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  • दीवानी प्रकरण : आरोपी की उच्च न्यायालय इलाहाबाद से ख़ारिज अग्रिम जमानत याचिका को भी नहीं पकड़ पाये विवेचक, २ सौ अरोपियो मे से 1 पर चार्जशीट

    दीवानी प्रकरण : आरोपी की उच्च न्यायालय इलाहाबाद से ख़ारिज अग्रिम जमानत याचिका को भी नहीं पकड़ पाये विवेचक, २ सौ अरोपियो मे से 1 पर चार्जशीट

    — मामला दीवानी कचहरी में सुरक्षा घेरा तोड़कर घुसे तीन अबैध असलहेधारियों को पुलिस के कब्जे से २ सौ अधिवक्ताओं द्वारा छुड़ाने का

    — शहर कोतवाली में अपराध संख्या ६७/२०२४ पर उप निरीक्षक रामाश्रय गुप्ता की तहरीर पर दर्ज है आयुध अधिनियम की धारा ३० और भादवि की धारा १८८ और ३५३ के तहत तीन नामजद और डेढ़ से दो सौ अधिवक्ताओं के खिलाफ मुकदमा ।

    मऊ। शहर कोतवाली में दर्ज अपराध संख्या ६७/२०२४ के विवेचक की विवेचना में बड़ी लापरवाही की खबर है। आयुध अधिनियम की धारा ३० और भादवि की धारा १८८,३५३ के आरोपित की इलाहाबाद उच्च न्यायालय से ख़ारिज हुई जमानत याचिका को भी विवेचक नहीं पकड़ पाये है। घटना २८ फ़रवरी २०२४ की है।

    पुलिस सूत्रों के अनुसार बीते २८ फरवरी २०२४ को दीवानी न्यायालय का सुरक्षा घेरा तोड़कर विधायक लिखे चार पहिया वाहन से अबैध असलहे के साथ घुसे तीन बदमाशों को पुलिस के कब्जे से दो सौ अधिवक्ताओं के द्वारा छुड़ाने का आरोप शहर कोतवाली में अपराध संख्या ६७ में दर्ज है। मामले की विवेचना अजीत दुबे ने की है। बतौर विवेचक अजीत दुबे इस मामले में आरोपित तीन नामजद और डेढ़ से दो सौ अधिवक्ताओं को इस दर्ज आरोप में शामिल होने के प्रमाण तक को नहीं खोज पाए है, जबकि पुरा दीवानी परिसर सीसी टीवी कैमरे से सुस्ज्जित है। अजीत दुबे द्वारा मामले में टीपी सिंह को चार्जशीट दी गई तो वही पर खुद को अपराध में शामिल मानकर अपनी जमानत कराने पहुचे मिथिलेश दुबे की इलाहाबाद उच्च न्यायालय तक से अग्रिम जमानत याचिका के ख़ारिज होने के भी तथ्य को नहीं पकड़ा जा सका है।

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    एक अधिवक्ता और उसके गिरोह के बुलाने पर दीवानी में तांडव मचाये थे बदमाश

    सूत्रों पर यकीन करे तो विधायक लिखे चार पहिया वाहन से दीवानी में तांडव मचाये तीन अबैध असलहेधारियों को दीवानी का खुद को अधिवक्ता बताने वाले रपेस पाण्डेय काशीष श्रीवास्टब , सुमेत पंडे , कुमेश सिंह ( ये सभी कल्पनिक नाम है ) ने किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए बुलाया था। विवेचक द्वारा इन तथाकथित अधिवक्ताओं को बचाने के लिए न तो मामले में आरोपित मिथिलेश दुबे और उसके सगे संबंधियों के मोबाइल नम्बर को खंगाला गया और उसके ख़ारिज अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्रों को ही पकड़ने की कोशिश की गई।

    विवेचक ने बदमाशों के सीडीआर नहीं खंगाले, वाहन मालिक तक पहुंचने में दीवानी परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरो तक के फुटेज को नहीं खंगाला !

    पुलिस ने वाहन भी किया था सीज, और तीन अबैध असलहेधारियों पर गिरफ्तारी का भी बनाया था दबाव, लेकिन इन अबैध असलहेधारियों के संरक्षक बदमाश और खुद को अधिवक्ता बताने वकील और उसके गिरोह के नाजायज दबाव में विवेचक द्वारा उनके दीवानी न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय तक से ख़ारिज हुई अग्रिम जमानत याचिका को भी विवेचना दौरान न पकड़ पाने का बहाना बना दिया गया । तीनो बदमाश किसके बुलाने पर? क्यो दीवानी परिसर के सुरक्षा घेरे को तोड़ कर ? परिसर में विधायक लिखे चार पहिया वाहन से घुसे ? विवेचक ने यहा तक पहुंचने में क्यो नहीं उनके मोबाइल सीडीआर और दीवानी परिसर में लगे सीसी टीवी कैमरे के फुटेज को आधार बनाया ? आदि तथ्यों को खरी दुनिया की लीगल टीम द्वारा ३ सितम्बर २०२४ को अदालत में प्रस्तुत किये जाने की तैयारी है।

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  • दीवानी कचहरी प्रकरण : पुलिसिया जाँच से उच्च न्यायालय असंतुष्ट, राज्य सरकार से मांगा जवाब

    दीवानी कचहरी प्रकरण : पुलिसिया जाँच से उच्च न्यायालय असंतुष्ट, राज्य सरकार से मांगा जवाब

    मऊ। दीवानी न्यायालय परिसर में विधायक लिखे चार पहिया वाहन से घुसे तीन अबैध असलहेधारियो को पुलिस के कब्जे से छुड़ाने के मामले में दर्ज डेढ़ से दो सौ अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे में दाखिल जनहित याचिका की उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने सोमवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। बीते २८ फरवरी को शहर कोतवाली पुलिस ने मामले में 3 नामजद साहित डेढ़ से दो सौ अज्ञात अधिवक्ताओं के खिलाफ मुकदमे कायम किये है। अधिवक्ता ब्रह्मा नन्द पाण्डेय ने मामले की निष्पक्ष जाँच के लिए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की है।


    दीवानी न्यायालय मऊ परिसर पर दिनाँक 28/ 2/2024 को विधायक लिखी गाड़ी में सवार ,हथियार बन्द लोगो ने परिसर का मुख्य गेट बल पूर्वक खोलकर अंदर प्रवेश कर परिसर के अंदर हथियार लहराने लगे ,परिसर की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों ने तीन अज्ञात हमलावरों को पकड़ लिया ,जिनको सैकड़ो अधिवक्ताओं की भीड़ ने छुड़ा लिया ।
    इस घटना की प्रथम सूचना परिसर की सुरक्षा में तैनात उपनिरीक्षक ने दिनाँक 28 /2/2024 को थाना कोतवाली जनपद मऊ में पंजीकृत कराया।


    घटना के पांच महीने बाद ,पुलिस ने विवेचना करके टी पी सिंह के विरुद्ध भा द स की धारा 188 और 353 के अंतर्गत दिनाँक 20/7/2024 को आरोप पत्र प्रेषित किया ।
    पुलिस की इस कार्यवाही के विरुद्ध किसी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष एजेंसी से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिये उच्च न्यायालय के समक्ष अधिवक्ता ब्रह्मा नन्द पाण्डेय ने अपराधिक जनहित याचिका सँख्या 5 /2024 योजित किया ।


    मामले की सुनवाई दिनाँक 12/8/2024 को हुई
    ब्रह्मा नन्द पाण्डेय की ओर से उनका पक्ष सुधीर कुमार सिंह एडवोकेट ने रखा ,जबकि राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने पक्ष रखा ।
    जनपद मऊ पुलिस की लीला पोती वाली कार्यवाही से मुख्य न्यायाधीश अप्रसन्न हुए ,इसपर अपर महाधिवक्ता ने कहा कि उ प्र के दीवानी न्यायालयो की सुरक्षा के लिये एक सुओ मोटो जनहित याचिका पहले से ही माननीय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है।


    इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा ,” हमारा ध्यान दीवानी न्यायालय मऊ पर हुई अपराधिक हमले पर केंद्रित है ,हमें इसका जवाब चाहिये ,इतने अधिक हमलावरों में से केवल एक कि पहचान वाली पुलिसिया कार्यवाही सन्देह उत्पन्न करती है ।

  • बार कौंसिल की अनुसाशन समिति के समक्ष हाजिर रुपेश अपने उपर लगे आरोप का नहीं दे सके जवाब

    बार कौंसिल की अनुसाशन समिति के समक्ष हाजिर रुपेश अपने उपर लगे आरोप का नहीं दे सके जवाब

    दीवानी कचहरी के अधिवक्ता रुपेश पाण्डेय पर विपक्षी से मिलकर परिवादी का मुकदमा वापस लेने का है आरोप

    मऊ। विपक्षी से मिलकर मुकदमा वापस लेने वाले अधिवक्ता रुपेश कुमार पाण्डेय द्वारा अपने बचाव में आज रविवार को राज्य विधिज्ञ परिषद प्रयागराज में उपस्थित होकर जबाव प्रस्तुत किया गया।
    रुपेश कुमार पाण्डेय पर विपक्षी से मिलकर परिवादी द्वारा माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल मुकदमे को वापस लेने का आरोप है। रुपेश पाण्डेय द्वारा इस मुकदमे को वापस लेने से पहले परिवादी के खिलाफ जिले के एक गिरोहबंद बदमाश से मिलकर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है।

    रुपेश पाण्डेय के द्वारा परिवादी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के बाद बिना परिवादी की सहमति के विपक्षी से मिलकर उसके मुकदमे वाप ले लिए गये है, इसी आरोप को लेकर परिवादी द्वारा बार कौंसिल में की गई शिकायत की सुनवाई में बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की अनुसाशन समिति ने अधिवक्ता अधिनियम की धारा ३५ के तहत जवाब तलब किया था। रुपेश द्वारा अपने जवाब में आरोप के मुताविक कोई तथ्यगत जवाब देने के बजाय परिवादी द्वारा फेसबुक पर बिना नाम की गई टिप्पड़ियों और उसके उपर दर्ज फर्जी मुकदमो की सूची दी गई है। परिवादी की ओर से उपस्थित अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह ने रुपेश पाण्डेय द्वारा प्रस्तुत जवाब की एक प्रति स्वीकार की हैं ।

    अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि रुपेश पाण्डेय ने जो जवाब अनुसाशन समिति के समक्ष प्रस्तुत करते हुए उसकी एक प्रति प्राप्त कराई गई है, उसमे उनके द्वारा अपने उपर लगे आरोप को स्वीकार कर लिया गया है। जल्द ही रुपेश के जवाब का प्रति उत्तर बार कौंसिल की अनुसाशन समिति के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जायेगा।

  • हेडमास्टर अनुपस्थित छात्रों की संख्या को छुपा रहें तो रसोइया नन्हकी, तारा बन हड़प रही सरकारी धन

    हेडमास्टर अनुपस्थित छात्रों की संख्या को छुपा रहें तो रसोइया नन्हकी, तारा बन हड़प रही सरकारी धन


    मऊ। शिक्षा क्षेत्र कोपागंज के प्राथमिक विद्यालय में उपस्थित छात्रों कि संख्या अक्सर बहुत कम रहती है। “मिड डे मिल” योजना के दुरूपयोग से इनकार नही है क्योकि हेडमास्टर पंजीकृत छात्रों के सापेक्ष उपस्थित छात्रों की संख्या नही बताते है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार प्राथमिक विद्यालय मीरपुर रहिमाबाद के हेडमास्टर द्वारा छात्रों की उपस्थिति की स्थिति पब्लिक को न जानकारी हों, असलियत छुपाकर प्राप्त राशन को भी छुपाया जाता है।

    हेडमास्टर से खरी दुनिया ने रिंग कर विद्यालय में पंजीकृत छात्रों और अक्सर उपस्थित छात्रों की संख्या की जानकारी चाही गई थी। हेडमास्टर ने पंजीकृत छात्रों की संख्या में १३६ तो बताया गया लेकिन अक्सर अनुपस्थि छात्रों की संख्या को नही बताया गया।

    हेडमास्टर के द्वारा पदीय अधिकारों की आड़ में कि जा रही मनमानी का खुलासा तभी सम्भव है जब शीर्ष अधिकारी विद्यालय का औचक निरीक्षण करें।


    हेड मास्टर ने कौड़ियों के भाव बेंच दी सरकारी ईंट


    मीरपुर रहिमाबाद के हेड मास्टर ने पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए पुराने जर्जर विद्यालय के भवन को गिरवाकर उसकी ईंट को अपने ही विद्यालय की रसोइया को कौड़ियों के भाव बेंच दिया।

    हेडमास्टर ने इस इंट को बेचने के लिए भौतिक रूप से सरकारी कोई कोरम पुरा नही किया। हेडमास्टर ने ऐसा क्यो किया ? को लेकर ग्रामीणों में तरह तरह की चर्चाओ का बाजार गरम है।

    रसोइया नन्हकी तारा बनकर हेडमास्टर के सहयोग से उतार रही सरकारी धन
    प्राथमिक विद्यालय मीरपुर रहीमाबाद के हेडमास्टर द्वारा सरकारी धनों को हड़पने के लिए इसी गाव की नन्हकी पत्नी दयाशंकर को तारा पत्नी दायशंकर बनाकर उसको रसोइया के पद पर नियुक्त नन्हकी के माध्यम से हर माह सरकारी धन हड़पे और हड़पवाये जा रहें है।

    इस संदर्भ में पड़ी एक शिकायत की जाँच में हेडमास्टर और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी उसके बचाव में शिकायती पत्र में उल्लखित तथ्यों की जानबूझकर जाँच नही कर रहें है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को बीते 3 अगस्त को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मऊ ने मामले में जाँच सौपी गई है।

    ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने आज तक जाँच के बाबत कोई कार्यवाही नहीं की है जिससे सरकारी धनों को हड़पने के लिए प्राथमोक विद्यालय के हेडमास्टर द्वारा पदीय अधिकारों की आड़ में की गई मनमानियो पर अंकुश बनता दिखाई नही डे रहा है।

  • हेडमास्टर और रसोइया के बींच उत्पन्न इंट्रेस्ट ने उड़ा दी है ग्रामीणों की नींद

    हेडमास्टर और रसोइया के बींच उत्पन्न इंट्रेस्ट ने उड़ा दी है ग्रामीणों की नींद


    मऊ। शिक्षा क्षेत्र कोपागंज के एक प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर और रसोइया के बींच उतपन्न “इंट्रेस्ट” ने ग्रामीणों की नींद उड़ा रखी है।


    हेड मास्टर का विद्यालय के बंद होने के कई घंटे बाद तक रसोइया के साथ विद्यालय में रुकना लोगो के गले से नीचे नही उतर रहा है।

    ग्रामीणों में हेडमास्टर और रसोइया के बींच उत्पन्न इस “इंट्रेस्ट” को लेकर आक्रोश भी है।

  • तो कितने लाभार्थियों के बींच आँगनबाड़ी द्वारा बांटे जाते है खाद्यांन ? की होगी जाँच : डीपीओ

    तो कितने लाभार्थियों के बींच आँगनबाड़ी द्वारा बांटे जाते है खाद्यांन ? की होगी जाँच : डीपीओ


    मऊ। विकास खंड कोपागंज के ग्राम पंचायत मीरपुर रहीमाबाद में आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों के द्वारा लाभार्थियों के हिस्से के सरकारी खाद्यन्नो का बितरण नही किये जाने की खबर है।

    कितना खाद्यांन आता है कितने का कितने लोगो के बींच बितरित किया जाता है, को लेकर जब इलाके की कार्यकर्ती से जब उनके मोबाइल पर रिंग कर जानकारी चाही गई तो उन्होंने प्राप्त खाद्यानो की जानकारी और उसके बितरण की जानकारी देने से इंकार कर दिया है।

    उधर जब इस मामले से जिला कार्यक्रम अधिकारों के अवगत कार्य गया तो उन्होंने मामले में जाँच की बात कही। बहरहाल ग्राम पंचायत मीरपुर रहीमाबाद में कुल 7 अंगनबाड़ी कार्यकर्ती तैनात है।

    कार्यकर्ती ने खरी दुनिया से ही सवाल किया कि आप कौन है, इन सब जानने वाले ? रुकिए मै डीपीओ को लाइन पर लेकर बताती हू। इसके बाद कार्यकर्ती ने बिना प्राप्त खाद्यानो की जानकारी और वितरित खाद्यानो की जानकारी दिये फोन काट दिया।

  • 1 करोड़ 43 लाख की लगत से निर्मित नगर की सईदी रोड पर गड्ढों की भरमार, चलना हुआ दूभर

    1 करोड़ 43 लाख की लगत से निर्मित नगर की सईदी रोड पर गड्ढों की भरमार, चलना हुआ दूभर

    पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मम्मद तैयब पालकी के कार्यकाल में निर्मित है सड़क

    मऊ। दो साल पहले नगरपालिका परिषद द्वारा बनवाई गई नगर की सईदी रोड पर इन दिनों बने गड्ढे सड़क निर्माण के मानक की पोल खोल रहें है। यह सड़क पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मुहम्मद तैयब पालकी के कार्यकाल में निर्मित है। अब इस सड़क पर पैदल या फिर वाहन से चलना नगर का दुरूह कार्य है।


    विभागीय सूत्रों के अनुसार नगर पालिका परिषद के द्वारा वर्ष 2022 में निर्मित नगर की सईदी रोड पर कन दिनों गड्ढों की भरमार है।

    गड्ढे इतने है कि आप गिन नही सकते, इस सड़क के निर्माण में नगर पालिका परिषद ने करीब 01 करोड़ 43 लाख खर्च किया है

  • जाँच की जद में दूसरा अबैध हॉस्पिटल, “यश लाइफ केयर” साहित दो हुए सील

    जाँच की जद में दूसरा अबैध हॉस्पिटल, “यश लाइफ केयर” साहित दो हुए सील

    ब्रह्म नन्द पाण्डेय

    मऊ। जिले में अबैध रूप से चल रहें हॉस्पिटलो कि जाँच में यश लाइफ केयर हॉस्पिटल को भी नगर मजिस्ट्रेट ने अबैध संचालन पाते हुए सील कर दिया है। जाँच के पहले दिन आज शनिवार को की जा रही जाँच में अबैध पाए गये जीवन ज्योति हॉस्पिटल ले बचाव में यश लाइफ केयर हॉस्पिटल के चिकित्स्क सी के साहनी कुछ देर पहले जाँच टीम के सामने पैरवी में गये थे।

    सी के साहनी के हॉस्पिटल की जाँच के बाद जाँच टीम ने न्यूरो केयर और लाइफ लाइन हॉस्पिटल को भी सील कर दिया है। जाँच टीम के इस हरकत से इलाकाई अबैध सस्थानों के संचालको में अफरा तफरी देखी जा रही है।

    उधर इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन के अध्यक्ष डा पी एल गुप्ता से कब खरी दुनिया ने हों रही जाँच के बाबत प्रतिक्रिया चाही तो उन्होंने कहा कि बेसमेंट का उचित सदुपयोग कराने के लिए ज्याह जाँच हों रही है क्योकि हाल के दिनों में दिल्ली में बेसमेंट में संचालित एक सस्थान में बच्चे मर गये है।

    यह पूछे जाने पर कि दिल्ली कि इस घटना के पहले भी दिल्ली के एक हॉस्पिटल में अगलगी के कारण कई नवजातो की भी तो मौत हुई थी, के जवाव में डा पी एल गुप्ता कुछ भी बोलने से इंकार कर गये।

    कानूनन नहीं कोई है बैध हॉस्पिटल्स

    बताते चले कि जिले में अबैध हॉस्पिटलों कि भरमार है। ऐसा कोई निजी नर्सिंग होम नही है जो नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार निर्मित भवन के नक्शे की स्वीकृति के बाद संचालित हों रहा है। करीब करीब सभी हॉस्पिटल , हॉस्पिटल भवन के चारो तरफ 6 मीटर चौड़े खुले स्थान और पार्किंग की ब्यवस्था के खिलाफ अधिकतम २० फिट चौड़े और 10 फिट चौड़ी गली में संचालित हों रहें है।

  • मऊ में नही चलेंगे अबैध हॉस्पिटल्स, विभागीय अफसरों के साथ जाँच को उतरे सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस क्षेत्राधिकारी

    मऊ में नही चलेंगे अबैध हॉस्पिटल्स, विभागीय अफसरों के साथ जाँच को उतरे सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस क्षेत्राधिकारी

    ( ब्रह्मा नन्द पाण्डेय /सरफराज अहमद )

    मऊ। जिले में अबैध रूप स्व संचालित हॉस्पिटल्स की जिलाधिकारी द्वारा हफ्तेभर पहले दी गई जाँच आज शनिवार को नगर मजिस्ट्रेट और नगर क्षेत्राधिकारी के सहयोग से धरातल पर उतर गई है। नगर मजिस्ट्रेट के अथक प्रयास ने सीएमओ को उनके साथ जाँच में इतरने को बाध्य कर ही दिया। जाँच के पहले दिन भीटी इलाके के जीवन ज्योति अस्पताल की खामियों को नगर मजिस्ट्रेट बृजेन्द्र कुमार और पुलिस नगर क्षेत्राधिकारी मऊ ने सीएमओ के साथ जांचा । हॉस्पिटल विभाग की कृपा से बेसमेंट में संचालित हों रहा था।


    उल्लेखनीय है कि जिले में अबैध रूप से संचालित अस्पतालो में सुमार प्रकाश,सत्यम, राहुल हॉस्पिटल्स साहित दर्जनों अस्पतालो को लेकर पूर्व में प्रकाशित खबरों को जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र द्वारा गंभीरता से लेते हुए मामले की जाँच का आदेश दिया गया था।

    जाँच के आदेश में सीएमओ द्वारा खुद की खामियों को छुपाते हुए जाँच कोशीर अधिकारियो से सम्पर्क नही किया जा रहा था।

    नगर मजिस्ट्रेट द्वारा सार्वजनिक तौर पर सीएमओ आदि पर जाँच में सहयोग न करने की शिकायत किये जाने के बाद सीएमओ के कान पर शनिवार को जु को रेंगते हुए देखा गया।

    जाँच टीम में समस्त उपजिलाधिकारियो को इलाकेवाइज शामिल करने का आदेश था, नगर में सीएमओ को नगर मजिस्ट्रेट के साथ रहना था। सीएमओ अबैध हॉस्पिटलों को संरक्षण में जाँच के बाबत नगर मजिस्ट्रेट से जानबूझकर सम्पर्क में नही आ रहें थे, बीते दिनों नगर मजिस्ट्रेट द्वारा पत्रकारों के एक सवाल के जबाब में सीएमओ को सम्पर्क में नही आने को लेकर जाँच को प्रभावित होने जैसी बातें कही गई।

    सिटी मजिस्ट्रेट बृजेन्द्र कुमार जी का कथन खबरों के माध्यम से वायरल हुआ तो सीएमओ को डीएम का आदेश याद आया और वह शनिवार को नगर मजिस्ट्रेट के साथ जाँच में दिखे ।

    शनिवार को जाँच की जद में भी टी इलाके का जीवन ज्योति अस्पताल रहा, अस्पताल बेसमेंट में संचालित हों रहा था। नगर मजिस्ट्रेट ने बेसमेंट संबंधित भवन को देखा और आगे की कार्यवाही करने को कहा। उधर जाँच के दौरान नगर मजिस्ट्रेट और क्षेत्राधिकारी पुलिस श्री अंजनी कुमार मिश्र के समक्ष पैरवी भी देखी गई। अस्पताल प्रबंधन पर कार्यवाही न हों इसके लिए जाँच के बींच आये डा सी एस चौहान को अपनी दलीलो के साथ वापस जाना पड़ा।

    जांच में फंस रहें हॉस्पिटल प्रबंधन की पैरवी में उतरे एक ब्यक्ति साहित दो हिरासत में

    अबैध् हॉस्पिटलो की जाँच के पहले दिन शनिवार जीवन ज्योति हॉस्पिटल के प्रबंधन को कापते देखा गया। हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड करने वाले गैर प्रशिक्षित ब्यक्ति को जहा जाँच दल ने पुलिस को सौप दिया वही हॉस्पिटल प्रबंधन कोई कार्यवाही न करे इसके लिए सूबे के एक मंत्री का खुद आदमी बताकर फोन पर बात कराने पहुचे ब्यक्ति को भी पुलिस ने अपने कब्जे कर लिया ।

    कोचिंग सेंटर साहित पूर्वहन तक दो सस्थानों की हुई जाँच

    जाँच के दौरान हॉस्पिटल के बगल में अबैध तरीके से संचालित हों रही कोचिंग सेंटर को भी मजिएटरत ने सीज कर दिया है। अबैध हॉस्पिटलो और कोचिंग सेंटरों के खिलाफ जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र के निर्देशन में चलाये जा रहें जाँच में शनिवार को पूर्वहन एक हॉस्पिटल साहित दो सेंटर्स की जाँच की गई है। जाँच को देखकर इलाके में चल रहें अबैध हॉस्पिटलों के संचालको में हड़कंप जैसी स्थिति देखने को मिल रही है।

  • विपक्षी से मिलकर मुकदमा वापस लेने वाले अधिवक्ता रुपेश पाण्डेय को बार कौंसिल की अनुसाशन समिति ने किया तलब

    विपक्षी से मिलकर मुकदमा वापस लेने वाले अधिवक्ता रुपेश पाण्डेय को बार कौंसिल की अनुसाशन समिति ने किया तलब

    बिना क्लाइंट की सहमति लिए विपक्षी से मिलकर अधिवक्ता पर मुकदमा वापस लेने का है आरोप

    मऊ। विपक्षियों से मिलकर मुकदमे को वापस लेने वाले दीवानी कचहरी के अधिवक्ता रुपेश को बार कौंसिल उत्तर प्रदेश की अनुसाशन समिति ने तलब किया है। रुपेश कुमार पर विना अपने क्लाइंट की सहमति लिए उसके मुकदमे को वापस लेने का आरोप है।


    उल्लेखनीय है कि जिले के राहुल हॉस्पिटल की मालकिन मीरा राय और उसके चिकित्सक सुरेंद्र राय के द्वारा हॉस्पिटल के भवन के नक्शे को तथ्यगोपन कर नियत प्राधिकारी दफ्तर से पास कराने के आरोप के साथ सरकारी अफसर के जाली अनापत्ति प्रमाण पत्र को भी नक्शे को पास कराने में अभिलेखो में लगाने के आरोप के साथ श्रीमान मुख्य दंदधिकारी मऊ की अदालत में मुकदमा दाखिल था।

    इस मुकदमे कि पैरवी के लिए पीड़ित ने अधिवक्ता रुपेश को अपना वकील नियुक्त किया था। रुपेश ने विना पीड़ित की सहमति लिए और विपक्षी से मिलकर अदालत में झूठी बाते रखकर मुकदमे को ही वापस ले लिया है। इसी आरोप को पीड़ित ने बार कौंसिल में अधिवक्ता के खिलाफ प्रस्तुत किया है। कौंसिल की अनुसाशन समिति के समक्ष 11 अगस्त को रुपेश को अपना पक्ष रखना है।