्डर प्लॉट्स की नीलामी प्रक्रिया शुरू

    – जीबीसी 4.0 के बाद ग्रेटर नोएडा में 8 प्रकार के बिल्डर प्लॉट्स की होगी बड़े स्तर पर नीलामी, लगेगी अरबों रुपये की बोली

    ग्रेटर नोएडा/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समेकित विकास का खाका खींच रही योगी सरकार ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी-4.0) के आयोजन के साथ ही ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में हाउसिंग व कमर्शियल एक्टिविटीज को बढ़ावा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस क्रम में, मुख्यमंत्री योगी के विजन अनुसार ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 8 प्रकार के बिल्डर प्लॉट्स के आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

    उल्लेखनीय है कि 18215 से लेकर 38711 स्क्वेयर मीटर प्रसार क्षेत्र वाले इन प्लॉट्स का रिजर्व प्राइस 83.78 करोड़ रुपए से लेकर 178.34 करोड़ रुपये के बीच निर्धारित किया गया है। खास बात यह भी है कि बिल्डर प्लॉट आवंटन स्कीम के जरिए जिन प्लॉट्स का ऑक्शन किया जाएगा वह ग्रेटर नोएडा में बन रहे जेवर एयरपोर्ट के पास ही स्थित हैं। साथ ही, जिन सेक्टर्स में इस स्कीम के जरिए बिल्डर प्लॉट्स की नीलामी का मार्ग प्रशस्त होगा वह कनेक्टिविटी के लिहाज से भी बेहद अहम होगी। फिलहाल, इस स्कीम के तहत ई-ऑक्शन प्रक्रिया के जरिए जिन प्लॉट्स की नीलामी होनी है उनकी ब्रोशर डाउनलोडिंग व रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है तथा 1 अप्रैल 2024 अंतिम तिथि निर्धारित की गई है।

    सेक्टर 12 व सिग्मा-3 समेत कई सेक्टर के प्लॉट्स होंगे आवंटित

    मुख्यमंत्री योगी के विजन अनुसार, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 8 प्रकार के बिल्डर प्लॉट्स के आवंटन की प्रक्रिया शुरू की है उनमें म्यू (एमयू), ओमीक्रॉन-1ए, इटा-02, सिग्मा-3 सेक्टर 36 व सेक्टर 12 प्रमुख हैं। प्रक्रिया के अंतर्गत म्यू सेक्टर के प्लॉट नंबर जीएच-02ई (जिसका वर्ग क्षेत्र 18215 स्क्वेयर मीटर निर्धारित है) का रिजर्व्ड प्राइस 87.78 करोड़ रुपये रखा गया है। इसी प्रकार ओमीक्रॉन-1ए सेक्टर में प्लॉट जीएच-01/जीएच01ए (जो कि 30470.52 स्क्वेयर मीटर में फैला है) का रिजर्व्ड प्राइस 140.16 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। वहीं, इटा-02 सेक्टर के प्लॉट नंबर जीएच01ए (जोकि 28265 वर्ग मीटर में फैला है) का रिजर्व्ड प्राइस 143.02 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। वहीं, सिग्मा-3 सेक्टर के प्लॉट नंबर 151 (जो कि 30000 वर्ग क्षेत्र में फैला हुआ है) का रिजर्व प्राइस 138 करोड़ तथा प्लॉट नंबर 207 (जो कि 38771 मीटर वर्ग क्षेत्र में फैला हुआ है और स्कीम के तहत आवंटित होने वाला सबसे बड़े प्रसार क्षेत्र वाला प्लॉट है) का रिजर्व प्राइस 178.34 करोड़ रुपये रखा गई है जो कि सर्वाधिक है।

    सेक्टर 12 के 2 प्लॉट्स का भी प्रक्रिया के जरिए होगा ऑक्शन

    ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण जिन 8 चिह्नित बिल्डर प्लॉट्स के ई-ऑक्शन की प्रक्रिया जीबीसी-4.0 के बाद पूरी की जाएगी उनमें ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 12 के दो केटेगरी के प्लॉट्स भी शामिल हैं। इनमें से सेक्टर 12 के जीएच-01/बी, सी, डी, ई, जे व के में 32350 वर्ग मीटर के प्लॉट भी शामिल हैं जिनका रिजर्व्ड प्राइस 130.05 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। वहीं, सेक्टर 12 के ही जीएच-01/एफ, जी, एच व आई में 22558 वर्ग मीटर क्षेत्र वाले प्लॉट का रिजर्व प्राइस 90.68 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। इसी प्रकार सेक्टर 36 के प्लॉट बी-255 (जिसका 13938.50 वर्ग मीटर क्षेत्र में प्रसार है) का रिजर्व प्राइस 67.32 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है जो कि स्कीम के तहत सबसे कम क्षेत्रफल और सबसे कम रिजर्व प्राइस वाला प्लॉट है।

    उल्लेखनीय है कि यह सभी प्लॉट्स जेवर एयरपोर्ट के पास स्थित होने के कारण बेहतर कनेक्टिविटी युक्त हैं और यही कारण है कि भविष्य में इन क्षेत्रों का पौश रेजिडेंशियल व कमर्शियल एरिया के रूप में विकास सुनिश्चित हो सकेगा। ऐसे में, योगी सरकार ने इन प्लॉट्स की क्षमता को पहचानते हुए अभी से इस क्षेत्र का विकास शुरू कर दिया है।

  • नियंत्रण रेखा पर दो अलग-अलग जगहों पर पाकिस्तानी ड्रोन ने घुसपैठ की कोशिश की

    पुंछ। जिले की नियंत्रण रेखा पर दो अलग-अलग जगहों पर पाकिस्तान की ओर से शुक्रवार को ड्रोन से घुसपैठ करने की कोशिश की गई। दोनों जगहों पर रेखा पर तैनात सतर्क सेना के जवानों ने ड्रोन पर गोलीबारी कर उसे वापस भागने को मजबूर कर दिया। इसी बीच पुंछ के चक्कां दा बाग में नियंत्रण रेखा के पास संदिग्ध हरकत देखे जाने की भी सूचना मिली। इन तीन घटनाओं के मद्देनजर सुरक्षाबलों ने संबंधित इलाकों में तलाशी अभियान चलाया है।

    जिले के गुलपुर सेक्टर के सलोतरी और मेंढर के बलनोई में पाकिस्तान की ओर से दो ड्रोनों ने घुसपैठ की कोशिश की लेकिन सेना के जवानों ने ड्रोन पर गोलीबारी करने पर दोनों ड्रोन पाकिस्तान की तरफ लौट गए। इसके बाद सेना के जवानों ने दोनों इलाकों में तलाशी अभियान शुरू किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ड्रोन ने भारतीय सीमा में हथियार या नशीले पदार्थों की कोई खेप तो नहीं गिराई है।

    अधिकारियों ने बताया कि सेना ने सुबह दो कार्गाेकॉप्टर (ड्रोन) को बलनोई इलाके में प्रवेश करते देखा। सेना ने जब ड्रोन पर गोलीबारी की तो वे वापस चले गए। इसी तरह लगभग उसी समय गुलपुर सेक्टर में तैनात सैनिकों ने दो ड्रोन को घुसपैठ करते दिखे। यहां भी गोलीबारी के बाद दोनों लौट गए।

    इससे पहले 12 फरवरी को पुंछ के मनकोट इलाके में भी पाकिस्तान ने ड्रोन से घुसपैठ की कोशिश की गई थी, जिसे नाकाम बना दिया गया था। जम्मू-कश्मीर में नशीले पदार्थ और हथियार की तस्करी के लिए पाकिस्तान की ओर से लगातार ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

  • कांग्रेस के बैंक खातों से हटा प्रतिबंध

    कांग्रेस के बैंक खातों से हटा प्रतिबंध

    नई दिल्ली। कांग्रेस के बैंक खातों पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया है। इस बात की जानकारी देते हुए कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा कि आयकर अपीलीय अधिकरण में सुनवाई लंबित रहने तक कांग्रेस पार्टी के खातों पर लगी रोक को बुधवार तक हटा दिया गया है।

    इससे पहले कांग्रेस नेता अजय माकन ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान आरोप लगाया था कि मोदी सरकार के इशारे से देश की मुख्य विपक्षी पार्टियों के खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। माकन ने कहा कि देश में लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो चुका है। मुख्य विपक्षी पार्टी के सारे अकाउंट्स फ्रीज कर दिए गए हैं। कांग्रेस पार्टी के अकाउंट पर तालाबंदी कर दी गई है।

    माकन ने कहा था कि बैंक खाते तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फ्रीज होने चाहिए, क्योंकि जो असंवैधानिक कॉर्पोरेट बांड उन्होंने अपने खातों में डाल रखे हैं, सुप्रीम कोर्ट के अनुसार असंवैधानिक हैं। हमारे खातों में कार्यकर्ताओं द्वारा ऑनलाइन डोनेशन से जुटाया गया पैसा है। इसे इनकम टैक्स और मोदी सरकार कैसे फ्रीज कर सकती है। इस कदम से स्पष्ट है कि अब हमारे देश में लोकतंत्र नहीं रहा। ऐसा लगता है देश में ‘वन पार्टी सिस्टम’ लाने का प्रयास किया जा रहा है।

    माकन ने कहा कि हमें 31 दिसंबर, 2019 तक अपने अकाउंट्स जमा करने थे, लेकिन हमें कुछ देर हो गई। इस वजह से हमारे खातों को सील कर दिया गया। 2018-19 चुनाव का वक्त था, जिसमें कांग्रेस के 199 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। इसमें हमारे विधायकों और सांसदों ने सिर्फ 14 लाख 40 हजार रुपये कैश में जमा किए थे, जो उनका वेतन था। इस वजह से कांग्रेस पर 210 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगा दी गई।

  • मऊ एसपी अविनाश पाण्डेय के कार्यकाल मे ही आगामी चुनाव चाहता है विपक्ष

    मऊ एसपी अविनाश पाण्डेय के कार्यकाल मे ही आगामी चुनाव चाहता है विपक्ष

    — घोसी विधान सभा के उपचुनाव मे समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह की जीत को एसपी अविनाश पाण्डेय की ईमानदारी मे गिन रहा विपक्ष

    ( ब्रह्मा नन्द पाण्डेय)

    मऊ( खरी दुनिया)। एसपी अविनाश पाण्डेय की कार्य प्रणाली लोगो मे उनकी सराहना का कारण बनती देखी जा रही है। वर्ष २०२३ मे घोसी विधान सभा की सीट पर हुए उपचुनाव और उसके परिणाम को देखते हुए विपक्ष एसपी अविनाश पाण्डेय के ही नेतृत्व मे इस वर्ष लोकसभा का चुनाव देखना चाहता है।


    पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय के द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे पदीय अधिकारों और कर्तव्यो को लोगो मे उनकी सराहना का कारण बनते देखा जा रहा है। पब्लिक तो पब्लिक, राजनीतिक हलके मे मौजूद विपक्ष भी इनकी कार्य प्रणाली की चर्चा करते थक नही रहा है।

    राजनितिक हलके से छन कर आ रही चर्चाओ के अनुसार गैर भाजपा दलों मे एसपी अविनाश पाण्डेय की कार्यप्रणाली खूब सराही जा रही है।

    विपक्ष इस बात पर जोर डालता देखा जा रहा है कि आगामी लोकसभा सभा चुनाव भी जिले के ईमानदार कर्तब्यनिष्ठ पुलिस अधीक्षक अविनाश पाण्डेय के ही करकाल मे सम्पन्न हो।

    लोगो मे एसपी की ईमानदारी की चर्चा इतनी है कि पूछिए मत, साहब के कार्यकाल मे ही बीते वर्ष घोसी विधान सभा सीट पर हुए उपचुनाव मे समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुधाकर सिंह को जीत मिली थी।

    सुधाकर सिंह की ही जीत को, बिपक्ष एसपी की ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा का कारण करार दे रहा है। श्री पाण्डेय जनपद मऊ मे कई साल से टिके हुए है। विपक्ष आगामी लोकसभा चुनाव को उनके ही नेतृत्ब मे सम्पन्न होने को तय मान रहा है।

  • मऊ में अरशद जमाल को बसपा के घोसी लोकसभा उम्मीदवार बनाए जाने के संकेत!

    मऊ में अरशद जमाल को बसपा के घोसी लोकसभा उम्मीदवार बनाए जाने के संकेत!


    — वर्तमान में नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष है अरशद जमाल


    ब्रह्मा नन्द पांडेय
    मऊ(खरी दुनिया)। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की राजनीति में एक कौतुहल के संकेत मिल रहे है। समाजवादी पार्टी के बैनर तले जिले की राजनीति में हमेशा आगे रहकर नगर पालिका परिषद के कई बार अध्यक्ष रहे अरशद जमाल को बहुजन पार्टी के द्वारा घोसी से लोकसभा सीट के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किए जाने के संकेत है। हालांकि इसके लिए अभी तक अधिकारित सूचना नही है लेकिन चर्चाओं का बाजार गरम है।


    जिले के राजनीति हलके के अनुसार इस बार घोसी लोकसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी की ओर से नगर पालिका के अध्यक्ष अरशद जमाल को अपना उम्मदवार बनाए जाने के संकेत है। सकेंत के मुताबिक अरशद जमाल को लेकर जिले की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गरम है।

    अरशद जमाल की जिल में जुझारू नेताओं में गिनती होती है। ये कई बार जिले की नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष भी रहे है। इनकी राजनीति की सिढियॉ में समाजवादी पार्टी को अहम माना जाता है। अरशद जमाल के नाम बीते नगर पालिका परिशद के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार सहित कई लोगों को रिकार्ड मतो से हराने का इतिहास है।

  • अवैध संचालित प्रतिष्ठानों को लेकर गंभीर हो गए अधिवक्ता सुधीर कुमार ंिसह

    अवैध संचालित प्रतिष्ठानों को लेकर गंभीर हो गए अधिवक्ता सुधीर कुमार ंिसह

    — इलाहाबाद उच्च न्यायालय के विधि विशेषज्ञों में गिने जाते है अधिवक्ता सुधीर कुमार

    मऊ(खरी दुनिया)। जिले के ऐसे वाणिज्यिकी प्रतिष्ठानों को लेकर हाई कोर्ट के अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह गंभीर हो गए है। सुधीर की उच्च न्यायालय इलाहाबाद के विधि विशेषज्ञों में गिनती होती है। इन्होने ऐसे वाणिज्यिकी प्रतिष्ठानों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 133 के तहत कार्यवाही कराने का मूड बना लिया है जो अवैध तरीके से हाई पावर बिजली के तार आदि के नीचे महल बनाकर संचालित किए जा रहे है।


    उच्च न्यायालय इलाहाबाद के अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह ने खरी दुनिया से बातचीत में कहा कि जिले में अधिकांष ऐसे प्रतिष्ठान मौजूद है जिन्होने तथ्य गोपन और जालसाजी कर पहले तो अपने प्रतिष्ठान के भवन के नक्शे पास कराए है और दूसरे वे हाई टेंशन तार के नीचे बनवाए गए है।

    उन्होने कहा कि ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ उन्होने जिले के जिलाधिकारी को शिकायत कर पहले उनसे ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की जाएगी। यदि जिलाधिकारी के द्वारा ऐसे प्रतिष्ठाानो के खिलाफ कार्यवाही नही की जाएगी तो उनके द्वारा इसे मा उच्च न्यायालय में उठा कर कार्यवाही कराने की उनके द्वारा पुरजोर कोशिश की जाएगी।

  • कलेक्ट्रेट में बाबू का रिश्वत लेते वीडियो वॉयरल

    कलेक्ट्रेट में बाबू का रिश्वत लेते वीडियो वॉयरल

    झांसी। एक बाबू का रिश्वत लेते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। यह वीडियो एडीएम के बाबू का बताया जा रहा है। बिना रिश्वत के बाबू ने जमानत के आदेश को देने मना कर दिया था। इसके बाद अधिवक्ताओं ने उसका रिश्वत लेते हुए वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस पर अधिवक्ताओं का सम्मान हमेशा बरकरार रखने का बार संघ के सचिव केपी श्रीवास्तव द्वारा आश्वासन दिया गया है।

    जूनियर अधिवक्ता से बदसलूकी करने वाले बाबू का रिश्वत लेते हुए वीडियो शोशल मीडिया पर वायरल करते हुए सचिव केपी श्रीवास्तव ने जिला प्रशासन से कार्यवाही की मांग की। बार संघ के सचिव केपी श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि जूनियर अधिवक्ता किसी आरोपी की जमानत कराने अपर नगर मजिस्ट्रेट की न्यायालय में गए थे। जहां न्यायिक अधिकारी ने आरोपी की जमानत स्वीकार करते हुए आदेश जारी कर दिया और वह चले गए। उनका आरोप है कि वहां तैनात बाबू ने जूनियर अधिवक्ताओं से बदसलूकी की ओर रिश्वत न देने पर आदेश देने से मना कर दिया। इस पर जूनियर अधिवक्ताओं ने उनका रिश्वत लेते वीडियो बना लिया। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा की ऐसे भ्रष्ट बाबुओं के खिलाफ कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।

  • चुनाव आयोग ने की 15 जिलों के स्वीप कार्यों की समीक्षा, मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर जोर

    चुनाव आयोग ने की 15 जिलों के स्वीप कार्यों की समीक्षा, मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर जोर

    लखनऊ। लोक सभा चुनाव के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के स्वीप कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान आयोग की स्वीप टीम ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर जोर दिया।

    आयोग की स्वीप टीम के सचिव संतोष कुमार, सीनियर कन्सलटेंट स्वीप आरके सिंह तथा कम्यूनिकेशन कन्सलटेन्ट स्वीप रजनी उपाध्याय के द्वारा प्रदेश के 15 जनपदों के स्वीप नोडल अधिकारियों के साथ आज राजधानी स्थित योजना भवन के सभागार में समीक्षा बैठक की गयी। बैठक में भारत निर्वाचन आयोग की टीम द्वारा मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर जोर दिया गया और स्वीप नोड़ल अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपदों में पिछले लोकसभा चुनाव में कम मतदान प्रतिशत वाले बूथों को चिन्हित किया जाय। चिन्हित बूथों पर कम मतदान प्रतिशत के कारणों या समस्याओं को दूर करने हेतु विशेष प्लान तैयार कर मतदान प्रतिशत बढ़ाया जाय।

    भारत निर्वाचन आयोग की टीम ने स्वीप नोड़ल अधिकारियों को निर्देश दिये कि टारगेट ग्रुपों पर विशेष ध्यान देकर उन्हें मतदान करने हेतु प्रेरित किया जाय तथा लोगों को स्वीप गतिविधियों के माध्यम से जागरूक किया जाए। इसके साथ ही निर्वाचन आयोग की टीम द्वारा अपेक्षा की गयी कि आकाशवाणी में प्रत्येक शुक्रवार सायं 07.15 बजे 23 भाषाओं में प्रसारित हो रहे मतदाता जंक्शन कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।

    प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने स्वीप नोडल अधिकारियों से कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से मतदाता बनने तथा वोट देने के लिए जागरूक किया जाय। मतदाताओं को भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाईट तथा वोटर हेल्पलाईन ऐप के माध्यम से आनलाईन अपना नाम वोटर लिस्ट में चेक करने और उसे संशोधित करने की जानकारी दी जाय। मतदाताओं को स्थानीय निकाय तथा विधानसभा निर्वाचन की मतदाता सूची के अन्तर के बारे में जानकारी दी जाय। जनपदों की ऐसी विधानसभाएं और उनके बूथ जहाँ वर्ष 2019 में मतदान प्रतिशत राज्य औसत 59.11 प्रतिशत से कम है, वहां मतदान प्रतिशत बढ़ाये जाने के लिये टारगेटेड स्वीप गतिविधियां संचालित किया जाय। उन्होंने कहा कि मतदान के दिन जारी होने वाले सार्वजनिक अवकाश का सभी सरकारी एवं निजी संस्थाओं में पूरी तरह से अनुपालन कराया जाय, जिससे सभी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।

    चुनाव आयोग की टीम द्वारा प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश के 40 जनपदों के स्वीप नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही है, जिसके क्रम में गुरूवार को 15 जनपदों के स्वीप नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की गयी तथा शेष 25 जनपदों के स्वीप नोडल अधिकारियों की बैठक शनिवार को की जायेगी। इसके बाद द्वितीय चरण में शेष जनपदों के स्वीप नोडल अधिकारियों के बैठक की तिथि निर्धारित की जायेगी।

    बैठक में प्रयागराज, प्रतापगढ़, चित्रकूट, हमीरपुर, गोण्डा, बलरामपुर, श्रावस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, लखनऊ, जौनपुर, सोनभद्र, बांदा तथा महोबा जनपद के स्वीप नोडल अधिकारी ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से जनपदों मे चल रही स्वीप गतिविधियों की जानकारी दी। चित्रकूट एवं हमीरपुर जनपदों में मतदाता जागरूकता के लिए किये जा रहें प्रयासों विशेषकर बोटिंग फॉर वोटिंग टैग लाईन की आयोग की टीम के द्वारा सराहना की गयी।

    समीक्षा बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी निधि श्रीवास्तव, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनय पाठक, विशेष कार्याधिकारी आलोक कुमार एवं संजय सिंह तथा सांख्यकीय अधिकारी टीपी गुप्ता उपस्थित रहे।

  • युवती से दुष्कर्म के प्रयास में निजी क्लीनिक संचालकों समेत 4 पर केस दर्ज

    युवती से दुष्कर्म के प्रयास में निजी क्लीनिक संचालकों समेत 4 पर केस दर्ज

    मुरादाबाद। मुरादाबाद के थाना बिलारी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी युवती ने थाना पुलिस को दी तहरीर में क्षेत्र के सहसपुर गांव के एक निजी क्लीनिक में क्लीनिक संचालक समेत चार पर दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाया। थाना बिलारी एसएचओ आरपी सिंह ने बताया शिकायकर्ता युवकी की तहरीर के आधार पर गुरुवार को दो क्लीनिक संचालक समेत 4 पर केस दर्ज कर लिया और विवेचना शुरू कर दी है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

    क्षेत्र के एक गांव निवासी युवती ने बताया कि छह माह पहले थाना क्षेत्र में रहने वाली डा. सहाना उसके घर आई थी। महिला चिकित्सका के कहने पर पीड़िता ने उसके क्लीनिक पर नौकरी शुरू कर दी। युवती के अनुसार डाक्टर का परिचित डॉ साजिद भी क्लीनिक चलाता है। युवती ने आरोप लगाया कि सहसपुर निवासी साजिद के अलावा टांडा अमरपुर गांव निवासी अकरम व असगर उस पर बुरी नीयत रखने लगे। 19 जनवरी सुबह करीब 11 बजे साजिद, अकरम व असगर ने उसे क्लीनिक के एक कमरे में बंद कर लिया। उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश की। महिला डॉक्टर ने भी आरोपियों का साथ दिया। साजिद ने उसकी कनपटी पर तमंचा रखा दिया और कहा कि अगर वह 70 हजार रुपये चोरी की बात कबूल ले तो वे उसे छोड़ देंगे।

    वहीं युवती ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपितों के दबाव में आकर उसने चोरी की बात कबूली, जिसका आरोपियों ने वीडियो बना लिया। साथ ही उसे रुपये न देने पर संबंधबनाने की धमकी दी। मुरादाबाद पुलिस अधीक्षक देहात संदीप कुमार मीना ने बताया कि इस मामले में आरोपित डा. सहाना, डा. साजिद, अकरम, असगर और कुछ अज्ञात के खिलाफ गुरुवार को केस दर्ज कर लिया गया है। विवेचना के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

  • ज्ञानवापी में मंदिर ट्रस्ट को पूजा की अनुमति मामले में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

    ज्ञानवापी में मंदिर ट्रस्ट को पूजा की अनुमति मामले में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

    -हाईकोर्ट ने सुरक्षित किया फैसला

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी गृहतल में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पूजा की अनुमति देने की जिला जज के आदेश की वैधता की चुनौती अपीलों की सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल मसाजिद कमेटी की तरफ से दाखिल जिला जज के दो आदेशों की चुनौती अपीलों की सुनवाई कर रहे थे।

    मस्जिद पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता एस एफ ए नकवी व पुनीत गुप्ता ने तर्क दिया कि पूजा के अधिकार की मांग में दाखिल सिविल वाद में अधिकार तय किए बगैर अंतरिम आदेश से फाइनल रिलीफ देना कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है। तहखाने में पूजा की अनुमति देकर वस्तुतः सिविल वाद स्वीकार कर लिया गया है। साथ ही जिला जज ने स्वयं ही दो विरोधाभाषी आदेश दिए हैं।

    यह भी कहा कि सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 152 के अंतर्निहित अधिकार का प्रयोग करते हुए अदालत मूल आदेश की प्रकृति में बदलाव का आदेश नहीं दे सकती। मूल आदेश में केवल एक मांग मानी गई। जिलाधिकारी को रिसीवर नियुक्त कर दिया गया। बिना किसी अर्जी के केवल मौखिक अनुरोध पर पूजा का अधिकार दे दिया गया है। अदालत ने अपनी अंतर्निहित शक्ति का इस्तेमाल करने का आदेश में उल्लेख नहीं किया है। कहा कि जिला अदालत ने 17 जनवरी को अर्जी स्वीकार कर केवल एक रिलीफ ही दी। दूसरी मांग पर आदेश नहीं देना ही अनुतोष से इंकार माना जाएगा।

    कहा गया कि 17 जनवरी 24 के मूल आदेश से जिला जज ने विवादित भवन की सुरक्षा व देख-रेख करने व किसी प्रकार का बदलाव न होने देने का भी निर्देश दिया है और 31 जनवरी 24 के आदेश से बैरिकेडिंग काट कर तहखाने में पूजा के लिए दरवाजा बनाने तथा ट्रस्ट को पुजारी के जरिए तहखाने में स्थित देवी देवताओं की पूजा करने की अनुमति देकर अपने ही आदेश का विरोधाभासी आदेश दिया है। यह भी कहा गया कि तहखाने पर किसका अधिकार है यह साक्ष्यों के बाद सिविल वाद के निर्णय से तय होगा। जिला जज ने अंतरिम आदेश से फाइनल रिलीफ देकर गलती की है। इसलिए जिला जज के आदेश रद्द किए जाय।

    मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, हरिशंकर जैन, वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने पक्ष रखा। इनका कहना था कि अदालत को धारा 151 व 152 के अंतर्गत न्याय हित में आदेश देने का अंतर्निहित अधिकार है। वादी अधिवक्ता के संज्ञान में लाने के बाद अदालत ने छूटी हुई प्रार्थना स्वीकार की है। वादी के बजाय अदालत ने ट्रस्ट को पुजारी के जरिए पूजा का अधिकार बहाल किया है। वादी व्यास जी के तहखाने में वर्षों से पूजा अर्चना करता आ रहा है। वर्ष 1993 मे श्रीराम जन्मभूमि विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद ज्ञानवापी की लोहे की बाड़ से बैरिकेडिंग करने के कारण तहखाने में पूजा करने से बिना किसी आदेश के रोक लगा दी गई थी। अदालत ने कोई नया अधिकार नहीं दिया है।

    कहा कि जिला जज ने अर्जी की तीन बार सुनवाई की तिथि तय की किंतु मस्जिद पक्ष की तरफ से कोई आपत्ति नहीं की गई। दोनों पक्षों को सुनकर जिला जज ने 31 जनवरी का दूसरा आदेश जारी किया है जो 17 जनवरी के मूल आदेश का ही हिस्सा है। अदालत को गलती दुरूस्त करने व छूटे आदेश को पारित करने का पूरा अधिकार है। आदेश कानूनी प्रक्रिया के तहत पारित किया गया है।

    बहस की गई कि दीन मोहम्मद केस में कोर्ट ने व्यास जी के तहखाने का जिक्र किया है। जितेंद्र व्यास के पूजा करने को स्वीकार किया गया है। इसलिए अपीलें बलहीन होने के नाते खारिज की जाय। प्रदेश सरकार की तरफ से महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र, मुख्य स्थाई अधिवक्ता कुणाल रवि व हरे राम त्रिपाठी ने पक्ष रखा। महाधिवक्ता का कहना था कि कानून व्यवस्था कायम रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। अदालत के आदेश पर अमल कराना सरकार का दायित्व है।

    सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने लगभग 40 मिनट तक तर्क प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी के दाहिने हिस्से में तहखाना स्थित है, जहां हिंदू वर्ष 1993 तक पूजा कर रहे थे। सीपीसी के आदेश 40 नियम एक के तहत वाराणसी कोर्ट ने डीएम को रिसीवर नियुक्त किया है। पूजा का आदेश किसी तरह से मुस्लिमों के अधिकारों को प्रभावित नहीं करता है, क्योंकि मुसलमान कभी तहखाने में नमाज नहीं पढ़ता था।